दोपहर में धधका गोरेवाड़ा जंगल, लेपर्ड सफारी को छूने लगीं थीं लपटें

fire spreads in Gorewada jungle situation was tensed, now control
दोपहर में धधका गोरेवाड़ा जंगल, लेपर्ड सफारी को छूने लगीं थीं लपटें
दोपहर में धधका गोरेवाड़ा जंगल, लेपर्ड सफारी को छूने लगीं थीं लपटें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। गुरुवार दोपहर गोरेवाड़ा जंगल अचानक धधकने लगा। जानकारी मिलते ही वन विभाग में खलबली मच गई। दमकल और वन विभाग के कर्मचारी-अधिकारी जब तक वहां पहुंचते आग ने काफी बड़े क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया। दमकलकर्मियों को इसे नियंत्रित करने में लगभग 2 घंटे लगे और इस दौरान 60 हेक्टेयर जंगल खाक हो गया था। फिलहाल आग की वजह साफ नहीं हो पाई है, लेकिन सूत्रों की मानें तो मानवीय गतिविधियों के कारण आग लगने की आशंका है।

लेपर्ड सफारी को छूने लगीं थीं लपटें
गोरेवाड़ा जंगल सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां बंदर, हिरण, खरगोश, भालू, बाघ, बिबट्या जैसे जानवरों का बसेरा है। रोज की तरह गुरुवार को गतिविधियां सामान्य ही चल रहीं थीं कि अचानक कुछ कर्मचारियों को रेस्क्यू सेंटर के सामने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के जूना पानी साइड में धुआं दिखाई दिया। देखते ही देखते आग की ऊंची लपटें निकलने लगीं। तुरंत संबंधित अधिकारियों को जानकारी दी गई। आनन-फानन में सिविल लाइन्स से अग्निशमन दल को बुलाया गया। तब 2.30 बजे थे। इस बीच, आग की लपटें निर्माणाधीन लेपर्ड सफारी को छूने लगीं। दमकलकर्मियों की सूझ-बूझ से आग पर काबू पा लिया गया। फायर फायटिंग यूनिट, वनरक्षक, वन-मजदूर और वन-अधिकारियों ने युद्धस्तर पर सहयोग दिया।

गतिविधियां बढ़ती जा रही
गोरेवाड़ा जंगल में लेपर्ड सफारी का काम चल रहा है। इस कारण यहां मानवी गतिविधियां बढ़ गई हैं। आग की वजह भी यही बताई जा रहा है। बाहरी व्यक्तियों की किसी न किसी गलती के कारण हादसा होने की बात बताई जा रही है। 

100 से ज्यादा लोगों ने की मशक्कत
नंदकिशोर काले, विभागीय प्रबंधक के मुताबिक आग दोपहर को एएसआई एरिया में लगी थी। आशंका है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति की एक गलती ने हादसे को न्योता दिया। बहरहाल, आग पर नियंत्रण पा लिया गया है। करीब 100 से ज्यादा लोगों ने अथक प्रयास किया। 

Created On :   11 Jan 2018 9:41 PM IST

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