फर्जी इंजेक्शन से सरकारी कर्मचारी की मौत मामले में एक दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। फर्जी इंजेक्शन लगाने के चलते सरकारी कर्मचारी के मौत के मामले में मुंबई पुलिस ने करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मंत्रालय में क्लर्क के तौर पर काम करने वाले विवेक कांबली की पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई से सैफी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। कांबली की पत्नी सुषमा ने उनकी मौत को लेकर संदेह जताया था। लौह तत्वों की कमी दूर करने के लिए कांबली को इंजेक्शन दिया गया था। जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ गई और जान चली गई। सुषमा ने कांबली को दिए गए इंजेक्शन को लेकर सवाल उठाया था जिसके बाद अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने मामले की छानबीन शुरू की थी। राज्य के अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) ने देशभर केड्रग कंट्रोलर एथॉरिटी को ओरोफर एफसीएम (फेरिककार्बोक्सीमेल्टोज) इंजेक्शन का खास बैच इस्तेमाल नकरने को कहा था। साथ ही बाजार में मौजूद इंजेक्शन वापस मंगा लिए गए थे। कंपनी ने दावा किया था कि उसके नाम पर बाजार में नकली दवाएं बेंची जा रहीं हैं। अब जांच में खुलासा हुआ है कि कांबली को दिया गया इंजेक्शन नकली ही था। इसके बाद एफडीए मेडिसिन इंस्पेक्टर राजेश बनकर की शिकायत के आधार पर पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी सील बनाने के आरोप में आईपीसी एवं ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की है। मामले में सैफी अस्पताल के मेडिसिन स्टोर, एनआरएस फार्मा, आदित्जीत फार्मा डिस्ट्रिब्यूटर्स, जैन एजेंसीज, देव फार्मा, एमडीके फार्मा, वर्धन डिस्ट्रिब्यूटर, सिद्धिविनायक फार्मा, एमसी मेडिटेक सिस्टम, जय मां अंबा मेडिकोज, कान्हा और जीआर फार्मा को आरोपी बनाया गया है।
Created On :   9 Jan 2023 8:57 PM IST