एके-47 चुराने वाले दो सगे भाइयों को पांच वर्ष का कारावास

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कोर्ट एके-47 चुराने वाले दो सगे भाइयों को पांच वर्ष का कारावास

डिजिटल  डेस्क, गाेंदिया। तत्कालीन जिलाधिकारी के अंगरक्षक की ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी ज्ञानेश्वर बलीराम औरासे (42) के घर से उनकी शासकीय एके-47 राइफल एवं 2 मैग्जीन में रखे 60 जीवित कारतूस चुराने वाले आरोपी दो सगे भाइयों को मुख्य न्याय दंडाधिकारी अभिजीत कुलकर्णी ने 16 दिसंबर को पांच वर्ष के सश्रम कारावास एवं 3 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी के नाम आमगांव तहसील के ग्राम भोसा निवासी मनोहर याेगेश्वर फरकुंडे (22) एवं जीतंेद्र योगेश्वर फरकुंडे (25) है। उक्त दोनों आरोपी कुख्यात गुनहेगार है एवं उनके खिलाफ गोंदिया शहर में 1, आमगांव में 4, गोंदिया ग्रामीण में 2 एवं गोरेगांव पुलिस थाने में 2 अपराध दर्ज है। इस मामले में गिरफ्तार तीसरे आरोपी अभिषेक भीमराव बहेकार (20) को सबूतों के अभाव मंे निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया है। इस घटना के संदर्भ में मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2014 में हिमगिरी ले-आउट कवलेवाड़ा राेड गांेिदया निवासी पुलिस कर्मी ज्ञानेश्वर औरासे तत्कालीन जिलाािधकारी के अंगरक्षक के रूप मंे तैनात थे। उन्हंे उनकी ड्यूटी के लिए दी गई एके-47 राइफल, बट क्रमांक 136, 4 मैग्जीन में 120 जीवित कारतूस अपने घर मंे रखकर वे 22 अक्टूबर 2014 को अपने परिवार के साथ गृह ग्राम गए हुए थे। मौके का फायदा उठाकर आरोपियों ने उनके घर में सेंध लगाकर एके-47 राइफल, 60 जीवित कारतूस से भरी 2 मैग्जीन, 1 सोने का हार एवं कान के टॉप्स मिलाकर लगभग 52 हजार रुपए का माल चुराया था। 

फरियादी की शिकायत पर गोंदिया शहर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भादंवि की धारा 454, 457, 380, 411, 34 के तहत मामला दर्ज किया था। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी आमगांव तहसील के ग्राम भोसा निवासी मनोहर फरकुंडे एवं जीतंेद्र फरकुंडे तथा छिपिया तहसील गोंदिया निवासी अभिषेक बहेकार को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उनके पास से राइफल एवं राउंड भरी मैग्जीन जब्त की थी। जांच के बाद आरोिपयों के खिलाफ गोंदिया न्यायालय में अारोप पत्र दाखिल किया गया था। सबूतों एवं गवाहांे की पड़ताल के बाद न्यायाधीश ने अपने फैसले मंे मनोहर फरकुंडे एवं जीतंेद्र फरकुंडे को पांच वर्ष के सश्रम कारावास व 3 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई है। वहीं तीसरे आरोपी अभिषेक बहेकार को सबूतों के अभाव मंे निर्दोष करार देते हुए रिहा कर दिया। इस मामले की जांच तत्कालीन पुलिस निरीक्षक अविनाश कालदाते, सहायक पुलिस निरीक्षक संताेष शेखर चौरे एवं उमेश गीते ने की थी। इस मामले मंे सरकार का पक्ष सहायक सरकारी अभियोक्ता सुरेश रामटेके ने न्यायालय में रखा। न्यायालयीन कामकाज पुलिस हवलदार ओमराज जामकाटे, रामलाल किरसान ने किया। 

 

Created On :   18 Dec 2022 8:17 PM IST

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