मृत बाघिन के दो शावकों का वन विभाग ने किया रेस्क्यू - नागपुर के गोरेवाड़ा रवाना

Forest department rescues two cubs of dead tigress - leaves for Gorewada in Nagpur
मृत बाघिन के दो शावकों का वन विभाग ने किया रेस्क्यू - नागपुर के गोरेवाड़ा रवाना
यवतमाल मृत बाघिन के दो शावकों का वन विभाग ने किया रेस्क्यू - नागपुर के गोरेवाड़ा रवाना

डिजिटल डेस्क, यवतमाल. पांढरकवडा उपवन क्षेत्र के तहत घाटंजी तहसील के मांडवा बीट में 28 जनवरी की सुबह बाघिन मृत पायी गयी थी। इस बाघिन को 6 माह आयु के दो शावक थे। बाघिन की मौत के बाद दोनों शावक बेसहारा और असुरक्षित हो गए थे। इसे ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने मंगलवार को इन शावकों का रेस्क्यु कर उन्हें गोरेवाड़ा (नागपुर) सुरक्षित भेज दिया। यह दोनों शावक छोटे होने से शिकार नहीं कर सकते थे। साथ ही उन्हंे तेंदुए या अन्य बाघों से खतरा था। इसे ध्यान में रखते हुए शावकों पर वन विभाग ट्रैप कैमरे के माध्यम से नजर बनाए हुए था।  इस बीच पीसीसीएफ वन्यजीव के आदेशानुसार शावकों के रेस्क्यु ऑपरेशन के लिए अमरावती की टीम बुलायी गयी थी। 9 मार्च से यह टीम घाटंजी वन परिक्षेत्र में इस रेस्क्यु ऑपरेशन में जुटी हुई थी। इस कार्रवाई को लेकर वन विभाग ने काफी गोपनीयता रखी थी। 14 मार्च को शावकों को बिना ट्रैग्युलाइज किए पकड़ने में सफलता मिली। इसके बाद शावकों को गोरेवाड़ा भेज दिया गया। इस समय पांढरकवड़ा व घाटंजी के पशुचिकित्सक उपस्थित थे। 

इन अनाथ शावकों को कुछ दिन पिंजरे में रखा जाएगा। इसके बाद उनकी मॉनिटरिंग होगी। जंगल में छोड़ने से पहले उन्हें नियंत्रित क्षेत्र में रखकर उनका पालन-पोषण किया जाएगा। जब तक वे अपने दम पर शिकार करने में सक्षम नहीं होते तब तक उनकी देखभाल की जाएगी। मुख्य वन्यजीव संरक्षक के आदेश के बाद ही इन्हंे जंगल में छोड़ा जाएगा। यह जानकारी इस समय दी गयी।

शावकों को था अन्य वन्यप्राणियों से खतरा 

बाघिन के शावक छोटे होने के कारण खुद शिकार नहीं कर सकते थे। उन्हंे अन्य बाघ, तेंदुए आदि वन्यजीवों से खतरा था। दोनों शावकों का फिजिकली रेस्क्यु किया गया। किसी इंजेक्शन या ट्रैंग्युलाइज का इस्तेमाल किए बिना यह रेस्क्यु ऑपरेशन सफल रहा। अब शावकों को गोरेवाड़ा में रखा गया है।

- रणजीत जाधव, वन परिक्षेत्र अधिकारी घाटंजी
 

Created On :   16 March 2023 7:29 PM IST

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