डॉ पायल तडवी मामले में RTI से खुलासा : अस्पताल को पहले मिली थी रैंगिग की कई शिकायतें    

Expose from RTI in dr tadvi case : ragging complaints received by hospital
डॉ पायल तडवी मामले में RTI से खुलासा : अस्पताल को पहले मिली थी रैंगिग की कई शिकायतें    
डॉ पायल तडवी मामले में RTI से खुलासा : अस्पताल को पहले मिली थी रैंगिग की कई शिकायतें    

डिजिटल डेस्क, मुंबई। डॉक्टर पायल तडवी आत्महत्या मामले से पहले भी नायर अस्पताल प्रशासन को रैगिंग से जुड़ी शिकायतें मिलतीं रहीं हैं। आरटीआई से खुलासा हुआ है कि पिछले पांच सालों में नायर अस्पताल प्रशासन को रैगिंग की चार शिकायतें मिलीं हैं। हैरानी की बात यह है कि ज्यादातर मामलों में आरोपियों के खिलाफ छोटी मोटी कार्रवाई कर शिकायत रफा दफा कर दी गई।

आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख को अस्पताल प्रशासन ने जानकारी दी है कि साल 2014 में बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी विभाग के दो छात्रों ने एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के खिलाफ अस्पताल प्रशासन और रैगिंग विरोधी समिति से शिकायत की थी। साल 2015 में माइक्रोबाइलाजी के दो निवासी डॉक्टरों ने रैगिंग के खिलाफ शिकायत की थी। इसी साल दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रहे फिजियोलॉजी डॉक्टर ने भी एक शिकायत की थी। साल 2018 में भी अस्पताल प्रशासन को रैगिंग की एक शिकायत मिली थी। सभी शिकायतें टोल फ्री नंबर के जरिए की गईं थीं।

अस्पताल की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 से रैगिंग विरोधी समिति ने 21 बैठकें कीं और सिर्फ एक विद्यार्थी से रैगिंग के मामले में चर्चा की। इसके अलावा रैगिंग के मामले में दो विद्यार्थियों के खिलाफ निलंबन की भी कार्रवाई की गई है। शेख के मुताबिक अगर रैगिंग विरोधी समिति ने पुराने मामलों में शिकायतों की छानबीन कर समय पर कठोर कार्रवाई की होती तो शायद पायल तडवी को आत्महत्या न करनी पड़ती।

 

Created On :   8 July 2019 1:55 PM GMT

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