नागपुर में व्हेल मछली की एक करोड़ की उल्टी जब्त

Floating gold - one crore vomit of whale fish seized in Nagpur
नागपुर में व्हेल मछली की एक करोड़ की उल्टी जब्त
तैरता सोना नागपुर में व्हेल मछली की एक करोड़ की उल्टी जब्त

डिजिटल डेस्क, नागपुर. वन विभाग ने एक करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की व्हेल मछली की उल्टी जब्त की है। इसकी तस्करी करने वाले 4 आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि व्हेल मछली की उल्टी को अंबरग्रीस या एम्बरग्रीस कहा जाता है। इसे सामान्य भाषा में तैरता सोना भी कहा जाता है, पर यह सोने से ज्यादा महंगा होता है। 5 से 10 ग्राम भी एक लाख से ज्यादा में बिकता है। नागपुर में हुई कार्रवाई में एक करोड़ से ज्यादा की अंबरग्रीस को वन विभाग ने जब्त किया है। आरोपियों से पूछताछ जारी है। इसे कहां से लाया गया, गिरोह कहां-कहां सक्रिय है, आदि के बारे में वन विभाग जांच कर रहा है। कार्रवाई वनसंरक्षक (प्रा) रंगनाथ नाईकडे, उपवनसंरक्षक डॉ. भारत सिंह हाडा के मार्गदर्शन में नरेद्र चांदेवार, डी.पी, वाडे, सारिका वैरागडे, नीलेश टवले, गणेश जाधव, विनोद शेंडे आदि ने मिलकर की है। 

इसलिए नहीं बेचा जा सकता 

अधिकारियों की माने तो अंबरग्रीस को बेचना कानूनन अपराध है। इसके लिए कई तरह के नियमों को पूरा करना पड़ता है। मुख्य कारण व्हेल मछलियों का शिकार होना है। दरअसल बाघ, तेंदुए का शिकार कर जिस तरह तस्कर उनके दांत, नाखून आदि की तस्करी करते हैं, ठीक इसी तरह व्हेल मछलियों का भी अंबरग्रीस के लिए शिकार किया जाता है। अवैध शिकार को बढ़ावा मिलने से इस सामान्य तौर पर बेचा नहीं जा सकता है।

ग्राहक की तलाश कर रहे थे : जानकारी के अनुसार, वन विभाग को जानकारी मिली थी कि नागपुर में कुछ लोग अंबरग्रीस लाए हैं और वे उसे बेचने के लिए ग्राहक तलाश रहे हैं।  वन विभाग ने अपनी टीम को तैयार कर इनका ग्राहक बनाया। डील नागपुर गणेशपेठ बस स्टैंड के समीप शुक्रवार की शाम को होने वाली थी। वन विभाग के कर्मचारी ग्राहक बनकर जगह पर गए, जहां एक आरोपी हाथ लगा। पूछताछ करने पर अन्य 3 आरोपी भी मिल गए। पकड़े गए आरोपियों में अरुण गुंजर, पवन गजघाटे, राहुल दुपारे व प्रफुल मतलाने सभी निवासी नागपुर हैं। इनके पास से मिले अंबरग्रीस की कीमत करीब एक करोड़ की हो सकती है। हालांकि वन विभाग ने इसकी पुष्टि करने से मना किया है। दरअसल, अंबरग्रीस का इस्तेमाल लक्जरी परफ्यूम में किया जाता है। इसकी मदद से दवाईयां भी बनती हैं, इसलिए इसकी कीमत बहुत ज्यादा होती है।

Created On :   19 Jun 2022 7:14 PM IST

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