- Dainik Bhaskar Hindi
- City
- Firstly do some social work, after we will hear PIL - HIgh court
दैनिक भास्कर हिंदी: 40 याचिकाएं दाखिल की हाईकोर्ट ने कहा- पहले सामाजिक कार्य करो फिर करेंगे सुनवाई, नीलगाय-जंगली सूअर मारने पर रोक कायम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ‘पहले कुछ सामाजिक कार्य करो फिर आप कि जनहित याचिका पर सुनवाई करेंगे।’ यह बात कहते हुए बांबे हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता सपन श्रीवास्तव को ठाणे जिले के आदिवासी इलाके में काम करने का निर्देश दिया है। करीब 40 जनहित याचिकाएं दायर करनेवाले श्रीवास्तव को मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग की खंडपीठ ने कहा कि पहले आप समाज से जुड़े काम करिए फिर आपकी याचिकाओं पर सुनवाई की जाएगी। खंडपीठ श्रीवास्तव को ठाणे जिले में विधि सेवा सहायता कमेटी के अध्यक्ष से संपर्क कर स्वंयसेवक के रुप में काम करने को कहा है। खंडपीठ ने श्रीवास्तव से कहा कि आप पहले पता लगाएं कि ठाणे जिले में कितने आदिवासी स्कूल हैं। इन स्कूलों में कितने बच्चे और शिक्षक हैं? क्या आदिवासी स्कूलों में पढने वाले बच्चों का मेडिकल चेकअप किया जाता है? खंडपीठ ने श्रीवास्तव को आदिवासी इलाके में 14 सप्ताह तक काम करने का निर्देश दिया है। दरअसल श्रीवास्तव ने लोकल ट्रेन के मोटरमैन के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य किए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि ड्रेस कोड न होने के चलते कोई भी लोकल ट्रेन के मोटरमैन के डिब्बे में जाकर ट्रेन लेकर भाग सकता है। शुक्रवार को जब श्रीवास्तव की याचिका मुख्य न्यायाधीश नांदराजोग की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी तो खंडपीठ ने कहा कि आप श्रीवास्तव ने 40 जनहित याचिकाएं दायर की हैं। पहले आप सामाजिक कार्य का महत्व समझिए और आदिवासी इलाके में जाकर काम करिए।
इस लिए मोटरमैन के लिए अनिवार्य नहीं है ड्रेसकोड
हालांकि इस मामले में रेलवे ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर याचिका का विरोध किया था। हलफनामे में रेलवे ने साफ किया है कि उसने मोटरमैन की सुरक्षा को लेकर उनके लिए ड्रेस कोड अनिवार्य नहीं किया है। क्योंकि कई बार तकनीकी खराबी के कारण ट्रेन रद्द की जाती है अथवा देरी से चलती है जिसका गुस्सा लोग ट्रेन के मोटरमैन पर उतारते हैं। अतित में मोटरमैनों पर कई हमले हुए हैं। इसलिए उन्हें कोई भी कपड़े पहनने की छुट दी गई है। रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए रेलवे पुलिस सुरक्षा बल व जीआरपी को तैनात किया है। याचिका निराधार है। इसलिए इस पर सुनवाई न की जाए।
नीलगाय-जंगली सूअर को मारने पर रोक कायम: हाईकोर्ट
इसके अलावा फसलों के नष्ट होने की स्थिति में नील गाय व जंगली सूअर को मारने की मानित अनुमति (डीम्ड परमिशन) देनेवाले नियम पर लगी रोक को बांबे हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। राज्य सरकार ने जुलाई 2015 में एक शासनादेश जारी कर फसलों को नष्ट होने से बचाने के लिए किसानों को जंगली सूअर व नील गाय का शिकार करने की अनुमति प्रदान की थी। इस शासनादेश में किए गए प्रावधान के मुताबिक यदि किसी किसान की फसल जंगली सूअर व नील गाय के चलते नष्ट हो रही है तो इसके लिए वह वन विभाग के अधिकारी (रेंज फारेस्ट आफिसर) के पास आवेदन करे। यदि 24 घंटे के भीतर वन