दिसंबर में बिल वसूली में सभी रहे फिसड्डी, महावितरण के राजस्व पर हुआ असर

डिजिटल डेस्क, नागपुर. आर्थिक तंगी में चल रहा महावितरण दिसंबर में बिल की वसूली में फिसड्डी साबित हुआ है। दिसंबर में हुई बिजली कर्मियों की हड़ताल व शीत सत्र का सीधा असर वसूली पर हुआ है। बकाया बिल के साथ ही चालू बिल की भी सौ फीसदी वसूली नहीं हो सकी है। महावितरण नागपुर जोन (नागपुर व वर्धा जिला) की बात करें, तो बिल वसूली 94 फीसदी तक ही हो सकी है। शनिवार को मुख्य अभियंता ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अभियंताआें के साथ बैठक की और दिसंबर में हुई कम वसूली पर नाराजगी जताई। सरकार ने शीत सत्र के दौरान उपभोक्ताओं के प्रति नरम रुख अपनाने का अघोषित फरमान महावितरण अधिकारियों के लिए जारी किया था। बिल वसूली या लाइन काटने जैसे मुद्दे को लेकर विपक्ष शीत सत्र में कोई हंगामा खड़ा न करे, यह इसका उद्देश्य था। इस बीच अडाणी ने विद्युत आपूर्ति के समानांतर लाइसेंस के लिए एमईआरसी के पास आवेदन करने की बात बाहर आते ही बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन किया। विधानसभा पर बिजली कर्मचारियों का मोर्चा भी पहुंचा। निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों ने वसूली बंद आंदोलन किया। इससे महावितरण के राजस्व पर असर हुआ है। पुराने बकाए के साथ ही दिसंबर के बिल की भी पूरी वसूली नहीं हो सकी। सामान्यत: बकाया व चालू बिल मिलाकर डेढ़ सौ फीसदी तक वसूली होती है। दिसंबर में वसूली का ग्राफ गिरने से महावितरण के राजस्व पर चोट पहुंची है।
महावितरण के मुख्य अभियंता ने शनिवार को मीटिंग में स्पष्ट किया कि 94 फीसदी वसूली से काम नहीं चलेगा। जितना भी बकाया बिल है, उसका 25 फीसदी तक व जनवरी का बिल 100 फीसदी वसूल करने को कहा। किसानों के कनेक्शन काटने पर रोक लगी है। कृषि पंपों के चालू बिल की 100 फीसदी वसूली करनी है। अगर कोई चालू बिल भी नहीं भरता, ताे पहले सूचना दी जाए, फिर समय दिया जाए आैर इसके बाद भी प्रतिसाद नहीं मिलता तो लाइन काटी जा सकती है। जोन के सभी वितरण केंद्रों को इस महीने लक्ष्य के मुताबिक वसूली करनी है।
Created On :   15 Jan 2023 6:23 PM IST