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दैनिक भास्कर हिंदी: गोंडवाना यूनिवर्सिटी पढ़ा रहा केवल 11 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम, उच्च शिक्षा के लिए लगानी पड़ रही नागपुर की दौड़

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल और नक्सल प्रभावित गड़चिरोली समेत चंद्रपुर जिले के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा दिलाने के मुख्य उद्देश्य को लेकर गड़चिरोली में आरंभ किया गया गोंडवाना विश्व विद्यालय अपने उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा है। आठ वर्ष पूर्व आरंभ किये गये इस यूनिवर्सिटी के तहत दोनों जिलों के कुल 210 महाविद्यालय शामिल हैं। लेकिन इन महाविद्यालयों में अब तक उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध नहीं करायी गयी है। वर्तमान में इन महाविद्यालयों में केवल 11 स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम पढ़ाया जा रहे हैं। जिसके चलते होनहार विद्यार्थियों को अब उच्च शिक्षा ग्रहण करने नागपुर के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज विश्व विद्यालय का सहारा लेना पड़ रहा है।
ज्ञात हो कि, 2 अक्टूबर 2011 में गोंडवाना विश्व विद्यालय का कामकाज आरंभ किया गया। मात्र शुरूआती दौर से ही यह यूनिवर्सिटी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है। इस यूनिवर्सिटी में न तो उच्च शिक्षा की सुविधा उपलब्ध है और न ही यूनिवर्सिटी के लिए पृथक भूमि अब तक मिल पायी है। यूनिवर्सिटी आरंभ होते ही कुलपति द्वारा सभी महाविद्यालयों में गणित, अंगरेजी, वाणिज्य, इतिहास और समाजशास्त्र आदि पांच शैक्षणिक विभाग आरंभ किये गये। जिसके बाद पाठ्यक्रमों में बढ़ोत्तरी करते हुए भौतिकशास्त्र, ररायनशास्त्र, कम्प्यूटरशास्त्र, अप्लाईड अर्थशास्त्र, जनसंवाद और एम. बी. ए. स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरंभ किया गया । उपरोक्त 11 पाठ्यक्रमों पर ही दोनों जिलों के विद्याथी शिक्षा ग्रहण कर रहें है। मात्र उच्च शिक्षा के लिए स्थानीय विद्यार्थियों को नागपुर , मुंबई और पुणे जैसे बड़े शहरों के यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेना पड़ रहा है। करोड़ों रूपये की लागत से निर्माण किये गये गोंडवाना यूनिवर्सिटी का लाभ अब तक विद्यार्थियों को नहीं मिलने से विद्यार्थियों में भी खासा असंतोष देखा जा रहा है।
यहां बता दें कि, यूनिवर्सिटी में विभिन्न प्रकार के स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम उपलब्ध नहीं होने से विद्यार्थियों को हो रहीं परेशानियों के मद्देनजर हाल ही में गोंडवाना यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. नामदेव कल्याणकर ने नागपुर के राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. सिध्दीविनायक काणे को एक पत्र भेजकर चंद्रपुर व गड़चिरोली के विद्यार्थियों के लिए 20 प्रतिशत सीटों की मांग की थी। इस मांग पर कुलपति डा. काणे ने सकारात्मक रवैयी अपनाते हुए विभिन्न प्रकार के दर्जनों पाठ्यक्रमों के लिए 20 प्रतिशत सीटों का आरक्षण गड़चिरोली व चंद्रपुर जिले के विद्यार्थियों के लिए घोषित किया है।
यूजीसी की मान्यता के बाद आरंभ होंगे नये पाठ्यक्रम
गोंडवाना यूनिवर्सिटी में फिलहाल कुल 11 पाठ्यक्रम शुरू हैं। नये पाठ्यक्रम आरंभ करने का एक अहवाल यूजीसी को सौंपा गया है। यह पाठ्यक्रम आरंभ करने के लिए विभिन्न प्रकार के सेटअप की आवश्यकता होती है। वर्तमान में यूनिवर्सिटी के लिए पृथक भूमि का प्रश्न गहन बना हुआ है। पृथक इमारत के बाद नये पाठ्यक्रम यूजीसी की मान्यता के बाद आरंभ हो सकते हैं। डा. अनिल चिताडे संचालक, परीक्षा व मूल्यमापन मंडल गोंडवाना यूनिवर्सिटी, गड़चिरोली
99 महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद रिक्त
गोंडवाना यूनिवर्सििटी के तहत शामिल चंद्रपुर जिले के 129 महाविद्यालयों में से 57 महाविद्यालयों में प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हुए हैं। वहीं गड़चिरोली में 42 ऐसे कुल 99 पद रिक्त होने के कारण संबंधित महाविद्यालयों में शिक्षारत विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। गत दिनों गोंडवाना यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने एक पत्र जारी करते हुए सभी महाविद्यालय प्रबंधन को प्राचार्य के रिक्त पद यथाशीघ्र भरने के आदेश दिए थे। ऐसा न करने पर महाविद्यालय की मान्यता को खारिज करने की चेतावनी भी जारी की गयी थी। बावजूद इसके अब तक 99 पद रिक्त होने के कारण संबंधित विद्यार्थियों का बड़े पैमाने पर शैक्षणिक नुकसान हो रहा है।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
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