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दैनिक भास्कर हिंदी: फादर्स-डे : किसी ने अपने बच्चों को मां की कमी महसूस नहीं होने दी, तो किसी के बच्चे उसे वृद्धाश्रम छोड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पिता को सम्मान देने के लिए फादर्स-डे मनाया जाता है। हर वर्ष जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स-डे मनाया जाता है। कुछ बच्चे इस दिन अपने पिता को उपहार देते हैं और कुछ तरह-तरह की चीजें कर उनका दिन स्पेशल बनाते हैं। कुछ लोग अपने पिता के साथ बाहर घूमने जाते हैं, तो कुछ लोग इस दिन पिता के लिए स्पेशल खाना भी बनाते हैं। फादर्स-डे पर दो ऐसे उदाहरण हैं, जिनमें एक पिता बच्चों की मां की तरह परवरिश कर रहे हैं, तो वहीं एक पिता ऐसे भी हैं, जिन्हें उनके बेटे पूछ तक नहीं रहे हैं। फादर्स-डे पर किसी ने कटु तो किसी ने सुनहरे पलों को याद किया। पांचपावली निवासी निकिता व पवन वाट ने बताया कि पांच वर्ष पहले मां का देहांत हो गया। तब से पापा ने हम दोनों की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। मां की तरह वे सुबह उठकर हमारे लिए चाय-नाश्ता बनाते थे। निकिता ने बताया कि इस वर्ष एमएससी फाइनल में हूं। पापा इलेक्ट्रिक रिपेयरिंग का काम करते हैं। मैं सब्जी में छोंक लगाती हंू, तो पापा सब्जी काटकर देते हैं। मां की कमी तो कोई पूरी नहीं कर सकता, लेकिन पापा ने आज तक हम दोनों की आंखों में आंसू नहीं आने दिए। हमारी हर सपने पापा पूरे करते हैं। हमारे पापा दुनिया के बेस्ट पापा हैं। फादर्स-डे पर हमने पापा के लिए सरप्राइज प्लान किया है।
लॉकडाउन में पापा के साथ उठाया आनंद : फ्रेंड्स कॉलोनी निवासी सलोनी और किशन ने बताया कि लॉकडाउन में जब ऑफिस बंद थे, घर पर मैड नहीं आ रही थी। तो पापा ने मम्मी को बहुत सपोर्ट किया। हम बच्चों का भी पापा ने बहुत ध्यान रखा। शाम को पापा ही कुकिंग करते थे। पहले पापा इतने बिजी होते थे, कि उनके पास हमारे लिए समय ही नहीं था। लॉकडाउन में हमने पापा के साथ बहुत एंजॉय किया। इस बार फादर्स-डे पर पापा के लिए खास सरप्राइज प्लान किया हैं। पापा के लिए बहुत सुंदर कार्ड बनाया हैं। कोरोना के कारण फादर्स-डे घर पर ही मनाने वाले हैं। इस बार का फादर्स-डे बहुत ही स्पेशल हैं।
जहां एक ओर बच्चे अपने पिता के साथ फादर्स-डे मनाने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं वृद्धाश्रम में रहने वाले 85 वर्षीय बुजुर्ग पिता अपने बेटों की राह ताक रहे हैं। वृद्धाश्रम में रहने वाले एक बुजुर्ग पिता रामकृष्ण (बदला हुआ नाम) के 4 बेटे हैं। कुछ वर्ष पहले ही उनकी पत्नी का निधन हो गया। तब बेटों ने पिता को वृद्धाश्रम में छोड़ दिया। माता-पिता मिलकर 4 बेटों को पालते-पोसते हैं, लेकिन 4 बेटों के लिए एक पिता बोझ बन गया। फादर्स-डे पर पिता इसी आस में है, कि बेटों का फादर्स-डे के माैके पर फोन आएगा। लेकिन पिता हमेशा बच्चों की सलामती की दुआ करते हैं। वृद्धाश्रम में रहकर हर पल को उन्हें याद करते हैं।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।
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