फडणवीस RSS की प्रमुख संस्था रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी के अध्यक्ष बने

Fadnavis became the president of Rambhau Mhalgi Prabodhini, the premier organization of RSS
फडणवीस RSS की प्रमुख संस्था रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी के अध्यक्ष बने
फडणवीस RSS की प्रमुख संस्था रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी के अध्यक्ष बने

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस को रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी संस्था का अध्यक्ष बनाया गया है। जबकि उपाध्यक्ष पद पर राज्यसभा सांसद विनय सहस्त्र बुध्दे का चुना गया है। संस्था के सचिव पद पर भाई गिरकर व कोषाध्यक्ष पद के लिए अरविंद रेगे को नियुक्त किया गया है। शनिवार को संस्था की आमसभा की बैठक हुई। बैठक के दौरान फडणवीस सहित सभी पदाधिकारियों का चुनाव किया गया। इससे पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अ.भा.संपर्क प्रमुख अनिरुद्ध देशपांडे के पास संस्था के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी थी। देशपांडे का कार्यकाल समाप्त होने के बाद फडणवीस का चुनाव किया गया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ इकोनॉमिक कॉउन्सिल से सलंग्न रामभाऊ म्हलगी प्रबोधिनी संस्था 1982 से जनहित के कार्यों में सक्रिय है। यह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी प्रमुख संस्था है। 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय से लौटने के दूसरे दिन उनकी नियुक्ति की गई। दावा किया जा रहा है कि राज्य में भाजपा की राजनीतिक ताकत बढ़ाने के लिए तेजी से नए कार्य किए जाएंगे। संघ भले ही प्रत्यक्ष राजनीति से इनकार करता है लेकिन वह  भाजपा को राजनीतिक संरक्षण देते रहता है। बीते कुछ समय से भीतरी तौर पर सुगबुगाहट थी कि संघ व भाजपा के कुछ पदाधिकारियों के बीच सबकुछ ठीकठाक नहीं चल रहा है। लिहाजा अब फडणवीस का महत्व संगठन मामले में भी बढ़ाया जा रहा है। प्रयास यही है कि संगठनात्मक निर्णय के मामले में मतभेद प्रभावी न रहे।

अचानक आए थे संघ मुख्यालय

गौरतलब है कि गुरुवार को फडणवीस व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील अचानक संघ मुख्यालय पहुंचे थे। उन्होंने सरसंघचालक डॉ.मोहन भागवत व सरकार्यवाह भैयाजी जोशी से मुलाकात की थी। उनकी मुलाकात को लेकर विविध स्तर पर कयासों का दौर चल रहा था। शनिवार को फडणवीस को रामभाऊ प्रबोधनी का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद उनके संघ के अचानक दौरे का साफ मतलब सामने आया है। रामभाऊ प्रबोधनी को नेता निर्माण की पाठशाला भी कहा जाता है। मुंबई के उत्तन में यह संस्था है। संघ व भाजपा के प्रभाव वाली इस संस्था में स्नातक स्तर के पाठ्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ डेमोक्रेटिक लीडरशिप पाठ्यक्रम के तहत राजनीति, प्रशासन व जनता से जुड़े विषयों की पढ़ाई की जाती है। होस्टल व जिम की सुविधा भी उपलब्ब्ध करायी जा रही है। इस प्रबोधनी का सीधा संबंध संघ व संघ के प्रमुख पदाधिकारियों से रहता है। राजनीतिक सक्रियता के बाद भी इस एकेडमिक संस्था के प्रमुख की जिम्मेदारी फडणवीस को ही क्यों दी गई इस विषय को लेकर भी कयासों का दौर चल सकता है।

बाधा दूर

यह भी बताया जा रहा है कि संगठन मामले में फडणवीस कुछ बाधा जताने लगे थे। भाजपा में प्रदेश संगठन मंत्री पद काफी महत्व रखता है। इस पद पर संघ कार्यकर्ता को ही जिम्मेदारी दी जाती है। भाजपा की विविध संगठनात्मक बैठक में प्रदेश संगठन मंत्री निर्णायक की भूमिका में रहते हैं। पहले रवींद्र भुसारी संगठन मंत्री थे। उनके स्थान पर पुणे के विजय पुराणिक को संगठन मंत्री बनाया गया। लेकिन चर्चा सुनी जाती रही कि पुराणिक भाजपा नेताओं व फडणवीस पाटील के विविध निर्णयों पर आम तौर पर सहमत नहीं रहते थे। मुंबई में पदाधिकारियों की नियुक्ति हो या फिर विविध चुनावों में उम्मीदवार चयन टीम का मामला, पुराणिक को लेकर कुछ नेता अक्सर  नाराज रहते थे। लिहाजा इसी सप्ताह पुराणिक को हटाकर श्रीकांत भारतीय को प्रदेश संगठन मंत्री नियुक्त किया गया है। भारतीय को फडणवीस -पाटील के समर्थकों में गिना जाता है। भाजपा के एक पदाधिकारी की माने तो जल्द ही प्रदेश भाजपा में फडणवीस-पाटील के निर्देश पर कुछ नए बदलाव दिख सकते हैं।


 

Created On :   13 March 2021 7:39 PM IST

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