अधिकारी किसान के आवेदन पर फैसला नहीं लेता है तो यह मान लिया जाएगा की किसान को जंगली सूअर व नील गाय को मारने की अनुतमि मिल गई है। सरकार के इस नियम के चलते सतारा इलाके में बडे पैमाने पर नील गाय की हुई हत्या के संबंध में छपी खबरों को देखते हुए पुणे निवासी जेके दलाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि सरकार का यह नियम वन्य जीव संरक्षण कानून 1972 के प्रावधानों के खिलाफ है। इस कानून की धारा 11 के अनुसार मुख्य वन्य जीव संरक्षक अधिकारी ही प्राणियों को मारने की अनुमति प्रदान कर सकता है। अनुमति में कारणों का उल्लेख करना जरुरी है। रेंज फारेस्ट आफिसर स्तर का अधिकारी ऐसे मामलों के लिए काफी कनिष्ठ होता है। ऐसे में रेंज फारेस्ट आफिसर को नील गाय व जंगली सूअर को मारने की अनुमति देने का नियम मनमानीपूर्ण है। इस दौरान याचिकाकर्ता की वकील कल्याणी तुलणकर ने कहा कि अदालत ने अक्टूबर 2016 में सरकार के नियम पर अंतरिम रोक लगाई थी। मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग व न्यायमूर्ति एनएम जामदार की खंडपीठ ने याचिका में उल्लेखित तथ्यों पर गौर करने के बाद नील गाय व जंगली सूअर को मारने की अनुमति देनेवाले मानित नियम पर लगी रोक को पुष्ट करते हुए इसे कायम रखा और याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया।
मनपा का वृक्ष प्राधिकरण में सदस्यों का अनुपात सही
बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका के वृक्ष प्राधिकरण के गठन को नियमों के अनुरुप बताया है। हाईकोर्ट ने मनपा के वृक्ष प्राधिकरण में नामित विशेषज्ञ सदस्यों व नगरसेवकों के अनुपात को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है। मौजूदा समय में मनपा के वृक्ष प्राधिकरण में 15 नगरसेवक व 5 नामित विशेषज्ञ सदस्य हैं। जिसे अनुचित बताते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जोरु भतेना ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि प्राधिकरण में अधिक विशेषज्ञ सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। याचिका पर गौर करने के बाद मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नांदराजोग की खंडपीठ ने कहा कि मनपा ने नियमों के अनुसार वृक्ष प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण कोई रस्साकशी का मैदान नहीं है जहां नगरसेवकों व विशेषज्ञ सदस्यों के बीच खीचातान हो। वृक्ष प्राधिकरण मुख्य रुप से विकास कार्यों के लिए पेड़ो को काटने की अनुमति प्रदान करता है।
CSS Founder: A Web Design Company डिजिटलाइजेशन को आगे बढ़ाने और मेड इन इंडिया का सपना पूरा करने में अपना योगदान दे रहा है।
डिजिटल डेस्क, नोएडा। CSS Founder एक वेबसाइट डिजाइनिंग कंपनी है जो कि मेक इन इंडिया के विजन को आगे बढ़ाने का लक्ष्य रखती है। हजारों वेबसाइट बनाने के पश्चात CSS Founder ने अपनी छाप भारत के साथ-साथ भारत के बाहर विविध ग्राहकों के साथ जुड़ी हैं जिनमें यूएई, यूएएस और यूके जैसे देश शामिल है। इस कंपनी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी क्षेत्र एवं पृष्ठभूमि तथा वित्तीय क्षमता के व्यवसायियों के लिए बहुत सुंदर वेबसाइट डिजाइनिंग को पूरा करते हैं। Css Founder एक Website Designing Company in Delhi है जो की दिल्ली एनसीआर में बहुत प्रचलित है ये कंपनी एक ही लक्ष्य पर काम कर रही है वो है हर किसी स्टार्टअप या बिज़नेस का अपना खुद का वेबसाइट हो और वो डिजिटल इंडिया में अपना योगदान दे सक।
