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मराठी की स्थिति पर सरकार के पास जानकारी नहीं, कोई श्वेतपत्रिका भी जारी नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य की स्थापना के 60 वर्ष बाद भी मराठी की स्थिति के बारे में सरकार के पास कोई जानकारी नहीं है। इस संबंध में सरकार ने श्वेतपत्रिका भी जारी नहीं की है। सूचना अधिकार के तहत यह जानकारी सामने आयी है। मराठी की स्थिति के बारे में सरकार की ओर से जानने का प्रयास भी नहीं किया गया है। यहां तक कि मराठी भाषा प्राधिकरण कायदा भी सरकार बनानेवाली नहीं है। सूचना अधिकार कार्यकर्ता अभय कोलारकर ने राज्य जनसंपर्क विभाग के मराठी भाषा विभाग से जानकारी मांगी थी। मराठी भाषा प्राधिकरण की मांग को लेकर राज्य भर से 24 संस्थाओं व सैकड़ों भाषा प्रेमियों ने आजाद मैदान मुंबई में धरना प्रदर्शन किया था। कोलारकर का कहना है कि प्रदर्शन के बाद भी सरकार की संवेदनशीलता सामने नहीं आयी है। महाराष्ट्र राज्य की स्थापना के 60 वर्ष पूर्ण होने पर मराठी भाषिक राज्य स्थापना का हीरक महोत्सव मनाया जा रहा है। लिहाजा राज्य स्थापा के अब तक मराठी की स्थिति का वर्णन करनेवाली श्वेतपत्रिका की जानकारी मांगी गई थी।
विभाग ने उत्तर दिया है कि यह जानकारी उपलब्ध नहीं है। मराठी की स्थिति के बारे में अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल की समिति ने अध्ययन करके रिपोर्ट तैयार की थी। उस रिपोर्ट पर भी सरकार ने ध्यान नहीं दिया है। यह भी उल्लेखनीय है कि मराठी साहित्य महामंडल की समिति ने स्व खर्च से यह रिपोर्ट तैयार की है। मराठी भाषा विभाग के अनुसार समिति की रिपोर्ट को राज्य मराठी विकास संस्था की ओर भेजा गया है लेकिन उस संस्था की ओर से कोई उत्तर नहीं मिल पाया है। श्री कोलारकर ने कहा है कि भाषा विषयक रिपोर्ट पर निर्णय लेना सरकार का अधिकार है। लेकिन उसे महामंडल की ओर भेजने का औचित्य समझ नहीं आता है।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।