किसानों ने पानी के लिए शुरू किया जलसमाधि आंदोलन, कहा - न्याय नहीं मिला

डिजिटल डेस्क, आर्णी (यवतमाल). दिग्रस के अरूणावती परियोजना से सिंचाई के लिए पानी नहीं मिलने के कारण गुरुवार को सैकड़ों किसानों ने परियोजना के बैक वॉटर में जलसमाधि आंदोलन शुरू किया, जिसमें एक किसान गहरे पानी में उतर गया। इस समय उसके इर्दगीर्द किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे। उन्होंने बताया कि जब तक सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारी आकर किसानों को रबी की फसल सिंचाई के लिए पानी देने का आश्वासन नहीं देते तब तक पीछे नहीं हटेंगे। समाचार लिखे जाने तक कोई भी यवतमाल या अमरावती का वरिष्ठ सिंचाई अधिकारी नहीं आया था, जिससे यह आंदोलन शुरू है। सिंचाई विभाग के संबधित अधिकारियों को कई बार लिखित शिकायतें दी गई पर सिंचाई के लिए पानी नहीं मिला।
लोकशाही दिवस में भी शिकायत जिलास्तर पर दी गई थी। वहां पर भी जिलाधिकारी से न्याय नहीं मिला, इसलिए जलसमाधि आंदोलन करने की नौबत जिला एवं सिंचाई प्रशासन द्वारा किसानों पर आ गयी है। उल्लेखनीय है कि अरूणावती बांध के पानी का नियोजन करने, किसानों को वितरित करने आदि के लिए 24 शाखा अभियंता की पोस्ट मंजूर है। इसमें से सिर्फ 4 अभियंता यहां कार्यरत है। उसमें से 2 की पदोन्नति हो चुकी है तो एक रिटायर होनेवाला है। ऐसे में एक मात्र इंजीनियर के भरोसे यह सब काम हो नहीं सकते। इसलिए इन 24 इंजीनियरों की नियुक्ति शीघ्र करके पानी दिया जाए ताकि लगाई गई रबी की फसल से उत्पादन हो सके। खरीफ मौसम की फसल वैसे ही बर्बाद हो गई थी। जिससे किसानों का पूरा दारोमदार रबी की फसल पर निर्भर है। सोयाबीन, तुअर, कपास यह फसल बर्बाद हो जाने से किसान पहलेही परेशान थे। अब रब्बी की फसल के लिए पानी नही मिलने से उनका सिरदर्द बढ चुका है। पूर्व विधायक श्रीकांत मुनगीनवार के नेतृत्व ममें यह सैकडों किसान गुरूवार की दोपहर 12 बजे अरूणावती नदी के बैकवाटर में जलसमाधी के लिए पहुंचे थे। यह बैकवाटर चिरकुट गांव में आता है।
वहां पर कार्यकारी अभियंता विनोद बागुल, उपविभागीय अभियंता अमोल चव्हाण, यांत्रिकी अभियंता झंझाल, दिपक हिरोले , शाखा अभियंता अमरावती धनराज कुमरे, नंदकिशोर बोहणे, सचिन शेंडगे, स्थापत्य अभियंता उज्वल तालपेलवार आदि से किसानों की चर्चा हुई। मगर सिंचाई के लिए पानी कब मिलेगा इसका जबाब नही मिला। जिससे सिंचाई के यवतमाल के अधिक्षक इंजिनियर मनिष भोजराज, अमरावती के विभागीय इंजिनियर टाले, आंदोलनस्थल पर आए और उनकी समस्या का निवारण करें ऐसी मांग आंदोलनकारी किसानों की है। इस समय किसान इन सिंचाई अधिकारी, जिला प्रशासन के खिलाफ नारे लगा रहे थे। क्योंकि तहसील के आर्णी, कुर्हा डु, केलझरा, भानसरा, कोलवण, देऊरवाडी समेत अन्य गावों के सैकडों किसान इस आंदोलन में शामिल हुए थे। किसानों क मांग है कि अंतिम छोर तक के खेत को इस सिंचाई योजना का पानी मिले।
पानी कब मिलेगा
श्रीकांत मुनगीवार, पूर्व विधायक के मुताबिक अरूणावती परियोजना के बैक वॉटर से सिंचाई के लिए पानी किसानों को कब मिलेगा ऐसा सवाल पूर्व विधायक श्रीकांत मुनगीनवार ने उपस्थित सिंचाई अधिकारियों से किया। मगर वे जवाब नहीं दे पाए। जिससे उन्होंने संतप्त होकर कहा कि जिला प्रशासन के जिलास्तरी लोकशाही दिन में भी किसानों ने सिंचाई के लिए पानी देने की समस्या निवारण करने हेतु शिकायत दी थी। मगर वहां पर भी इस शिकायत का निवारण नही हुआ। जबतक सिंचाई के वरिष्ठ अधिकारी आकर लिखितरूप से आश्वासन नही देते तबतक यह आंदोलन चलता रहेंगा।
Created On :   12 Jan 2023 9:09 PM IST