औलिया के मार्ग पर चलने से मिलेगी सफलता, अमन और विश्वशांति की दुआ से हुआ समापन
डिजिटल डेस्क, नागपुर | औलिया के मार्ग पर चलने से मिलेगी सफलता मिलेगी। यह संदेश कुरआन शरीफ और हदीस पाक का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा के अंतिम दिन देश-विदेश से आए 150 उलेमा किराम व मशाइख ने मंच से दिया गया। हजरत सैयद बाबा मुहम्मद ताजुद्दीन रहमतुल्लाहअलैह के इस फरमान "हमारे बच्चे कभी नहीं हारते’ पर अमल करते हुए मुस्लिम युवाओ को हर क्षेत्र मे आगे रह कर देश की उन्नति मंे अपना योगदान देने के लिए सतत प्रयासरत रहने की पुरजोर अपील वक्तताओं ने की। यमन से फ़ज़ीलतुश्शैख़ हज़रत शेख़ हमीद मुशाइद अल हलीमी साहब और फ़ज़ीलतुश्शैख़ हज़रत अहमद सलेमी अहमद साहब ने अरबी भाषा मंे संबोधित किया जिसे मौलाना अहमद रज़ा साहब ने हिन्दी में अनुवाद कर श्रोताओं तक पहुंचाया। यमन से आए शेखैन ने कहा कि भारत देश की ही विशेषता है कि जहां के मुस्लिम नागरिकों में अपने सूफ़ी बुज़ुर्गो को लेकर दिलों में इतना प्रेम और आदर मौजूद है। यही अकीदत इस देश को विश्व की नजरों में एक विशेष स्थान प्रदान करती है। इतनी विशाल संख्या मंे अनुयायियों का जोश व उत्साह देख कर यमनी शेखैन ने खुले मन से भारतीय सभ्यता और मेहमाननवाजी की प्रशंसा की। देश के तमाम मुख्य खानकाहो के शहज़ादगान का इस सम्मेलन मे एक साथ मौजूद होना अपने आप मंे एक एेतिहासिक था। इतिहास में पहली बार नागपुर के किसी सम्मेलन में इमामे अहले सुन्नत आला हज़रत बरेलवी रहमतुल्लाहअलैह के खानदान से तीन शहजादे हजरत मन्नान रजा खान साहब, हजरत जमाल रजा खान साहब और हजरत उमर रजा खान साहब एक साथ मौजूद थेे
तीसरे दिन रविवार को देश के प्रमुख उलेमा किराम ने विभिन्न महत्वपूर्ण धार्मिक तथा सामाजिक विषयों पर बयान दिए जिनमें मुख्यतः हजरत मन्नान रजा खान साहब, हजरत मुफ्ती कौसर हसन साहब, हजरत मुफ्ती मुतीउर्रहमान साहब, हजरत जमाल रज़ा ख़ान साहब, हज़रत सैय्यद सलमान अशरफ़ साहब, हजरत डॉक्टर सैय्यद फ़ज़लुल्लाह चिश्ती साहब, हजरत उमर रजा खान साहब, हज़रत सैय्यद अब्दाल हसनी हुसैनी साहब, हज़रत सग़ीर अहमद जोखनपुरी साहब, हज़रत सैय्यद तलहा अशरफ़ साहब, हज़रत शाहनवाज़ अज़हरी साहब, हज़रत इज़हार अहमद अमजदी साहब, हज़रत अब्दुल मन्नान कलीमी साहब, हज़रत डॉक्टर हसन रज़ा साहब, और दिगर प्रख्यात उलेमा व मशाइख़ मौजूद रहे। दरगाह शरीफ के खादिम हजरात के तरफ से जनाब सैयद मीर आबिद अली साहब भी मौजूद थे।
भावनात्मक रहा दीक्षांत समारोह : अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्या से उच्च धार्मिक शिक्षा ग्रहण करने वाले उत्तीर्ण विद्यार्थियों का रविवार को शाम दीक्षांत समारोह (दस्तार) भी हुआ जिसमें 11 मुफ्ती और 26 आलीम को उलेमा किराम के हाथों से उपाधि देकर सम्मानित किया गया। विधार्थियों के परिवार के सदस्यों के लिए ये बेहद आनंदमय और भावनात्मक क्षण था। मुफ्ती की उपाधि से सम्मानित होने वाले होनहार विधार्थियों में आफताब आलम अहमद, अहमद रज़ा, शोएब रज़ा, मुहम्मद अल्ताफ़ रज़ा, मिर्ज़ा युसूफ़ बेग, मिर्ज़ा वज़ीर बेग, सुब्हान रज़ा, इरशाद अहमद ख़ान, मुहम्मद एजाज़ुल हक़, मुहम्मद मुस्तफ़ा रज़ा, मुज्ज़म्मील अहमद खान थे।
सफल रहा शैक्षणिक सेमिनार : वर्धा रोड, बोथली स्थित मदरसा अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्यह के सभागार मंे उलेमा किराम की मौजूदगी मंे एक महत्वपूर्ण शैक्षणिक सेमिनार भी हुआ। मुख्य वक्ता के रूप मंे प्रोफेसर याहया अंजुम साहब तथा फ़लाह रिसर्च फाउंडेशन के अध्यक्ष हज़रत डॉ. सैय्यद फ़ज़लुल्लाह चिश्ती साहब, नई दिल्ली, उपस्थित थे। ताजाबाद दरगाह ट्रस्ट के अध्यक्ष प्यारे खान प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
सेमिनार में अपील की गई की सरकार द्वारा मुस्लिम समाज के शैक्षणिक विकास के लिए जारी छात्रवृत्ति कार्यक्रम व अल्पसंख्यक अनुदान योजना का लाभ उठाकर आर्थिक रूप से कमज़ोर होनहार छात्रों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने की दिशा में प्रयास करना चाहिए। अल जामिअतुर्रज़विय्यह दारूल ऊलूम अमजदिय्यह के सचिव मुफ्ती मुजतबा शरीफ़ खान ने बताया के मदरसा धार्मिक शिक्षा के साथ साथ आधुनिक शिक्षा भी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय इस्लामिक सुन्नी इज्तिमा को एेतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए योगदान करने पर मुख्य आयोजक मुफ्ती मुज्तबा शरीफ़ ख़ान और समस्त कमेटी के सदस्यों ने प्यारे खान, दरगाह ख़ादिम ट्रस्ट, अफजल मिट्ठा, नूरी मेहफिल, फैजानेे ताजुल औलिया तंजीम, खिदमत फाउंडेशन, बाबा ताज रोटी बैंक, ताज का लंगर, दावते इस्लामी, एहसास फाउंडेशन, दोस्ती फाउंडेशन, मिशन नामूसे रिसालत, आशिकाने इमामे हुसैन कमेटी, असरा फाउंडेशन, शकील भाई, शाकीर भाई, अहमद राजा भाई, अमान भाई, इरशाद भाई, इसहाक मंसूरी भाई, इल्यास भाई, बादशाह भाई, अब्दुल वहीद भाई, शारिक भाई तथा सभी सहायताकर्ताओं का आभार माना। सम्मेलन का समापन सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की तथा विश्वशांति की दुआ के साथ हुआ।
Created On :   23 Jan 2023 7:14 PM IST