पेंच टाइगर रिजर्व में विदेशियों को जंगल सफारी करते रहे फॉरेस्ट आफिसर

Forest officials continue to do jungle safari in Pench Tiger Reserve
पेंच टाइगर रिजर्व में विदेशियों को जंगल सफारी करते रहे फॉरेस्ट आफिसर
पेंच टाइगर रिजर्व में विदेशियों को जंगल सफारी करते रहे फॉरेस्ट आफिसर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   कोरोना से जंग के बीच वन विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। 13 मार्च को जिलाधिकारी सर्कुलर जारी करते हैं कि भीड़ इकट्ठी नहीं होगी, दूसरी ओर 14 और 17 मार्च को वन विभाग विदेशी पर्यटकों को जंगल सफारी कराता है। पेंच टाइगर रिजर्व के सिल्लारी गेट के अंदर बसे पिपरिया गांव के कुल 23 लोगों की जान जोखिम में डाली गई। जिलाधिकारी के आदेशों का खुलेआम उल्लंघन किया गया। अब बात फैली तो वन विभाग के जिम्मेदार अफसर बरगलाते रहे। हालांकि, शाम होते-होते वन विभाग ने ग्रामीणों को आइसोलेशन में रखने की पुष्टि कर दी। क्या है पूरा मामला, आप भी पढ़िए....

जांच के बाद घर पर आइसोलेट किया 
कोरोना को लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम पिछले कई सप्ताह से अलर्ट मोड पर है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी विशेष नजर रखी जा रही है। हमें पेंच टाइगर रिजर्व के सिल्लारी गेट से विदेशी सैलानियों की जंगल सफारी की सूचना मिली। इसके बाद हमने उनसे संपर्क में आए ग्रामीणों को ढूंढा। इन्हें अब घर में ही आइसोलेशन में रहने को कहा गया है।  - डॉ. दीपक सेलोकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी, नागपुर 

यह है मामला
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पेंच टाइगर रिजर्व के सिल्लारी गेट के अंदर बसे पिपरिया गांव के कुल 23 लोगों को उनके घर में ही 14 दिन के लिए आइसोलेट कर दिया है। 14 और 17 मार्च को विदेशी पर्यटकों द्वारा क्षेत्र में की गई जंगल सफारी के दौरान ये 23 ग्रामीण विदेशियों के संपर्क मंे आए थे। इनमें टूरिस्ट गाइड, जिप्सी के चालक शामिल थे। 17 मार्च को  विदेशियों के आखिरी पर्यटन के पांच दिन बाद यानी 22 मार्च को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और संपर्क में आए व्यक्तियों की तलाश शुरू की।

वन विभाग के रिकार्ड खंगालने पर उन्हें पता चला कि 14 और 17 मार्च को विदेशी पर्यटकों के संपर्क में क्षेत्र के कुल 23 लोग आए। इसमें 10 गाइड और 13 जिप्सी चालक शामिल हैं। इसके बाद पूरे क्षेत्र में कोरोना की दहशत फैल गई। ग्रामीण तनाव मंे आ गए। आखिरकार सोमवार को पिपरिया गट पंचायत ने करवाही गांव के चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखा और ग्रामीणों के स्वास्थ्य जांच की गुहार लगाई। इस पर सक्रियता दिखाते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम संपर्क में आए व्यक्तियों को जांच के लिए सोमवार को करवाही के स्वास्थ्य केंद्र ले आई। वन विभाग का दावा है कि इनमें से  किसी को भी कोरोना के लक्षण नहीं दिखे। स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी लोगों को अगले आदेश तक घर में ही आयसोलेशन में रहने को कहा है। 

5 मार्च को जारी हुआ था पहला अलर्ट
कोरोना वायरस को लेकर पूरा प्रदेश हाई अलर्ट पर है। देश में सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र में मिलने से प्रदेश में हडकंप मचा हुआ है। कोई भी नागरिक सीधे विदेश से लौटे किसी व्यक्ति के संपर्क में न आए, इसलिए पूरी एहतियात बरती जा रही है। नागपुर एयरपोर्ट पर 5 मार्च से यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू हुई थी। 11 मार्च को नागपुर में कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद प्रशासन अलर्ट मोड पर चला गया था। जल्द ही जिले में धारा 144 और अन्य जरूरी फैसले लागू किए गए। 


साइड इफेक्ट : सिल्लारी गेट के अंदर बसे पिपरिया गांव के कुल 23 लोगों की जान जोखिम में डाली गई, स्वास्थ्य विभाग ने सबको घर में ही किया आइसोलेट

खतरे में जान : 14 और 17 मार्च को विदेशी पर्यटकों ने की थी पेंच सिल्लारी गेट में सफारी, 10 गाइड और 13 जिप्सी चालक आए विदेशियों के संपर्क में

जवाब चाहिए : अलर्ट के बीच पेंच में विदेशी सैलानियों की सफारी क्यों जारी रखी गई? वन विभाग ने सफारी के पहले और बाद में सुरक्षा और बचाव के कौन से प्रबंध किए?
 

Created On :   24 March 2020 7:34 AM GMT

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