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बंद खदान पिट से गैस का रिसाव, लोगों की आँखें हो रही खराब

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा/परासिया। पेंचक्षेत्र की रावनवाड़ा स्थित बंद भूमिगत कोयला खदान पिट क्षेत्र में गैस रिसाव होने से लोगों में दहशत है। लगभग दस साल पहले जहरीली गैस रिसाव के चलते रावनवाड़ा खदान को स्थाई रूप से बंद किया गया था। हालांकि खदान प्रबंधन के अनुसार स्वत: तपन प्रक्रिया से लगी आग पर बरसाती पानी पहुंचने से धुआं मिक्स भाप निकल रही है, जिसे बुझाने पानी डाला जा रहा है।
स्थिति जो भी हो स्थानीय लोग इस स्थिति से आशंकित हैं और वेकोलि प्रबंधन सहित प्रशासन से इस स्थिति को नियंत्रित करने गुहार लगा रहे हैं। रावनवाड़ा भूमिगत कोयला खदान और पेंचईस्ट इंकलाइन वेकोलि की एकमात्र ऐसी खदानें थी, जिसकी सुरंगें एकदूसरे से जुड़ी थी। यही वजह है कि जब खदान की सुरंगों में जहरीली गैस का रिसाव हुआ तो प्रबंधन ने रावनवाड़ा भूमिगत कोयला खदान और पेंचईस्ट इंकलाइन को एक साथ बंद कर दिया गया।
रावनवाड़ा की बंद भूमिगत कोयला खदान पिट क्षेत्र में विगत पांच वर्षों के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा धड़़ल्ले से अवैध खनन कर कोयला और लोहा निकालकर बेचा गया, जिससे यह पूरा क्षेत्र छोटे बड़े-गड्ढों में तब्दील हो गया है, जिसमें से कुछ गड्ढों से गैस रिसाव हो रही है। स्थानीय निवासी राकेश पाल, ग्वाल तिवारी, धनलाल नागवंशी का कहना है कि इस गैस के प्रभाव से आंखों में जलन होती और आंसू निकलने लगता है।
इनका कहना है-
बंद खदान पिट पर स्वत: तपन प्रक्रिया से कोयला में आग लगी, जो बरसाती पानी के संपर्क में आने पर धुआं मिक्स भाप बनकर बाहर निकलती दिख रही है, जिसको बुझाने पानी डाल रहे हैं। आवश्यकता होने पर उसपर मिट्टी का पुराव कर हवा का संपर्क रोककर उसे बाहर निकलने से रोका जाएगा।
-विजय पासकल
प्रबंधक, रावनवाड़ा क्षेत्र-
जिन शर्तों के आधार पर कोल इंडिया को खदान खोलने की मंजूरी मिलती, उसे पूरा करना चाहिए। रावनवाड़ा खदान क्षेत्र की समस्या को लेकर पूर्व में भी प्रबंधन को अवगत कराया गया। अब पुन: संपर्क किया गया। स्थिति में सुधार नहीं आया तो प्रशासन के समक्ष यह मामला लेकर पहुंचेंगे।
-रईस खान, अध्यक्ष जपं परासिया