मिला उद्योग जगत का साथ-रियल इस्टेट-इंफ्रास्टेक्चर को मिलेगा बढ़ावा- हिरानंदानी

डिजिटल डेस्क, मुंबई, विजय सिंह ‘कौशिक’. केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बुधवार को संसद में पेश केंद्रीय बजट का उद्योग जगत ने स्वागत का है। नेशनल रियल इस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) के उपाध्यक्षडॉ. निरंजन हीरानंदानी ने इस बजट को आर्थिक दृष्टि से ‘संतुलित' बजट बताते हुए इसे 10 में से 8 अंक दिए हैं। वे कहते हैं कि भारत ने दुनिया के मुश्किल हालातों और आर्थिक कठिनाइयों का बड़ी सावधानी और समझदारी से सामना किया है। इस बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर में पूंजीगत व्यय को 10 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ाकर भारत के आर्थिक विकास पर समुचित ध्यान दिया गया है, जो देश की जीडीपी का लगभग 3.3% है।
हिरानंदानी का मानना है कि रियल एस्टेट से संबंधित अलग-अलग क्षेत्रों पर इसका काफी अच्छा असर दिखाई देगा, जिनमें आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र शामिल हैं। कनेक्टिविटी की सुविधा को देश के अंतिम सिरे तक पहुंचाने से लॉजिस्टिक्स की लागत में काफी कमी आएगी, जिससे भारत की विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता और निवेश सूचकांक में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास बेहद महत्वपूर्ण है, और देश के सभी हिस्सों में आंतरिक इलाकों में हर तरह की रियल एस्टेट गतिविधियों के विकास के लिए संभावनाओं के द्वार खोलता है। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत 79,000 करोड़ रुपये तक के वृद्धिशील आवंटन से किफायती आवास को प्रोत्साहन मिलेगा और घर खरीदारों के एक बड़े वर्ग को काफी फायदा मिलेगा। व्यक्तिगत आयकर में छूट मिलने से लोगों की अवशिष्ट आय बढ़ेगी और घर खरीदने वाले समझदार लोगों को सबसे सुरक्षित ऐसेट, यानी 'घर' में वापस निवेश करने का अवसर मिलेगा।
बजट से मेड इन इंडिया इलेक्ट्रीक वाहनों को मिलेगा प्रोत्साहन
सोसायटी ऑफ मैनुफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक वेहिकल्स (एसएमईवी) ने बजट का स्वागत किया है। एसएमईवी के महानिदेशक सोहिंदर सिंह गिल ने एसकेबी/सीयूबी पर सीमा शुल्क बढ़ाने को सही कदम बताया। इससे मेड इन इंडिया ईवी को प्रोत्साहन मिलेगा। गिल ने कहा कि ईवी उद्योग कठिन दौर से गुजर चुका है। ईवी के लिए जरूरी उपकरणों की आपूर्ति घरेलू स्तर पर बढऩे लगी है। इससे इस क्षेत्र में न सिर्फ निवेश बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी खुलेंगे। लिथियम सेल, इलेक्ट्रिक मोटर्स के लिए चुंबक, अर्धचालक आदि ही विदेश से मंगाने पड़ेंगे। स्थानीय आपूर्ति के चलते ईवी की लागत किफायती होगी। लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए शुल्क मुक्त मशीनरी आयात की सहूलियत का इस उद्योग को लाभ मिलेगा।
हाइड्रोजन ईंधन का इरादा अच्छा
गिल ने कहा कि भविष्य में ईंधन के रूप में हाइड्रोजन के इस्तेमाल का इरादा अच्छा है। भारत में धूप प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि देश में अधिकांश माल ढुलाई के लिए ट्रकों का इस्तेमाल होता है। इस पर ईधन खर्च काफी ज्यादा होता है। ये ट्रक लिथियम बैटरी पर कुशलतापूर्वक और लागत प्रभावी तरीके से नहीं चल सकेंगे। हम मानतेहैं कि हाइड्रोजन व लिथियम बैटरी अगले कुछ दशकों की ऊर्जा और परिवहन जरूरतों के लिए स्वच्छ ईंधन का स्रोत बन सकते हैं।
ज्वैलरी उद्योग में कहीं खुशी, कहीं गम
जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने केंद्रीय बजट को निर्यात विकासोन्मुख बजट बताते हुए इसकी सराहना की है। काउंसिल के अध्यक्ष विपुल शाह ने कहा कि केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारमण और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शिता बजट में दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि आइआइटी में पांच साल शोध के लिएअनुदान प्रदान करके उभरते लैब-ग्रोन डायमंड क्षेत्र में स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार को धन्यवाद देते हैं। काउंसिल एलजीडी बीजों पर सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का स्वागत करता है। हालांकि बजट उपायों से आभूषण उद्योग में कहीं खुशी तो कहीं गम का आलम है। लैब ग्रोन डायमंड (एलजीडी) सीड के आयात पर शुल्क में छूट, एलजीडी में स्वदेशी को प्रोत्साहन मिला है।
सोने-चांदी पर आयात शुल्क में कटौती से सर्राफा कोरोबारी निराश
वहीं, सोना-चांदी आयात शुल्क में कटौती की उम्मीद न पूरी होने से सर्राफा कारोबारी निराश हैं। चांदी से बने सामान के आयात पर शुल्क बढ़ गया है। इंडिया बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (इब्जा) ने भौतिक सोने को डिजिटल में बदलने पर पूंजीगत कर नहीं लगाने के फैसले को सही बताया। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल (डोमेस्टिक) के अध्यक्ष संयम मेहरा ने बजट को संतुलित बताया।
बढेगी वाहनों की बिक्री, ऑटो मोबाईल क्षेत्र को होगा लाभ
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए कहा कि बजट मेंपुराने वाहनों को कबाड़ में डालने की घोषणा की गई है। इससे कमर्शियल व यात्री वाहनों की मांग बढ़ेगी। सिघानिया ने कहा कि वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को सही दिशा में बढ़ाने की कोशिश की है। केंद्र व राज्य सरकारें अपने लाखों सरकारी वाहनों को कबाड में डालेंगी। सरकारी विभागों के लिए इसी अनुपात में नए वाहन खरीदे जाएंगे। इससे ऑटोमोबाइल क्षेत्र को लाभ होगा। वाहन निर्माताओं को बड़े ऑर्डर मिलेंगे। इससे कल-पुर्जों की सप्लाई करने वाले छोटी व मझोली (एसएमई) इकाइयों को भी काम मिलेगा। दुनिया मंदी से सहमी हुई है। पर भारत के हालात अलग हैं। घरेलू मांग से ऑटो उद्योग को रफ्तार मिलेगी। अलग-अलग टैक्स स्लैब में कमी से एंट्री लेवल टू व्हीलर व पीवी सेगमेंट को भी फायदा होगा। फाडा अध्यक्ष ने कहा कि डिजी लॉकर के इस्तेमाल से कारोबारियों को आसानी होगी।
Created On :   1 Feb 2023 8:25 PM IST