पंडित के झांसे में आया प्रापर्टी डीलर, 11 लाख का लगा चूना

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पंडित के झांसे में आया प्रापर्टी डीलर, 11 लाख का लगा चूना
पंडित के झांसे में आया प्रापर्टी डीलर, 11 लाख का लगा चूना

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महानगर का एक प्रापर्टी डीलर 11 करोड़ रुपए के फेर में 11 लाख भी गवां बैठा। हुडकेश्वर में गुरुजी नामक पंडित ने चार लोगों की मदद से प्रापर्टी डीलर को चूना लगाया। लेकिन मामले में पुलिस को अबतक कोई सुराग नहीं मिल सका है। टेलीफोन नगर निवासी विनोद अशोक ब्रोंद्रे (38) अपने मित्र रामराव गंदई के साथ प्रापर्टी खरीदी-बिक्री का काम करता है। रामराव ने विनोद को बताया था कि आदिलाबाद (तेलंगाना) निवासी ‘गुरुजी’ नामक महाराज पूजा स्थल पर रखी गई रकम को सौ गुणा तक बढ़ाने की कला जानते हैं। पहले तो विनोद को उसकी बातों पर विश्वास नहीं हुआ, लेकिन अनेक कारनामों को सुनने के बाद उसके मन में लालच जाग उठा।

झांसे में आया प्रापर्टी डीलर
मंगलवार को गुरुजी और उनके साथियों को विनोद और रामराव ने नागपुर बुलाया। विनोद के टेलीफोन नगर स्थित ऑफिस में पूजा का कार्यक्रम रात 8 बजे तय किया गया। पूजा में कम रकम को देख ‘गुरुजी’ ने ज्यादा से ज्यादा रकम रखने को कहा। झांसे में आकर विनोद ने तिजोरी की पूरी रकम करीब 11 लाख रुपए पूजास्थल पर रख दिया। करीब दो से तीन घंटे तक पूजा का कार्यक्रम चलता रहा। विनोद और रामराव भी इसमें शामिल थे। 

पूजा करने श्मशान घाट में गए
ऑफिस की पूजा खत्म होने के बाद ‘गुरुजी’ ने श्मशान घाट में जाकर पूजा करने की बात कही। तब तक लगभग आधी रात हो चुकी थी। रामराव ‘गुरुजी’ और उसके दो साथियों को उमरेड स्थित एक श्मशान घाट ले गया। वहां पर जाने के बाद ‘गुरुजी’ ने रामराव को बताया था कि जैसे-जैसे रकम बढ़ेगी, आत्माएं हमारे ऊपर हमला बोल सकती हैं। ‘गुरुजी’ ने खुद की जान पर खतरा भी बताया और रामराव से विनोद के दफ्तर में रुके। अपने एक साथी को भी बुलाने को कहा। रामराव विनोद के दफ्तर में गया और बाइक पर ‘गुरुजी’ के साथी को बिठाकर घाट की ओर आ रहा था।

गुरुजी’ और साथी हुए नौ-दो ग्यारह
इस बीच, विनोद को अनहोनी की आशंका होने लगी। रामराव के पीछे-पीछे वह भी दोपहिया वाहन से घाट के लिए रवाना हुआ। अचानक घटनाक्रम में तेजी आई। इधर, घाट तक पहुंचने के पहले ही मौका देखकर ‘गुरुजी’ का साथी रामराव की चलती मोटरसाइकिल से छलांग लगाकर भाग गया, तो उधर शमशान से ‘गुरुजी’ और उसके साथी नौ-दो ग्यारह हो गए। विनोद और रामराव घना अंधेरा होने के कारण उस कार का नंबर एपी. 09 ही देख पाए, जिसमें ‘गुरुजी’ और उसके साथी सवार हुए थे। शायद वह कार पहले से ही श्मशान के पास खड़ी थी। इस तरह से 11 करोड़ के झांसे में आकर विनोद 11 लाख गवां बैठा। 

मामले को छिपाने का प्रयास
लाखों की रकम गंवाने के बाद विनोद और रामराव ने मामले को लूट-पाट बताने की कोशिश की। शुरुआती जांच में पुलिस को बताया गया कि विनोद दोपहिया वाहन से घर जा रहा था कि विहिरगांव के पास कार से आए लुटेरों ने 15 लाख रुपए की रकम लूट ली। मगर पुलिसिया पूछताछ में विनोद का झूठ ज्यादा देर नहीं टिक सका और पूरी कहानी सामने आ गई। आरोपियों की तलाश में परिसर और मार्ग में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है।

Created On :   8 Nov 2017 11:34 PM IST

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