एनवीसीसी के पूर्व पदाधिकारियों पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज, व्यवसायी की शिकायत पर दर्ज हुआ मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नाग विदर्भ चेंबर ऑफ काॅमर्स (एनवीसीसी) के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला सीताबर्डी थाने में दर्ज किया गया है। आरोपियों में एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अश्विन प्रकाश मेहाड़िया, पूर्व सचिव रामअवतार शंकरलाल तोतला व अन्य का समावेश है। एनवीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व सदस्य दीपेन कैलाशचंद्र अग्रवाल की शिकायत पर सीताबर्डी पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ धारा 409, 420, 465, 467, 468, 469, 470, 471, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। यह मामला आर्थिक अपराध शाखा पुलिस की गहन जांच-पड़ताल के बाद दर्ज हुआ है। उन पर आरोप है कि पद पर रहने के दौरान गबन, महत्वपूर्ण तथ्य को छिपाने, चेंबर और उसके सदस्यों को नुकसान पहुंचाने और गैर-कानूनी तरीके से खुद के लिए कमाई करने, जालसाजी, विश्वासघात और गलत बयान व मिथ्या पूर्वक एनवीसीसी के बारे में प्रस्तुति की है।
यह है मामला : पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, सिविल लाइंस स्थित हेरिटेज अपार्टमेंट फ्लैट नंबर 100 नागपुर निवासी दीपेन अग्रवाल ने सीताबर्डी थाने में शिकायत की है। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनका आयरन एण्ड स्टिल ऑफ ट्रेडर्स का व्यवसाय है। वर्ष 2012 से 2013 व 2013 से 2014 के दरमियान दीपेन नाग विदर्भ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष रहे। अब वे एनवीसीसी के सदस्य हैं। वर्ष 2014 के बाद अलग- अलग अध्यक्ष बने। वर्ष 2019 में अश्विन मेहाड़िया एनवीसीसी की वार्षिक आमसभा के चुनाव में चुने गए व कंपनी के अध्यक्ष बने। दीपेन के अनुसार अश्विन मेहाड़िया का डायरेक्टर आईडेंटीफिकेशन नंबर (डीआईएन), आरओसी (रजिस्ट्रर ऑफ कंपनीज) द्वारा ब्लॉक किए जाने पर अपात्र होने की बात मेहाड़िया ने एनवीसीसी से छिपाया और अध्यक्ष बन गए। अश्विन मेहाड़िया के अध्यक्ष पद की पहचान क्रमांक की अपात्रता 31 अक्टूबर 2021 को समाप्त होने के बारे में मालूम रहने के बावजूद गैर-कानूनी तरीके से उन्होंने एनवीसीसी की 77वीं वार्षिक आमसभा 27 अक्टूबर 2021 को लेने के बजाय 15 नवंबर 2021 को लेने का निर्णय लिया। इस दौरान कुछ सदस्यों की सदस्यता रद्द कर दी।
नियम के अनुसार नहीं दिया गया था नोटिस : नियम के अनुसार 21 दिन पहले सदस्यता रद्द करने का नोटिस दिया जाता है, लेकिन संबंधित सदस्यों को एक दिन पहले नोटिस दिया गया। एनवीसीसी को विदेश व्यापार महानिदेशालय भारत सरकार की ओर से भारतीय निर्यातक सर्टिफिकेट (सर्टिफिकेट ऑफ ओरिजिन) देने का अधिकार है। आरोप है कि अश्विन मेहाड़िया ने रामअवतार तोतला के साथ मिलीभगत कर मेहुल शाह मुंबई निवासी को सदस्य नहीं रहने के बाद भी उससे 100 रुपए लेकर सर्टिफिकेट दिया गया, जबकि नियम के अनुसार 300 रुपए लिया जाता है। फर्जी झूम मीटिंग का वीडियाे भी बनाने का आरोप है।
मध्यप्रदेश मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स प्रा. लि. के डायरेक्टर व शेयर धारक घनश्याम मोहता व सराफ से रमेश रांदड को वर्ष 2008 में कंपनी के संपूर्ण शेयर खरीदी करने पर रांदड एनवीसीसी की जगह के मालिक हो गए थे। भारतीय विद्या भवन के पीछे एनवीसीसी की इमारत व जगह थी। यह जगह खाली नहीं करने पर रांदड ने मध्य प्रदेश मर्चेंट ऑफ कॉमर्स प्रा लि. सिविल कोर्ट केस की थी। वर्ष 2019 में कोर्ट ने आदेश दिया कि इस मामले में एक माह में जगह को खाली की जाए। उस समय जिला व सत्र न्यायालय में इस फैसले के विरोध में अपील की गई थी। उस समय अश्विन मेहाड़िया व अन्य पदाधिकारियों ने रमेश रांदड के साथ गठजोड़ कर 100 करोड़ की जमीन के बदले में वर्ष 2021 में 2 करोड़ की अन्य व 2.51 करोड़ का चेक एनवीसीसी को दिलाया। इस मामले में अश्विन ने एनवीसीसी के साथ िवश्वासघात किया। इस मामले के बाद दीपेन के भाई संजय अग्रवाल को कानूनी प्रक्रिया की जिम्मेदारी दी गई।
4 जनवरी 2020 को फर्जी तरीके से मीटिंग की मिनिट्स तैयार किया, सदस्यों की संख्या 9 थी। पूर्व पदाधिकारियों के आपराधिक कृत्यों की जांच के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस दाखिल की थी। 31 जनवरी 2023 को एनवीसीसी के पूर्व पदाधिकारियों को हटाकर उनकी जगह पर कंपिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया के पूर्व सदस्य यू सी नाहटा को प्रशासक नियुक्त किया गया है। पूर्व अध्यक्ष अश्विन मेहाड़िया अशोक टावर्स कडबी चौक, पूर्व सचिव रामअवतार तोतला गांधीबाग व अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिसके चलते उक्त आरोपियों पर 22 फरवरी को धोखाधड़ी सहित 9 अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
Created On :   24 Feb 2023 5:41 PM IST