हरियाणा की तर्ज पर महाराष्ट्र में लागू होगी परिवार पहचान पत्र योजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’. हरियाणा में लोकप्रिय हुई परिवार पहचान पत्र योजना (पीपीपी) को महाराष्ट्र में लागू करने की तैयारी चल रही है। इस योजना को लेकर राज्य के मंत्रियों और अधिकारियों के हरियाणा दौरे के बाद बीते बुधवार को इस संदर्भ में मंत्रालय में बैठक हुई। इसके पहले पिछले साल अक्टूबर में राज्य के राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखेपाटील औरखनन व बंदरगाह मंत्री दादा भूसे ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हरियाणा जाकर परिवार पहचान पत्र योजना का अध्ययन किया था। उस दौरान महाराष्ट्र से गए प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर खट्टर से भी मुलाकात की थी। हरियाणा में पीपीपी के माध्यम से सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं में अपात्र लाभार्थियों की लीकेज खत्म हुई है।परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) का प्राथमिक उद्देश्य हरियाणा में सभी परिवारों का प्रामाणिक, सत्यापित और विश्वसनीय डेटा तैयार करना है। पीपीपी हरियाणा में प्रत्येक परिवार की पहचान करता है और परिवार की बुनियादी डेटा को डिजिटल प्रारूप में परिवार की सहमति से प्रदान करता है।
ऐसे काम करता है परिवार पहचान पत्र
हरियाणा में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से चलाई जा रही सभी पेंशन योजनाओं को पीपीपी से जोड़ दिया गया है। इससे पात्र व्यक्तियों को अपने काम के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते। वृद्धावस्थापेंशन के लिए जैसे ही कोई व्यक्ति निर्धारित उम्र पूरी करता है, विभाग के अधिकारी एक महीने पहले उससे अनुमति फॉर्म पर हस्ताक्षर करवा लेते हैं। इसके बाद पेंशन की उम्र पूरी होते ही पीपीपी के माध्यम से उसकी पेंशन स्वतः ही शुरू हो जाती है। पीपीपी के माध्यम से गरीब परिवारों की आय सत्यापन करके पीले राशन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं।
पीपीपी में होगा ये जानकारियां
परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) में परिवार की सालाना आय,जमीन-संपत्ति, वाहन सहित शिक्षा व जाति की जानकारी शामिल होगी।पीपीपी में एक परिवार के सभी सदस्यों के नाम शामिल रहेंगे। महाराष्ट्र सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिलहाल बुधवार को मंत्रालय में हुई बैठक में प्राथमिक चर्चा हुई है। जल्द ही इस बारे में और बैठक होगी।महाराष्ट्र से गए प्रतिनिधिमंडल ने वहां विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों से सीधी बातचीत कर योजनाओं के बारे विस्तार से जानकारी ली थी। प्रतिनिधिमंडल में मंत्री विखे पाटिल, दादा भुसे के अलावा ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश कुमार, मदद वपुनर्वासविभाग के प्रधान सचिव असीम कुमार गुप्ता, उपमुख्यमंत्री के सचिव श्रीकर परदेसी, मुख्यमंत्री कार्यालय के डॉ आनंद मढिया शामिल थे।
तमिलनाडू, कर्नाटक, राजस्थान
Created On :   15 Feb 2023 9:08 PM IST