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फडणवीस ने कहा- सरकार से नाराज होकर दिल्ली जा रहे हैं पुलिस महानिदेशक, भरोसे में लिए बगैर हुए फैसले
डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुबोध कुमार जायसवाल के केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे सरकार पर निशाना साधा है। गुरूवार को पत्रकारों से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि राज्य को एक बेहद कार्यक्षम डीजी मिले थे लेकिन सरकार डीजी के भरोसे में लिए बिना फैसले कर रही थी। यह महाराष्ट्र में पहली बार हो रहा था। इसी से नाराज होकर डीजी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति मांगी थी जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। राज्य सरकार को समझना चाहिए कि पोलिसिंग स्वतंत्र विभाग है। यह भले ही गृह विभाग के अंतर्गत आता है लेकिन उसके लिए एक स्वायत्ता दी गई है। गृहमंत्री और मुख्यमंत्री का काम केवल निगरानी रखने का है। लेकिन मौजूदा समय में छोटे-छोटे तबादलों से लेकर हर जगह हस्तक्षेप हो रहा है और इसके चलते ही डीजी ने यह फैसला लिया। इतने सालों में पहली बार ऐसा हुआ है कि सरकार के कामकाज से परेशान होकर पुलिस महानिदेशक जा रहे हैं। यह राज्य के लिए कोई अच्छी बात नहीं है। इससे निश्चित रूप से पुलिस बल के महकमे पर असर पड़ेगा और अच्छे लोगों को इस तरह अपने यहां से जाने देना ठीक नहीं है।
बता दें कि बुधवार को केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र के डीजीपी सुबोध कुमार जायसवाल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) का महानिदेशक नियुक्त करने से जुड़ा आदेश जारी किया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने गृहमंत्रालय के इस प्रस्ताव को मंजूर कर 30 सितंबर 2022 तक जायसवाल को इस पद पर नियुक्त करने की मंजूरी दी है। सूत्रों के मुताबिक जायसवाल आईपीएस अधिकारियों को दो साल से पहले एक जगह से हटाए जाने से खुश नहीं थे। पुलिसवालों के तबादले में राजनीतिक हस्तक्षेप जायसवाल को नागवार गुजरे। एक समय उन्होंने सरकार द्वारा भेजी गई सूची पर हस्ताक्षर से भी इनकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति मांगी थी। 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल इससे पहले भी दिल्ली में रिसर्च एंड एनिसिस विंग (रॉ) में काम कर चुके हैं। राज्य सरकार ने करीब डेढ़ महीने पहले ही इस नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी। नए डीजीपी के ऐलान के बाद उसे पदभार सौंपकर जायसवाल केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाएंगे।
हेमंत नागराले दौड़ में सबसे आगे
फिलहाल 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले इस सूची में सबसे आगे दिख रहे हैं। नागराले का 19 महीने का कार्यकाल बचा हुआ है। नागराले फिलहाल पुलिस महानिदेशक (विधि व तंत्रज्ञान) हैं। वहीं जायसवाल के बाद राज्य में फिलहाल संजय पांडे सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं लेकिन सरकारों से उनकी खींचतान जगजाहिर है, इसलिए उनकी इस पद पर नियुक्ति मुश्किल लग रही है। पांडे को जून 2021 में सेवा निवृत्त होना है। वरिष्ठ अधिकारियों की सूची में बिपिन बिहारी और डीजी जेल सुरेंद्र पांडे का नाम भी शामिल है लेकिन एक-दो महीने में ही दोनों की सेवानिवृत्ति होनी है। ऐसे में सरकार के पास छह महीने का सेवा विस्तार देने का विकल्प होगा लेकिन सरकार ऐसा करेगी इस पर संदेह है। वहीं डीजी (जेल) सुरेंद्र पांडे और डीजी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) रजनीश सेठ और मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी इस दौड़ में शामिल हैं।
यह होती है नियुक्ति की प्रक्रिया
बहुचर्चित सुरेंद्र सिंह मामले में सुप्रीमकोर्ट द्वारा जारी दिशानिर्देशों के मुताबिक डीजीपी की नियुक्ति के लिए एक प्रक्रिया निर्धारित की गई है जिसके तहत गृह विभाग सेवा में 30 साल पूरा कर चुके अधिकारियों की सूची वरिष्ठता के आधार पर यूपीएससी को भेजता था। यूपीएससी इनमें से तीन नामों का चयन कर राज्य सरकार को वापस भेजता है। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री इन तीन नामों में से एक का चयन कर सकते हैं।
Created On :   31 Dec 2020 6:12 PM IST