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रूठे इंद्रदेव को मनाने किसानों ने की पूजा-अर्चना, मांगी मन्नत

डिजिटल डेस्क, आष्टी(गड़चिरोली)। मृग नक्षत्र की तरह अब आद्रा नक्षत्र में भी इंद्रदेव के रूठे रहने से किसानों पर फिर एक बार संकट के बादल मंडराने लगे हैं। रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए किसानों ने समीपस्थ चपराला देवस्थान में मत्था टेककर बारिश के लिए मन्नत मांगी। क्षेत्र के किसानों ने बारिश के लिए चपराला देवस्थान में पूजा-अर्चना भी की। आमतौर पर मृग नक्षत्र में किसान धान के बीजों की बुआई करते हैं। आद्रा के आरंभ होते ही रोपाई कार्य होता है, लेकिन धान उत्पादक गड़चिरोली जिले के किसान इस वर्ष भी बारिश के अभाव में संकट में पड़ गए हैं। मृग नक्षत्र में केवल 3 दिनों तक बारिश हुई। इस अवधि में अधिकांश किसानों ने बुआई कार्य नहीं किया।
अब आद्रा नक्षत्रमें भी बारिश नहीं होने से किसान परेशान हैं। उन्होंने इंद्रदेव को मनाने के लिए चपराला देवस्थान में जाकर पूजा-अर्चना की। क्षेत्र के कढोली समेत अन्य गांवों के किसानों ने तबला व खंजेरी बजाकर इंद्र देवता को मनाने का प्रयास किया। इस समय गांव के पुजारियों ने देवस्थान में भी पूजा की। बता दें कि, आष्टी स्थित चपराला देवस्थान क्षेत्रवासियों के लिए श्रद्धास्थान है। यहां मांगी जाने वाली मन्नत पूरी होने की श्रद्धा क्षेत्र वासियों में है। इसी कारण रूठे मेघ को मनाने के लिए किसानों ने यहां पूजा की।
इस समय कढोली के गांव पुजारी देवाजी मड़ावी, संतदास मधुकर कोसरे, आत्माराम कोहपरे, रामाजी सोनुले, नाजुक नेवारे, रघु चौधरी, श्यामराव रंधये, माना गुंडरे, गंगाधर कोल्हे, श्यामराव ठाकरे समेत बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है मृग नक्षत्र में बारिश हो जाए तो किसान इसे शुभ मानकर बुआई,रोपाई शुरू कर देते हैं, लेकिन मृग बहार में दो-तीन दिन बरसने के बाद बारिश गायब हो गई है। जिन किसानों ने बुआई की उनके अंकुर तो निकले, लेकिन बारिश न होने व तेज धूप के कारण जल गए हैं। किसानों पर दोबारा बुआई का संकट आन पड़ा है। बारिश की मनोकामना के साथ किसानों ने इंद्रदेव को प्रसन्न करने पूजा-अर्चना की।
Created On :   26 Jun 2018 4:08 PM IST