बिहार की तरह राज्य में ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना कराएं

डिजिटल डेस्क, मेहकर. बिहार राज्य की तरह महाराष्ट्र राज्य के ओबिसी की स्वतंत्र जनगणना करने की मांग अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद मेहकर तहसील की ओर से एक ज्ञापन व्दारा तहसीलदार के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजे ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन में दर्ज है कि हाल ही में बिहार में स्वतंत्र जातीनिहाय जनगणना प्रारम्भ हुई है।तमिलनाडु,, छत्तीसगढ़ व अन्य राज्यों ने भी ओबीसी जनगणना शुरु की है। उनके राज्य के विकास के लिए यह जनगणना अच्छी साबित हुई। महाराष्ट्र में जातीनिहाय जनगणना करने के बारे में समता परिषद ने समय समय पर मांग की, किंतु यह मांग प्रलंबित रखी गई। जनगणना विषय केंद्र शासन से संबंधित है किंतु ओबिसी की स्वतंत्र जनगणना करने के लिए केंद्र सरकार ने असमर्थता व्यक्त की है। इसी के चलते राज्य शासन बिहार की तरह ओबीसी की स्वतंत्र जनगणना करे।
बता दें कि सन् 1994 में केंद्र सरकार व्दारा नियुक्त राष्ट्रीय मागासवर्ग आयोग ने ओबीसी जनगणना कितनी आवश्यक है? इस बारे में लगातार तीन बार केंद्र को अवगत किया था। सन् 2010 की 5 मई को संसद में राष्ट्रवादी के नाशिक के तत्कालीन सांसद समीर भुजबल, स्व.गोपीनाथराव मुंडे समेत 100 सांसदों ने ओबीसी जनगणना का प्रस्ताव तैयार किया था किंतु उस पर अभी तक कार्यवाही नहीं हुई। देश में 2021 के नियमित जनगणना का कार्य अभी बाकी है। इसमें ही ओबिसी की जनगणना का कार्य करें, ऐसी भी माँग ज्ञापन में की गई है। ज्ञापन में समता परिषद के तहसील अध्यक्ष संदीप पांडव, जिला महासचिव अशोकराव इंगले, जिला प्रचार प्रमुख रफिक कुरेशी, तहसील कार्याध्यक्ष शिवा इंगले, दत्ताराव वानखेडे, उद्धवराव सोनवणे, दत्तात्रय गिरे, सुखदेव इंगले, विठ्ठल पायघन, संतोष सोनवणे, शिवशंकर इंगले, गोपाल इंगले आदि के हस्ताक्षर है।
Created On :   11 Jan 2023 6:16 PM IST