फुल रफ्तार से बढ़ा मूल्यांकन, सोशल साइंस में आकर अटके
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। कक्षा पाँचवी-आठवीं के मूल्यांकन में हुई देरी की सबसे बड़ी वजह अंग्रेजी मीडियम के शिक्षकों की कमी रही है। यही वजह है कि बाकी विषयों की कॉपियाँ तो फुल रफ्तार में चैक हो गईं लेकिन सोशल साइंस में आकर पूरा मसला अटक गया। अब शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों से अंग्रेजी मीडियम के शिक्षक माँगे हैं।
शिक्षा विभाग ने इस बात के लिए भी दबाव बनाना शुरू कर दिया है कि हिन्दी मीडियम के शिक्षक ही अंग्रेजी मीडियम की सोशल साइंस की कॉपियाँ चैक करें। लेकिन कई शिक्षक इस बात को लेकर घबरा गए हैं कि कॉपियाँ जाँची जाती हैं और गल्तियाँ होती हैं तो उसके लिए उन्हीं को जिम्मेदार माना जाएगा। इस डर से कई शिक्षकों ने रानी दुर्गावती स्कूल में बनाए गए मूल्यांकन केंद्र में जाना ही बंद कर दिया है।
दो विषय रह गए शेष
कक्षा आठवीं के सभी विषयों की काॅपियों की जाँच रविवार को पूरी कर दी गई। केवल सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान विषय की अंग्रेजी काॅपियाें की जाँच शेष है। करीब 25 हजार काॅपियाँ जाँची जानी शेष हैं। जबकि लोकल काॅपियों की जाँच पूरी की जा चुकी है जबकि दूसरे जिले से करीब 1.60 लाख कापियाँ जबलपुर में भेजी गई हैं जो परेशानी की वजह बनी हैं।
हाजिर नही हुए तो कटेगा वेतन
इधर जिला परियोजना समन्वयक ने सभी मूल्याकनकर्ताओं से कहा है कि अगर वे बिना सूचना के मूल्यांकन केंन्द्र से अनुपस्थित रहते है तो उनका वेतन काटा जाएगा। डीपीसी योगेश शर्मा ने कहा कि सामाजिक विज्ञान की अंग्रेजी माध्यम की कापियाँ जल्द चैंक हो इसके लिए उन्होने अंग्रजी मीडियम की शलाओं से शिक्षकों की डिमांड की है। जिससे मूल्यांकन कार्य शीर्घ पूरा किया जा सके।
Created On :   1 May 2023 5:48 PM IST