वित्त मंत्री ने किया था आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्रिका जारी करने का वादा, जो पूरा नहीं हुआ

Finance minister promised to issue white paper on economic situation, not completed
वित्त मंत्री ने किया था आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्रिका जारी करने का वादा, जो पूरा नहीं हुआ
वित्त मंत्री ने किया था आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्रिका जारी करने का वादा, जो पूरा नहीं हुआ

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अनुशेष भरने में नाकाम रही राज्य सरकार 14 वर्ष पुराने वर्ष 1994 के अनुशेष से तुलना कर आंकड़े पेश कर रही है। मार्च 2018 की मौजूदा स्थिति से तुलना कर आंकड़े पेश करने पर सरकार को पोल खुलने का डर है। इसलिए पुराने आंकड़ों से तुलना कर विदर्भ की जनता को गुमराह किया जा रहा है। यह आरोप महाविदर्भ जनजागरण के संयोजक नितीन राेंगे ने पत्र परिषद में लगाया। महाराष्ट्र की सरकार में विदर्भ को महत्वपूर्ण पद मिले। मुख्यमंत्री से लेकर गृह, वित्त, कृषि, ऊर्जा, आबकारी, वन विदर्भ के हिस्से में आए। रोंगे ने कहा कि इन पदों  का विदर्भ को क्या लाभ मिला, इसका लेखाजोखा जनता के सामने रखने से सरकार कतरा रही है। वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने शपथ ग्रहण के बाद राज्य की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्रिका जारी करने का वादा किया था। सत्ता संभालकर 4 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, परंतु उन्होंने श्वेत पत्रिका जारी करने की हिम्मत नहीं दिखाई। जनता से किए वादे से इसलिए मुकर गए है, क्योंकि उन्हें अपनी सरकार की नाकामी उजागर होने का डर है। पत्र परिषद में दूसरे संयोजक दिलीप नरवड़िया उपस्थित थे। राज्यपाल को इस बात से अवगत कराने पर संज्ञान लेकर राज्य सरकार को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए। जनसंख्या के आधार पर विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र को प्रतिनिधित्व देने के लिए 15 अक्टूबर 2015 को मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित की गई। वित्त मंत्री मुनगंटीवार समिति के अध्यक्ष हैं। 3 महीने में उपसमिति को रिपोर्ट पेश करने का समय दिया गया था। दुर्भाग्य है कि अभी तक उपसमिति ने रिपोर्ट पेश नहीं की है। किसानों की कर्ज माफी के नाम पर भी विदर्भ के किसान ठगा महसूस कर रहे हैं। विदर्भ में राज्य के 28 प्रतिशत कृषि जमीन है। विदर्भ के कितने किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला, यह आंकड़ा सामने आने पर सरकार की करनी और कथनी में अंतर से पर्दा उठेगा। 

सम्मेलन में रोजगार पाने उमड़ी युवाओं की भीड़, करीब 30 को मिली नौकरी
 

‌वहीं दूसरी तरफ पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान एवं जिला कौशल रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र नागपुर के संयुक्त तत्वावधान में कामठी नगर परिषद के प्रांगण में आयोजित रोजगार सम्मेलन में रोजगार पाने के लिए हजारों प्रशिक्षित बेरोजगार युवकों की भीड़ उमड़ पड़ी। एक ही दिन में करीब 4 हजार आवेदन प्राप्त हुए। सम्मेलन में लोकल तथा कार्पोरेट इस प्रकार कुल 30 से 35 कंपनियों ने हिस्सा लिया। मौके पर ही करीब 30 लोगों को नौकरी मिलने की जानकारी नप सूत्रों ने दी है। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले तथा मार्गदर्शक के रूप में राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सुलेखा कुंभारे, नप अध्यक्ष मो. शाहजहां शफाअत अंसारी, उपाध्यक्ष अब्दुल मतीन खान, जिला कौशल रोजगार व उद्योजकता मार्गदर्शन केंद्र नागपुर के संचालक प्रवीण खंडारे आदि उपस्थित थे। युवाओं को मार्गदर्शन करते हुए पालकमंत्री ने कहा कि, रोजगार के क्षेत्र में स्पर्धाओं का दौर है। ऐसे में बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने का मौका फॉर्च्यून फाउंडेशन के सहयोग से मिल रहा है। यह पहला और सुनहरा मौका है कि, इतनी बड़ी तादाद में कंपनियां कामठी में आई और शहर के युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। रोजगार सम्मेलन में नागपुर, मुंबई, पुणे, अहमदनगर एवं दिल्ली की कुल 30 से 35 कंपनियों ने रोजगार के संबंध में अपने-अपने स्टॉल लगाकर जरूरतमंदों को नौकरी विषयक आवेदन स्वीकार करते हुए शैक्षणिक पात्रता एवं स्किल के अनुसार कॉल लेटर देकर प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराया गया। इस अवसर पर नप द्वारा अनुकंपातत्व के 16 सफाई कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र चंद्रशेखर बावनकुले, कुंभारे, अंसारी के हाथों प्रदान किए गए। भाजपा शहर अध्यक्ष विवेक मंगतानी, राजेश खंडेलवाल, पंकज वर्मा, नौशाद सिद्दीकी, अफजल अंसारी, कपिल गायधने, पार्षद संजय कनोजिया, प्रतीक पडोले, संध्या रायबोले, पिंकी वैद्य, स्नेहलता गजभिये, राजू पोलकमवार, वैशाली मानवटकर, मंदा चिमनकर, शाहेदा कलीम अंसारी, ममता कांबले, मोहम्मद अकरम, मोहम्मद आरीफ, सुभाष मंगतानी, तहसीलदार बाबासाहेब टेढे, नप मुख्याधिकारी रमाकांत डाके आदि उपस्थित थे। प्रस्तावना प्रदीप तांबे ने रखी। संचालन अब्दुल गफ्फार अंसारी ने किया तथा आभार सोनभद्रे ने माना। कार्यक्रम के सफलतार्थ राष्ट्रीय नागरी उपजीविका अभियान के शहर व्यवस्थापक प्रदीप तांबे, कौशल व उपजीविका प्रकल्प शहर व्यवस्थापक विशाल गजभिये आदि ने परिश्रम किया।

Created On :   24 Feb 2019 6:09 PM IST

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