फ्लाईओवर निर्माण - न डायवर्सन, न संकेतक, संकीर्ण सड़क पर फँस रहे वाहन

Flyover construction - no diversion, no signage, vehicles stuck on narrow road
फ्लाईओवर निर्माण - न डायवर्सन, न संकेतक, संकीर्ण सड़क पर फँस रहे वाहन
फ्लाईओवर निर्माण - न डायवर्सन, न संकेतक, संकीर्ण सड़क पर फँस रहे वाहन

मार्गों को मोटरेबल रखना भूली एजेंसी, लोगों के लिए तकलीफदेह बना काम का तरीका, कई स्थानों पर 10 फीट भी नहीं बची सड़क
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
लंबी कवायद के बाद दमोहनाका-मदन महल फ्लाईओवर निर्माण आरंभ तो हो गया लेकिन जिस तरीके से यह किया जा रहा है उससे अब लोग खासे परेशान हो रहे  हैं। जहाँ भी इस फ्लाईओवर के लिए पिलरों का निर्माण हो रहा है उस हिस्से में निकलने के लिए एकदम सँकरी सड़क बची है। बीच के हिस्से में पिलर बन रहे और किनारे के हिस्से में मूल सड़क 8 से 10 फीट तक बची है, इन हालातों में यहाँ से निकलना हर पल किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है।  शहर के अनलॉक होने के बाद यहाँ तकलीफ ज्यादा बढ़ चुकी है। निर्माण एजेंसी जनता की पीड़ा समझने तैयार नहीं। छोटी सँकरी सड़क पर गड्ढे हैं तो कहीं सड़क के सोल्डर से ही वाहन को चढ़ाकर निकलना पड़ रहा है। रात के वक्त जब अँधेरा होता है तो निर्माणाधीन हिस्से में सँकरी सड़क पर हादसों का खतरा बढ़ जाता है। फिलहाल कार्य के दौरान नियम दरकिनार हैं और जनता यातना झेलते हुए यहाँ से किसी तरह निकल रही है।  लोक निर्माण के ईई गोपाल गुप्ता कहते हैं कि पिलर निर्माण वाले हिस्से में सड़क को जल्द चलने लायक बनाया जाएगा। जहाँ कम जगह है उस हिस्से को चौड़ा करने की कोशिश की जा रही है। 
इन हिस्सों में निकलना मुश्किलों से भरा 
* चेरीताल से बल्देवबाग, दीक्षिपुरा की ओर।
* मदन महल से प्रेम नगर पोस्ट ऑफिस।
* मदन महल चौक से स्टेशन रोड।
* मदन महल चौक से महानद्दा की ओर।
* गेट नंबर चार से गेटर नंबर दो की ओर।
* चंचलबाई कॉलेज से गेट नंबर दो ।
* गेट नंबर दो से रानीताल चौक तक।
ऐसा बन रहा फ्लाईओवर 
* कुल निर्माण एरिया 5.6 किलोमीटर।
* कुल निर्माण की लागत है 749 करोड़। 
* निर्माण की समय अवधि है 36 माह ।
* काम चालू हुआ अप्रैल 2020 से ।
* बीच के हिस्से में केबल स्टे ब्रिज बनना है। 
*यह कार्य अभी चालू नहीं हो सका।
* फ्लाईओवर के ऊपर की सड़क होगी 36 फीट ।
* नीचे की सड़क भी दोनों ओर 36 फीट होगी।
काम के दौरान भूल गए यह शर्त
किसी भी सड़क, सेतु निर्माण और फ्लाईओवर के कार्य के दौरान शर्त यही होती है कि वहाँ की सड़क को चलने लायक बनाए रखा जाए। सड़क का वह हिस्सा मोटरेबल हर हाल में हो जहाँ से आम आदमी  निर्माण के दौरान निकलेगा, लेकिन अभी फ्लाईओवर का निर्माण जहाँ हो रहा है वहाँ इस तरह की शर्त का पूरी तरह से उल्लंघन ही किया जा रहा है। किनारे के हिस्से की सड़क कहीं पर भी मोटरेबल तो दूर चलने लायक तक नहीं है। 
वैकल्पिक व्यवस्था नहीं, हादसों का खतरा
निर्माण के रास्ते में जहाँ अभी मुख्य सड़क पर बाधा है, आसपास निकलने के लिए सहज रूप में दूसरा मार्ग है तो उसका उपयोग ज्यादा किया जा सकता है। लेकिन मार्ग की वैकल्पिक व्यवस्था, डायवर्सन लोक निर्माण विभाग ने कहीं पर भी नहीं की है। रात के वक्त जो निर्माण हिस्सा है वह कई बार नजर ही नहीं आता। ब्रिज कंस्ट्रक्शन वर्क चल रहा है लेकिन कई हिस्सों में यह दूर से स्पष्ट दिखाई ही नहीं देता, संकेत अधूरे हैं और इन हालातों में खतरा ज्यादा है। 
 

Created On :   29 Jun 2021 2:11 PM IST

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