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लड़खड़ाई नीलामी, सड़ रहीं मनपा की कबाड़ बसें

डिजिटल डेस्क,नागपुर। मनपा के परिवहन विभाग में नई बसों के दाखिल होने पर पुरानी 228 बसों को कबाड़ में डाल दिया गया। हिंगना और टेका नाका डिपो में कबाड़ बसों को खड़ा किया गया है। कबाड़ बसों की नीलामी प्रक्रिया लड़खड़ा जाने से डिपो में एक वर्ष से खड़ी बसें सड़ रही हैं। नीलामी प्रक्रिया में विलंब के चलते दिन-ब-दिन बसों का बिक्री मूल्य कम होने से मनपा का अनपेक्षित नुकसान हो रहा है। मनपा के परिवहन विभाग में आपली बस, मिनी बस, मिडी बस, इलेक्ट्रिक पर चलने वाली प्रदूषण मुक्त बस, महिलाओं के िलए तेजस्विनी बस सेवा चलाई जा रही है। मनपा परिवहन विभाग के बेड़े में नई बसों के दाखिल दाखिल हुई हैं। वहीं लंबे समय तक सेवा देने से खराब हो गई पुरानी बसों को हटा दिया गया है। इसमें से कुछ बसों को इलेक्ट्रिक बस में परावर्तित किया गया। शेष 228 बसों की नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू की गई। नीलामी प्रक्रिया बीच में ही लड़खड़ा गई।
कबाड़ बसों की नीलामी के लिए एक वर्ष पूर्व परिवहन समिति ने उपसमिति गठित की थी। प्रवीण भिसीकर को समिति का अध्यक्ष और नितीन साठवने तथा अर्चना पाठक को सदस्य चुना गया था। समिति का कामकाज शुरू हुआ, अनेक बैठकें हुईं। नीलामी से पहले ही अध्यक्ष का कार्यकाल समाप्त हो गया। नए अध्यक्ष का चयन होने के बाद नीलामी अपेक्षित थी। परंतु अध्यक्ष का चयन नहीं किए जाने से नीलामी ठंडे बस्ते में पड़ी है।
रजिस्ट्रेशन रद्द कराने की प्रक्रिया अधूरी
बसों की नीलामी करने से पहले आरटीओ से रजिस्ट्रेशन रद्द करना पड़ता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया की गई। कुछ बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द भी हुआ है। कुछ बसों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की प्रक्रिया अधूरी है। रजिस्ट्रेशन रद्द होने के बाद बाजार मूल्य निर्धारित कर नीलामी करनी होगी। इस प्रक्रिया के पूरा होने तक खड़े-खड़े बसों के सड़ जाने से मनपा के राजस्व को चूना लग रहा है। नीलामी प्रक्रिया में पारदर्शिता की दृष्टि से राज्य परिवहन निगम के अधिकारी को प्रक्रिया में सहभागी करने संबंध में प्रशासकीय मंजूरी लेने के उपसमिति ने िनर्देश िदए थे। इस प्रक्रिया में लेट-लतीफी के चलते नीलामी प्रक्रिया लड़खड़ा जाने की जानकारी मिली है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।