'मेड इन इंडिया' अभियान में हिस्सा
इमरान खान कंपनी के संस्थापक हैं और इनके मार्गदर्शन में कार्य करते हुए फॉर्म अपनी सभी विश्वासनीय सस्ती एवं विश्वसनीय व्यवसाय डिजाइनिंग के सेवाओं के लिए खास तौर पर जानी जाती हैं, क्योंकि सारे जगह सालों को डिजिटल मैप पर लाएंगे। 2016 में कंपनी की स्थापना के पश्चात सी एस एस फाउंडर 'मेड इन इंडिया' वेबसाइटों के साथ अपना व्यापारिक समुदाय को पूरा करने के लिए कार्य किया है और जरूरतमंद बच्चों के लिए एवं गरीबों को मुफ्त भोजन और राशन प्रदान करने का लक्ष्य रखा है।
CSS Founder के संस्थापक इमरान खान जी का कहना है कि "इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस उद्योग से आ रहे हैं। हम आपको एक वेबसाइट बनाने में सक्षम रूप से मदद करेंगे एवं प्रेरित करेंगे। जिससे कि आप की व्यवस्थाएं को उड़ान भरने में मदद प्रदान हो पाएगी" और आज के युग में एक व्यवसाय के लिए एक वेबसाइट होना अति आवश्यक है वैश्विक स्तर पर 'मेड इन इंडिया' के सपने को पूरा करने का लक्ष्य रखते हैं और 'मेक इन इंडिया' के अभियान को भी प्रतिक्रियाओं के साथ आगे बढ़ा रहे हैं।
भलाई के लिए आगे कदम बढ़ाए
केवल इतना ही नहीं यह टीम गरीबों की भलाई के लिए भी आगे आई है जिसके अंतर्गत उन्होंने गरीब बच्चों को खाना बांटा एवं जरूरतमंदों को राशन प्रदान भी करने का लक्ष्य रखा है भोजन में राजमा, चावल, अचार, रायता, चिप्स, पारले जी बिस्किट, छोले, पूरी और उसके साथ मिठाई भी रखी है। यदि हम राशन की बात करें तो दाल, चावल, आटा, चीनी, तेल, नमक, मटर, चने, सोयाबीन और कुछ जरूरी मसाले भी बांटने के लिए लिस्ट में रखे हैं और यह राशन मुफ्त में बांटा जाता है और भोजन भी मुफ्त में कराया जाता है। पूरे वर्ष में 80,000 बच्चों को भोजन कराने का लक्ष्य CSS Founder द्वारा रखा गया है।
चाहते हैं डिजिटलाइजेशन को बढ़ाना
भारत के साथ-साथ यह कंपनी अमेरिका में भी अपने कदम जमाने के लिए प्रतिबंध है एवं पहले से ही यह कंपनी पर कई सारे परियोजनाओं को शुरू कर चुकी है और इसकी सटीकता बहुत गहराइयों तक पहुंच चुकी है। उसी के साथ या कंपनी कोलंबिया, रियाद, शिकागो, दुबई, अबू धाबी, जेद्दा, नॉर्वे, डेनवर, बोईस, टोरंटो, टोक्यो, शारजाह और अटलांटा जैसे आधी टॉप विदेशों में भी अपनी छाप छोड़ रही है।
कंपनी द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए वेबसाइट बनाने का कार्य जटिलता के साथ किया जा रहा है और यह भारत में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देने के लिए पूर्ण रूप से कोशिश कर रही है उसी के साथ-साथ विदेशों से भी संबंध बना रहे हैं। CSS Founder कया कहना है कि स्टार्टअप, व्यवसाय को आगे बढ़ने के साथ साथ हमें अपने योगदान देश के लिए भी देना चाहिए।
मैनेजमेंट स्किल्स: आईसेक्ट द्वारा टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स पर विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट मुख्यालय द्वारा स्कोप कैम्पस में “टाइम मैनेजमेंट, कॉन्फ्लिक्ट मैनेजमेंट और नेगोशिएशन स्किल्स” पर एम्पलॉइज के लिए विशेष ट्रेनिंग एवं मोटिवेशनल सेशन का आयोजन किया गया। इस सेशन को बतौर मुख्य वक्ता जानी मानी करियर काउंसलर, पर्सनेलिटी ग्रूमिंग एक्सपर्ट और मोटिवेशनल स्पीकर श्रीमति मनीषा आनंद ने संबोधित किया। यह सेशन कार्यस्थल पर कर्मचारियों को प्रशिक्षित एवं प्रेरित करने के लिए आयोजित किया गया था।
