कीटनाशक से मौत मामला: सरकार ने कोर्ट में पेश किया कार्रवाई का ब्योरा

farmers death by pesticides: government presented details of action taken
कीटनाशक से मौत मामला: सरकार ने कोर्ट में पेश किया कार्रवाई का ब्योरा
कीटनाशक से मौत मामला: सरकार ने कोर्ट में पेश किया कार्रवाई का ब्योरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यवतमाल सहित विदर्भ में कीटनाशकों से किसानों और मजदूरों की मौत मामले में राज्य सरकार ने कोर्ट में अपनी भूमिका स्पष्ट की है। यवतमाल के जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख के शपथपत्र के अनुसार कीटनाशक के कारण यवतमाल जिले में 21 लोगों की मृत्यु हुई और 828 लोग पीड़ित हुए हैं। इसमें 19 मृतकों के परिवारों को दो-दो लाख रुपए की मदद दी गई है।  दो के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इसी तरह पीड़ितों को इलाज के लिए 5 हजार रुपए की मदद दी गई है। कृषि विभाग के सचिव के हवाले से कोर्ट में दायर शपथपत्र में बताया गया है कि ऐसे हादसों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से किसानों में जागरूकता लाने की कोशिश कर रही है। 


कृषि आयुक्त ने किया कार्रवाई का ब्योरा

कीटनाशकों से हुए हादसे के लिए उन्होंने अमरावती विभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) भी गठित की है। इस मामले में कृषि आयुक्त ने भी अब तक हुई कार्रवाई का ब्योरा दिया है। उन्होंने अपने शपथपत्र में कोर्ट को बताया है कि विभाग ने कृषि प्रबंधक के नेतृत्व में समिति स्थापित की है, जो कीटनाशकों के सही और सुरक्षित इस्तेमाल पर निगाह रखेगी। विभाग में घातक कीटनाशकों के उपयोग पर अगले 60 दिनों के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही अवैध कीटनाशक बेचने वाले उत्पादकों और वितरकों के खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। मामले में कोर्ट ने दो सप्ताह बाद सुनवाई रखी है।

यह है मामला

कोर्ट में दायर याचिका में प्रदेश के कीटनाशक अधिनियम-1971 को लागू करने पर जोर दिया गया है। याचिकाकर्ता का दावा है कि यदि सरकार और प्रशासन यह अधिनियम सख्ती से लागू करता, तो यवतमाल में हुए हादसे को टाला जा सकता था। याचिका में यह भी आरोप है कि अधिनियम के दिशा-निर्देशों को प्रशासन ने जानबूझ कर नजरअंदाज किया है, ताकि कीटनाशक कंपनियों को फायदा पहुंचाया जा सके। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से इस मामले में न्यायिक जांच या एसआईटी से जांच करा कर दोषियों पर कानूनी कार्रवाई करने की प्रार्थना की है। साथ ही जिम्मेदार विक्रेताओं की दुकानें और गोदाम सील करने की मांग की है। दुर्घटना में मृतकों के परिवार को 20 लाख रुपए और घायलों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की गई है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. अरविंद वाघमारे ने पक्ष रखा।

Created On :   31 Oct 2017 11:35 PM IST

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