ग्रामीण क्षेत्र में भीषण जलसंकट, 20 करोड़ की पाइप लाइन, सलाह पर डेढ़ करोड़ खर्च

For 20 crores of pipeline in rural area, 1.5 crore expense on advice
ग्रामीण क्षेत्र में भीषण जलसंकट, 20 करोड़ की पाइप लाइन, सलाह पर डेढ़ करोड़ खर्च
ग्रामीण क्षेत्र में भीषण जलसंकट, 20 करोड़ की पाइप लाइन, सलाह पर डेढ़ करोड़ खर्च

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 20 करोड़ की पाइप लाइन को लेकर मजह सलाह पर डेढ़ करोड़ खर्च कर दिए गए। मनपा का सलाहकार बनना काफी फायदेमंद है। बड़े-बड़े इंजीनियर होने के बाद बाहर के लोगों से सलाह लेने में मनपा करोड़ों रुपए फूंक रही है। ऐसी ही स्थिति कन्हान नदी से पेंच में पानी लाने वाले प्रकल्प में हुआ है। सलाहकार पर मनपा डेढ़ करोड़ रुपए खर्च करेगी। जून-जुलाई से लेकर दिसंबर माह तक काफी पानी रहता है। इस दौरान कन्हान नदी के पानी को रोहणा गांव के पास से  मनपा के पेंच प्रकल्प में ले जाने के लिए 2300 एमएम व्यास वाली पाइप लाइन से गोरेवाड़ा और गोधनी जलशुद्धिकरण केन्द्र तक पहुंचाने वाले प्रकल्प के लिए सलाहकार की नियुक्त की जाएगी। इसके लिए 97.62 लाख रुपए की मंजूरी स्थायी समिति दे चुकी है। हैरानी की बात यह है कि इस काम में देरी होने पर महाराष्ट्र जलसंपत्ति िनयमन प्राधिकरण की नाराजगी व्यक्त कर प्रकल्प को तत्काल पूरा करने को कहा। उक्त प्रकल्प की कीमत 20.55 करोड़ और 7 फीसदी मे. वाप्कोस के चार्जेज लगाकर कुल 1.44 करोड़ रुपए खर्च अर्थात कुल 21.99 करोड़ रुपए खर्च आएगा। इसमें डीपीआर तैयार करने का 3 फीसदी अर्थात 61.65 लाख रुपए शामिल है। यह प्रस्ताव मनपा की स्थायी समिति में मंगलवार 18 जून को मंजूरी के लिए रखा जाएगा।

शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में भीषण जलसंकट

पिछले वर्ष औसत से कम बारिश हुई। जिले के जलाशयों में पानी नहीं है। संपूर्ण जिला जलसंकट से जूझ रहा है। शहर के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्र में भीषण जलसंकट है। प्यास बुझाने के लिए नागरिकों को भटकना पड़ रहा है। समय पर मानसून नहीं पहुंचने से किसान निराश हैं। जिले में अकाल की स्थिति बनी हुई है। किसानों के प्रतिनिधि कहलाने वाले जिला परिषद सदस्य अभ्यास दौरे के नाम पर कर्नाटक और महाराष्ट्र दर्शन की तैयारी में जुटे हैं। जिले में व्याप्त अकाल से मुंह मोड़कर जिप सदस्यों के अभ्यास दौरे को जिला परिषद के कुछ सदस्यों ने अनुचित बताया है। जिले में जलसंकट निवारण के काम अधूरे पड़े हैं। मानसून की दस्तक के िलए और एक सप्ताह इंतजार करने के संकेत मिल रहे हैं। ऐसे हालात में जिले की जनता को भगवान भरोसे छोड़ जिप सदस्यों के अभ्यास दौरे पर जिला परिषद के कुछ सदस्यों ने आपत्ति जताई है।

दूषित जलापूर्ति से स्वास्थ्य खतरे में

नागरिक रात में जागकर पानी की व्यवस्था कर रहे हैं। इस बीच कुछ जगह  दूषित जलापूर्ति हो रही है। मोमिनपुरा, टिमकी, भानखेड़ा, गोलीबार चौक, बुधवारी, नाईक तालाब, तांडापेठ, लालगंज, मस्कासाथ, जुनी मंगलवारी, गांधीबाग, इतवारी क्षेत्र में दूषित जलापूर्ति होने से नागरिकों के स्वास्थ्य पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। बावजूद नागरिक यह पानी पीने को मजबूर हैं। प्रशासन अब तक कोई उपाययोजना नहीं कर पाया है। इसके विरोध में कांग्रेस नेता एड. नंदाताई पराते के नेतृत्व में शनिवार को सतरंजीपुरा जोन के सहायक आयुक्त प्रकाश वराडे का घेराव कर उग्र आंदोलन किया गया। आयुक्त को पानी के दूषित नमूनों से भरी बोतल भी भी दी गई। महिलाओं के उग्र आंदोलन के कारण परिसर में तनावपूर्ण स्थिति रही। जोन आयुक्त ने आश्वासन दिया कि, पानी के दूषित नमूनों की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही की जाएगी। 