इस दौरान ट्रेनर श्रीमति मनीषा आनंद द्वारा सेल्फ-ऑडिट कैसे करें, अपने विचारों का निरीक्षण और सफाई कैसे करें इत्यादि के बारे में बताया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि हमें लोगों को क्षमा करना और जो जैसा है उसे वैसा ही स्वीकार करना सीखना चाहिए तभी हम दूसरे व्यक्ति को सही मायने में समझ सकते हैं और बेहतर संवाद स्थापित कर सकते हैं। इसके अलावा टाइम मैनेजमेंट पर बात करते हुए कहा कि अपने कार्यों को उनके महत्व एवं तत्कालिकता के आधार पर प्राथमिकताएं प्रदान करें। सत्र में श्रीमती आरती कुमार, एचओडी, एमओओसीएस (MOOCs), श्रीमती मोनिका सिंह, निदेशक- फिनिशिंग स्कूल एवं कॉर्पोरेट रिलेशंस, स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज, श्री सुमित मल्होत्रा, एचओडी, एचआर, ने प्रशिक्षण में विशेष रूप से हिस्सा लिया। अपने आभार वक्तव्य में श्रीमती मोनिका सिंह ने सत्र की सराहना की और इस दौरान कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अर्चना जैन द्वारा किया गया।
आईसेक्ट के निदेशक श्री सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने इस पहल पर बात करते आईसेक्ट प्रबंधन टीम के प्रयासों को प्रोत्साहित किया और सराहना की और इस तरह के सत्रों को नियमित आयोजित करते हुए कर्मचारियों के लाभ पहुंचाने की प्रतिबद्धता जताई।
लॉ समाधान: कानूनी और लेखा समस्याओं के समाधान का एकमात्र स्थान
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कोर्ट-कचहरी के चक्कर कोई नहीं काटना चाहता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि जहां जनता को सही सलाह न मिलने का डर सताता है, वहीं, कानून के पचड़े में पड़ना घर बार बिकने के सामान समझा जाता है। इसी डर से आज भी ऐसा देखा जाता है की बहुत से केस रिपोर्ट ही नहीं हो पाते हैं। लेकिन, यदि जनता के पास ऐसा कुछ हो जिस पर वह विश्वास कर सके और ठगा सा महसूस न करे, तो कैसा होगा? ऐसा होने पर न सिर्फ जनता को सही कानूनी सलाह मिलेगी, सलाह उनकी जेब पर भारी भी नहीं पड़ेगी और आसानी से मिलेगी। ऐसा ही है लॉ समाधान पोर्टल। कानूनी और लेखा सेवा प्रदान करने की क्षमता रखने वाले इस पोर्टल पर जनता विश्वास कर सकती है क्योंकि इसके साथ जुड़ें होंगे देश के बेहतरीन और जाने माने वकील और लेखा सेवाओं से जुड़े प्रोफेशनल।
जनता, नए कारोबारियों, अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए उत्तम मंच
डिजिटल इंडिया से प्रेरित नए स्टार्टअप लॉ समाधान की नींव रखी है उत्साही और अपने-अपने क्षेत्र के पारखी जोधपुर के गौरव गहलोत, वाराणसी के आयुष मणि मिश्रा और भरतपुर के प्रणव शर्मा ने। यह एक नया स्टार्टअप है जो जल्द ही सेवा देने के लिए बाजार में आ रहा है। यह कानूनी समाधान प्रदान करने में इंडस्ट्री में शीर्ष और अग्रणी वेब पोर्टल बनने की क्षमता रखता है। इस पोर्टल का उद्देश्य भारत में लीगल और लेखा सेवाओं को एक डिजिटल मंच पर लाना है। यह ग्राहकों और नए कारोबारियों के लिए सबसे अच्छा मंच होगा क्योंकि ग्राहक को एक क्लिक पर लॉ समाधान द्वारा सबसे तेज, सर्वोत्तम और सस्ती सेवा प्रदान की जाएगी। यह सभी अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट के लिए भी सबसे अच्छा मंच होगा।
कानूनी और लेखा सलाह एक क्लिक पर
