सहकारी नागरी पत संस्था का पूर्व मैनेजर गिरफ्तार, फर्जी खातों के जरिए 2 हजार करोड़ भेजा विदेश 

Former manager of Co-operative organisation arrested For Fraud of rs 2000 Crores
सहकारी नागरी पत संस्था का पूर्व मैनेजर गिरफ्तार, फर्जी खातों के जरिए 2 हजार करोड़ भेजा विदेश 
सहकारी नागरी पत संस्था का पूर्व मैनेजर गिरफ्तार, फर्जी खातों के जरिए 2 हजार करोड़ भेजा विदेश 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2 हजार करोड़ रुपए की विदेशी मुद्रा अवैध रूप से विदेश भेजने के मामले में श्री रेणुका माता बहुउद्येश्यीय सहकारी नागरी पत संस्था के नागपुर के पूर्व प्रबंधक मछिंद्र खाडे को गिरफ्तार किया है। मुंबई के डीबी मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर इस मामले में तीन आरोपियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले की छानबीन कर रही ईडी ने जांच में पाया है कि आरोपियों ने मिलीभगत के जरिए बिल ऑफ एंट्री का दुरूपयोग करते हुए कंपनियों के हांगकांग स्थित खातों में रकम भेजी गई। विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेशी के बाद आरोपी को चार दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया गया है। इस मामले में योगेश्वर डायमंड्स प्रायवेट लिमिटेड, श्री चारभुजा डायमंड प्रायवेट लिमिटेड, कनिका जेम्स प्रायवेट लिमिटेड कंपनियों के खिलाफ ईडी जांच कर रही है।

अब तक इन तीनों कंपनियों के सर्वेसर्वा अनिल चोखरा, रघुकुल डायमंड्स के पूर्व निदेशक संजय जैन और हांगकांग स्थित स्काइलाइट व लिंक फै कंपनियों के निदेशक सौरभ पंडित को गिरफ्तार किया जा चुका है। मामले में आरोपियों की 20 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है। ईडी सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया खाडे विभिन्न कंपनियों के नाम पर खाते खोलकर उनमें कोर बैंकिंग और आरटीजीएक से जरिए बड़ी रकम जमा कर ली। इसके बाद यह रकम संस्था के नाम पर दिखाई जाती थी। इसके बाद खाडे ने कई लोगों को कमीशन का लालच देकर उनके नाम पर खाते खुलवाए। इन खातों से एक लाख रुपए की रकम ट्रांसफर करने के लिए 50 रुपए लोगों को दिए जाते थे।

किसी तरह की परेशानी न हो इसलिए लोगों से पहले ही फार्म भराकर दस्तखत ले लिए जाते थे और जरूरत के वक्त आरटीजीएस के लिए उसका इस्तेमाल किया जाता था। जांच में खुलासा हुआ कि करीब 120 करोड़ रुपए इसी तरह लोगों के खातों से आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए फर्जी कंपनियों के खाते में भेजे गए और फर्जी बिल ऑफ एंट्री के जरिए यह रकम हांगकांग में स्थित कंपनियों के खातों में भेज दी गई।   

 

Created On :   13 Jan 2019 8:31 AM GMT

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