पानी का नियोजन कर उपयोग करें 

बारिश देरी से आने की आशंका है, ऐसे में जलसंकट को ध्यान में रखना जरूरी है, क्योंकि हमारे जलाश्यों में पानी की मात्रा बहुत कम बची है। शहर व ग्रामीण के नागरिक पानी का उचित नियोजन कर उपयोग करें। यह आह्वान पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शनिवार को जिलाधिकारी कार्यालय में आयोजित बैठक में नागरिकों से किया। उन्होंने कहा कि, हमारे पास जो पानी है, वह 30 जून तक ही सप्लाई किया जा सकता है। इसके बाद संकट खड़ा होने वाला है। जलसंकट की परेशानी को ध्यान में रखकर मनपा प्रशासन पाइप लाइन की लीकेज को बंद करे। विकास कार्य के दौरान यदि पानी की पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होती है, तो उसे तत्काल सुधारें, जिससे पानी बर्बाद न हो। पीने का पानी किसी को भी कम नहीं पड़ेगा, लेकिन प्राकृतिक पानी के स्रोत जैसे कुआं, बोरवेल आदि के पानी का उपयोग करें।

रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य किया जाए

भू-जल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है। सरकारी यंत्रणा ने सामूहिक और नीतिगत फैसला लेकर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के लिए जनजागृति व सख्ती से इस दिशा में कदम उठाया तो पानी की कमी पर पूरी तरह से नियंत्रण पाया जा सकता है। इस आशय का निवेदन वानाडोंगरी नगर परिषद में कार्यरत ग्रामोदय विकास समिति नामक स्वयंसेवी सामाजिक संस्था के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष गोपाल बांगेडे के नेतृत्व में नगराध्यक्ष वर्षा शाहकार को निवेदन सौंपा। नगराध्यक्ष की अनुपस्थिति में पानी और स्वच्छता सभापति बालूभाऊ मोरे ने नियोजन समिति सभापति आबा काले, नगरसेवक आनंद घड़ागे की उपस्थिति में निवेदन स्वीकार किया। 
प्रोत्साहन के लिए घर टैक्स में छूट दी जाए

निवेदन में मांग की गई है कि, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग विषय को स्वच्छता  जनजागृति अभियान  के साथ जोड़कर विशेष प्रयास किया जाए तथा अपने घरों में वॉटर हार्वेस्टिंग करने वाले जागरूक नागरिकों को उनके मकानों के टैक्स में छूट दी जाए, ताकि यह विषय लोगों में तीव्र गति से प्रचलित हो और लोग तेजी से इस प्रणाली को आत्मसात करें। शिष्टमंडल में कार्यकारी सदस्य मारोती कटवे, राजेंद्र किनकर, मनीष काले, विजय घोडमारे शामिल थी। 

215 टिल्लू पंप जब्त किए

जलसंकट में पानी बचाने का आह्वान पालकमंत्री कर चुके हैं, ऐसे में टिल्लू पंप लगाकर पानी खींचने वालों पर लगातार ऑरेंज सिटी वॉटर  (ओसीडब्ल्यू) ने शिंकजा कसा हुआ है। पानी की समस्या को ध्यान में रखकर शिकायतों के आधार पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। अब तक 215 टिल्लू पंप को जब्त करने की कार्रवाई की जा चुकी है। नागपुर में इन दिनों भीषण गर्मी हो रही है, तो दूसरी ओर शहर के सामने पानी की किल्लत खड़ी हुई है। ऐसे में अधिक पानी खींचने के चक्कर में जगह-जगह लोगों ने टिल्लू पंप लगा रखे हैं। इससे पड़ोस के लोगों के यहां पानी की स्पीड कम हो जाती है या फिर पानी ही बंद हो जाता है।

Created On :   16 Jun 2019 12:52 PM GMT

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