पांच सूत्री मांग को लेकर पूर्व सैनिकों का कलेक्ट्रेट पर धरना
डिजिटल डेस्क, अकोला. वन रैंक वन पेंशन-2 में विसंगति का आरोप लगाते हुए भारतीय पूर्व सैनिक संघ महाराष्ट्र के बैनर तले सोमवार को पूर्व सैनिकों ने जिलाधिकारी कार्यालय परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। इस आंदोलन में भूतपूर्व सैनिक पांच सूत्री मांग कर रहे थे। प्रदर्शन व धरना आंदोलन के बाद मांग से संबंधित राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया है। ज्ञापन में कहा गया है कि सरकार ने वन रैंक वन पेंशन दिया। इससे खुश होकर देश के पूर्व सैनिकों ने हर घर जाकर भाजपा को वोट देने के लिए अपनों को प्रेरित किया. 2019 में पूर्ण बहुमत की सरकार बनी। उन्होंने कहा कि सेना के रिटायर अधिकारी की कुटिल नीति ने वन रैंक वन पेंशन-2 में आर्मी, एयरफोर्स, नेवी के रिटायर जवान जेसीओ का पेट काटने का काम किया है। जवान जेसीओ के साथ हुए नाइंसाफी को लेकर देश के जवान जेसीओ का संगठन 20 फरवरी से लगातार दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। हमलोग उसका समर्थन करते हुए सरकार से वन रैंक वन पेंशन-2 में हुए विसंगतियों को संशोधित करने की मांग कर रहे हैं। जुलाई 2014 के बाद वाले पीएमआर (वीआरएस) को वन रैंक वन पेंशन से बाहर कर दिया गया। जबकि भर्ती के शर्त के मुताबिक 15+2 साल के सेवा बाद वीआरएस लिया सैनिक पीएमआर नहीं होता है. वीरांगनाओं, शहीद जवान जेसीओ के पत्नी के फेमिली पेंशन और अधिकारी के फेमिली पेंशन में बहुत बड़ा भेदभाव है। अधिकारी के मुकाबले डिसेबल पेंशन में जवान जेसीओ को कोई खास फायदा नहीं, डिसेबल भत्ता सभी रैंक का एक समान हो, जब वेतन सबका अलग तो डिसेबल भत्ता एक समान क्यों नहीं? जवान जेसीओ के सर्विस पेंशन में अधिकारी के मुकाबले कोई खास बढ़ोत्तरी नहीं हुई है। इक्वल एमएसपी एवं अन्य भत्ता बराबर कर जवान जेसीओ के खोए सम्मान को सरकार वापस करे। देश के सभी पूर्व सैनिकों का उपरोक्त पांच सूत्रीय मांग न्यायसंगत है। वन रैंक वन पेंशन-2 में तत्काल प्रभाव से संशोधन कर उपरोक्त कमियों का त्वरित निवारण किया जाए। ऐसी मांग भी की गई। आंदोलन में संतोष कुटे, राम बुलुकुले, सुबेदार सुरेश जवकार, सुबेदार मेजर डी धांडे आदि शामिल हुए।
Created On :   4 April 2023 5:45 PM IST