कंप्यूटर पर सिर्फ एक क्लिक से जरिए जनता को मिल पाएगी बेहतरीन वकीलों द्वारा उत्तम सलाह और वह भी बड़ी आसानी से। चाहे वह कोई उपभोक्ता शिकायत हो या कंपनी पंजीकरण कार्य, लाइसेंस और ट्रेडमार्क संबंधी कार्य या कानूनी दस्तावेज, जीएसटी, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवा या संपत्ति संबंधी मामले या साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक और आप्रवास पर सलाह आदि सेवाएं, यह पोर्टल सभी प्रकार की सेवाएं प्रदान करने में समर्थ होगा।
मुफ्त संपर्क विवरण
आपके क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का विवरण संपर्क सूत्र सहित मुफ्त में प्रदान किया जाएगा।
समाधान ऐसा जो होगा ग्राहक के बजट में
क्षेत्र के शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के इस पोर्टल से जुड़ने पर उनके कार्य अनुभव और विशेषज्ञता का फायदा जनता को मिलेगा। और तो और यह सब ग्राहक के बजट में।
क्या है लॉ समाधान और इसकी सेवाएं कैसे ली जा सकती हैं
- यह सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवाओं के समाधान के लिए सलाह प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाला भारत का एकमात्र वेब पोर्टल है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सटीक, किफायती, पारदर्शी सलाह
- मुफ्त संपर्क विवरण – आपके क्षेत्र के अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) का संपर्क विवरण मुफ्त उपलब्ध होगा
- लॉ समाधान का सम्पूर्ण भारत में अधिवक्ता और सीए का विशाल नेटवर्क बन रहा है
- शीर्ष अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लॉ समाधान से जुड़ने से इसकी विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है
- जिसे भी लीगल या लेखा सेवा संबंधित सलाह चाहिए वह कंप्यूटर या मोबाइल पर वेब पोर्टल lawsamadhan.com खोले और जो सेवा लेना चाहते हैं उसे चुने।
- आप इस पोर्टल पर एक क्लिक कर लंबे अनुभव वाली टीम से सर्वोत्तम कानूनी और वित्तीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं
- आपके तय बजट और केस के हिसाब से लॉ समाधान आपको बेस्ट अधिवक्ता और चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) द्वारा सुझाव प्रदान करता है
- मध्यस्थता सेवाएं (एडीआर) भी प्रदान की जाती हैं
- नए कारोबार को कानूनी सलाह सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं
बॉक्स
एक क्लिक पर सभी प्रकार की कानूनी और लेखा सेवा पर सलाह
उपभोक्ता शिकायत, कंपनी पंजीकरण, लेखा सेवाएं, लाइसेंस और ट्रेडमार्क, जीएसटी, कानूनी दस्तावेज, कानूनी नोटिस, सिविल और आपराधिक कानूनी सेवाएं, संपत्ति संबंधी मामले, साइबर अपराध, धर्म परिवर्तन, विवाह पंजीकरण, कोर्ट मैरिज, तलाक, आप्रवास पर सलाह आदि
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: सुको ने कहा- एनआरआई कोटे के प्रवेश से संबंधित याचिकाओं का जल्द निराकरण करें हाईकोर्ट
दैनिक भास्कर हिंदी: कर्नाटक के बागी विधायकों की याचिका पर SC का आदेश सुरक्षित, बुधवार को फैसला
दैनिक भास्कर हिंदी: कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर हाईकोर्ट का फैसला : चुनौती देनेवाली कई याचिकाओं पर होगी सुनवाई
दैनिक भास्कर हिंदी: हाईकोर्ट : आईपीएल के शोर पर दायर याचिका खारिज, रेस्टोरेंट को हर्बल हुक्का बेचने की इजाजत, फिल्म निर्माता गौरंग को भी राहत
दैनिक भास्कर हिंदी: सहायक वन संरक्षक की याचिका खारिज, चलेगा अनुपातहीन संपत्ति का मामला