17 लाख कर्मचारियों में रोष, कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन

Fury among 17 lakh employees, assurance of not taking action
17 लाख कर्मचारियों में रोष, कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन
नागपुर 17 लाख कर्मचारियों में रोष, कार्रवाई नहीं करने का आश्वासन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को लेकर राज्य सरकारी कर्मचारी मध्यवर्ती संगठन व अन्य कर्मचारी संगठनों ने 14 मार्च से 20 मार्च तक बेमियादी राज्यव्यापी हड़ताल की थी। कर्मचारियों द्वारा हड़ताल वापस लेने पर मुख्यमंत्री ने आश्वास्त किया था कि हड़ताली कर्मचारियों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाएगी, किन्तु इस आश्वासन के बाद भी सात दिन का बिना वेतन असाधारण अवकाश मंजूर करने से राज्य के 17 लाख कर्मचारियों में रोष देखा जा रहा है। आदेश निकालने वाले अधिकारियों के विरोध में कार्रवाई करने की मांग मुख्यमंत्री से की गई है।

एक मिशन, पुरानी पेंशन’ योजना लागू करने के लिए 14 से 20 मार्च तक राज्य के 17 लाख सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर थे। सरकार ने इस दौरान 14 को पेंशन की समीक्षा करने के लिए एक अभ्यास समिति गठित की थी। फिर भी कर्मचारियों ने हड़ताल जारी रखी थी। सरकार ने बीच का रास्ता निकालने के लिए 20 मार्च को फिर कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक की थी। अंतत: त्रिसदस्यीय समिति की रिपोर्ट आने के बाद नई और पुरानी पेंशन योजना के आर्थिक अंतर कम कर कर्मचारियों को लाभ दिए जाएंगे, यह आश्वासन मुख्यमंत्री ने कर्मचारी संगठनों की सुकाणू समिति को दिया था, जिसके बाद हड़ताल वापस ली गई थी। इस चर्चा में हड़ताली कर्मचारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, यह आश्वासन मुख्यमंत्री ने दिया था।

इस आश्वासन के बाद भी बिना वेतन असाधारण अवकाश मंजूर करने के आदेश निर्गमित किए जाने से राज्य के कर्मचारियों में गुस्सा देखा जा रहा है। इसका निषेध करते हुए कास्ट्राइब जिला परिषद कर्मचारी संगठन के जिला अध्यक्ष डॉ. सोहन चवरे ने मुख्यमंत्री को भेजे गए एक निवेदन में कहा कि मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी बिना वेतन असाधारण अवकाश मंजूर करने का आदेश निकालने वो अधिकारियों के विरोध में विशेषत: मंत्रालयीन आईएएस अधिकारी, जो हर समय कर्मचारी विरोधी भूमिका लेते हैं और अपना आर्थिक हित देखते हैं, ऐसे अधिकारियों के विरोध में कार्रवाई करें।

Created On :   31 March 2023 6:24 PM IST

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