सरकार में महाराष्ट्र के हितों की रक्षा करने की ताकत और क्षमता नहीं- अजित 

Government does not have strength and ability to protect interests of Maharashtra - Ajit
सरकार में महाराष्ट्र के हितों की रक्षा करने की ताकत और क्षमता नहीं- अजित 
विधानमंडल का बजट सत्र सरकार में महाराष्ट्र के हितों की रक्षा करने की ताकत और क्षमता नहीं- अजित 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र विधानमंडल के बजट अधिवेशन की पूर्व संध्या पर विपक्ष ने राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार के चायपान का बहिष्कार कर दिया। विधानसभा में विपक्ष के नेता अजित पवार ने कहा कि राज्य सरकार महाराष्ट्र का अभिमान, स्वाभिमान और हितों की रक्षा करने में असमर्थ साबित हुई है। सरकार में महाराष्ट्र के हितों की रक्षा करने की ताकत और क्षमता नहीं है। इसको देखते हुए यदि विपक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के चायपान के कार्यक्रम में शामिल होता है तो यह महाराष्ट्र द्रोह साबित होगा। इसलिए विपक्ष ने मुख्यमंत्री के चायपान का बहिष्कार करने का फैसला लिया है। विधानमंडल के बजट अधिवेशन की शुरुआत सोमवार को राज्यपाल रमेश बैस के अभिभाषण से होगी। इसके मद्देनजर रविवार को विपक्ष ने विधानभवन में बैठक की। जिसमें बजट सत्र के दौरान सदन में उठाए जाने वाले मुद्दों और सरकार को घेरने के लिए रणनीति पर चर्चा हुई। रायपुर में आयोजित महाधिवेशन के चलते विपक्ष की बैठक में कांग्रेस के नेता मौजूद नहीं थे। हालांकि कांग्रेस के विधानमंडल दल नेता बालासाहेब थोरात ने विपक्ष के नेता अजित से फोन पर चर्चा की। बैठक के बाद विधान भवन के पत्रकार कक्ष में पत्रकारों से बातचीत में विपक्ष के नेता अजित ने कहा राज्य सरकार को बिहार के तर्ज पर महाराष्ट्र में ओबीसी की जाति जनगणना कराना चाहिए। सरकार मराठा समाज, मुस्लिम समाज और धनगर समाज के आरक्षण को लेकर एक शब्द बोलने के लिए तैयार नहीं है। अजित ने कहा कि सरकार के कई मंत्रियों पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप हैं। सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार काफी बढ़ गया है। रिश्वत दिए बैगर नागरिकों का काम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार की 75 हजार पदों पर भर्ती केवल जुमला है। सरकार ने पद भर्ती के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। अजित ने कहा कि नियमित कर्ज भरने वाले किसानों को सरकार की ओर से 50 हजार रुपए नहीं मिल रहा है। इससे किसानों में नाराजगी है। कम दाम मिलने के चलते किसान कपास नहीं बेच रहे हैं। किसानों को फसल बीमा की मदद भी नहीं मिल पाई है। अजित ने कहा कि राज्य में बिजली महंगी होने वाली है।

पेट्रोल और डीजल की कीमत बढ़ रही है। बंद उद्योग, ठप्प निवेश और मंदी के कारण बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। राज्य में औद्योगिक निवेश नहीं आ रहा है। करोड़ों रुपए के निवेश और लाखों लोगों को रोजगार देने वाली कई परियोजनाएं दूसरे राज्यों में चली गई हैं। इसके ऐवज में सरकार कोई नहीं परियोजनाओं को नहीं ला पाई है। अजित ने कहा कि सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री लगातार विवादित बयान दे रहे हैं। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। सत्तारूढ़ दल के विधायक सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों से गाली गलौज और मारपीट करने की कोशिश कर रहे हैं। अजित ने कहा कि सरकार ने नागपुर के शीत सत्र में 52 हजार करोड़ रुपए की पूरक मांगों को मंजूर कराया था। सरकार के केवल मंत्रियों और विधायकों के निर्वाचन क्षेत्र में करोड़ रुपए के विकास काम की घोषणा की है। लेकिन सरकार के पास इतने पैसे देने के लिए नहीं है। अजित ने कहा कि विकास कामों को लेकर राजनीति हो रही है। जिलों में जिला वार्षिक योजना की निधि खर्च करने को मंजूरी प्रदान नहीं की गई है। इससे आवंटित निधि बिना खर्च के वापस चली जाएगी। साल 2022-23 के बजट में मंजूर कामों पर रोक लगाए जाने से राज्य विकास ठप्प हो गया है। 

