पूर्व मंत्री परब की 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त, अवैध तरीके से मंजूरी ली- फर्जी हस्ताक्षर भी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे पक्ष प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के करीबी और पूर्व मंत्री अनिल परब को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से बड़ा झटका लगा है। ईडी ने परब की 10 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति जब्त कर ली है। इस संपत्ति में रत्नागिरी के दापोली इलाके के मुरुड स्थित जमीन और उस पर बना साईं रिसॉर्ट शामिल है। परब के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने दावा किया है कि उक्त रिसॉर्ट नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया है। ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि परब ने सदानंद कदम के साथ मिलकर स्थानीय उप विभागीय दफ्तर (एसडीओ) से अवैध तरीके से मंजूरी ली और कृषि योग्य भूमि को गैर कृषि योग्य भूमि में बदलकर उस पर रिसॉर्ट बना लिया। रिसॉर्ट बनाने के दौरान तटीय नियमन जोन (सीआरजेड) कानून का भी उल्लंघन किया गया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर ईडी ने छानबीन शुरू की। दापोली पुलिस स्टेशन में भी परब और अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। ईडी इस मामले में परब से कई बार पूछताछ भी कर चुकी है।
आरोप : अवैध तरीके से मंजूरी ली, फर्जी हस्ताक्षर किए गए
ईडी की ओर से बुधवार को जानकारी दी गई कि मनी लॉन्डरिंग मामले में अनिल परब, साईं रिसॉर्ट एनएक्स और अन्य की 10.20 करोड़ रुपए की संपत्ति सैद्धांतिक रूप से जब्त की गई है। जब्त संपत्ति में मुरुड बीच पर गट क्रमांक 446 की करीब 42 गुंठा जमीन और उस पर बना साईं रिसॉर्ट शामिल है। इस जमीन की कीमत 2 करोड़ 73 लाख 91 हजार जबकि उस पर बने रिसॉर्ट की कीमत 7 करोड़ 46 लाख 47 हजार रुपए है। ईडी के मुताबिक, परब ने राजस्व विभाग से अवैध तरीके से मंजूरी ली और इस जमीन पर एक मंजिल के दो बंगले बनाए। बाद में कुछ और मंजूरियों के साथ इसे दो मंजिला कर साईं रिसॉर्ट बना लिया गया। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि परब ने राजस्व विभाग से संपत्ति के पिछले मालिक विभास साठे के नाम पर मंजूरियां लीं। इसके लिए फर्जी हस्ताक्षर किए गए। परब ने यह जानकारी छिपाई कि संपत्ति सीआरजेड जोन में आती है। उन्होंने ग्राम पंचायत पर दबाव बनाकर जमीन अपने नाम हस्तांतरित दिखाई जबकि इस पर निर्माण पहले ही हो चुका था। निर्माणकार्य के लिए जानबूझकर नकद भुगतान किया गया, जिससे असली मालिक की पहचान छिपाई जा सके और कोई कार्रवाई हो तो जमीन का पिछला मालिक इसमें फंसे। जब इस रिसॉर्ट को लेकर शिकायतें की जाने लगीं तो परब ने जमीन सदानंद कदम को बेचने के झूठे कागजात तैयार कर लिए।
अनिल परब, विधायक, शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे के मुताबिक मैं पहले भी कई बार कह चुका हूं और अब भी कह रहा हूं कि साईं रिसॉर्ट मेरी संपत्ति नहीं है। मैं इस मामले में जरूरी कानूनी कदम उठाऊंगा।
किरीट सोमैया, भाजपा नेता के मुताबिक आखिरकार अनिल परब का हिसाब हो रहा है। ईडी ने भी परब पर कार्रवाई शुरू की है। अभी साईं रिसॉर्ट संपत्ति जब्त हो रही है, आगे उनका पूरा हिसाब किया जाएगा।
Created On :   5 Jan 2023 5:32 PM IST