सरकार असंवैधानिक 

अजित ने कहा कि राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार असंवैधानिक है। शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायकों पर अपात्र घोषित किए जाने की लटकती तलवार है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बगावत के बाद से उनके खिलाफ राज्य के लोगों की जनभावना तीव्र है। मुख्यमंत्री ने बीते आठ महीने में जिस गति से निष्ठा बदली है। उसका गुस्सा शिवसेना (उद्धव गुट) के कार्यकर्ताओं में है। 
मुख्यमंत्री कार्यालय में 3 हजार फाइलें लंबित पड़ी हैं
अजित ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय में 3 हजार फाइलें मंजूरी के लिए पड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री के पास इन फाइलों पर हस्ताक्षर करने के लिए समय नहीं है। अजित ने कहा कि मैंने शरद पवार के मुख्यमंत्री पद का कार्यालय देखा है। वे मुख्यमंत्री के रूप मंक रात को 2 बजे तक फाइलों का निपटारा करते थे।  

विधायकों पर हमला और धमकी 

अजित ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की परिस्थिति गंभीर बन गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण पर अज्ञात व्यक्ति द्वारा नजर रखी जा रही है। कांग्रेस के विधायक प्रज्ञा सातव पर हमले की घटना हुई है। राकांपा विधायक जितेंद्र आव्हाड के दामाद और बेटी को जान से मारने की धमकी मिली है। शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक आदित्य ठाकरे की रैली पर हमला हुआ था। शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राऊत को मारने के लिए गुंडे को सुपारी दी गई है। अजित ने कहा कि शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक वैभव नाईक, राजन सालवी और नितीन देशमुख को एसीबी की नोटिस मिली है। राकांपा विधायक हसन मुश्रीफ के ठिकाने पर छापे मारे गए हैं। रत्नागिरी में पत्रकार शशिकांत वारिशे की हत्या हुई है। 

सोलापुर के प्याज उत्पादक किसान को 2 रुपए का चेक 

अजित ने कहा कि प्याज उत्पादक किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा है। सोलापुर के बार्शी तहसील के किसान राजेंद्र तुकाराम चव्हाण ने गत 17 फरवरी को 512 किलो प्याज कृषि मंडी में बेचा था। चव्हाण को व्यापारी ने केवल 2 रुपए का चेक दिया है। प्याज किसानों की यह हालत दुर्भाग्यपूर्ण है। इसलिए सरकार को प्याज के निर्यात के लिए तत्काल कदम उठाना चाहिए। जिससे प्याज की कीमतों में इजाफा होगा। बांग्लादेश में प्याज की प्रचंड मांग है।

चुनाव आयोग का फैसला पक्षपाती

अजित ने कहा कि उद्धव ठाकरे से शिवसेना (उद्धव गुट) का नाम और चुनाव चिन्ह छीनने का केंद्रीय चुनाव आयोग का फैसला पक्षपाती है। ऐसी भावना राज्य की जनता में है। अजित ने कहा कि शिवसेना के दोनों गुटों के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चुनाव आयोग को अपना निर्णय घोषित करना चाहिए था। लेकिन चुनाव आयोग के फैसले के कारण लोगों के मन में आशंका पैदा हो गई है। अजित ने कहा कि मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे की पार्टी के केवल एक विधायक हैं। यदि मनसे के विधायक पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा करेंगे तो चुनाव आयोग शिवसेना की तरह फैसला करेगा क्या?  

वर्षा बंगले की चाय में सोने का पानी डाला जाता है क्या 

अजित ने कहा कि मुख्यमंत्री के सरकारी आवास वर्षा बंगले के चार महीने का खानपान का बिल 2 करोड़ 38 लाख रुपए आया है। मुख्यमंत्री के बंगले में दी जाने वाली चाय में सोने का पानी डाला गया था क्या? 

सरकारी विज्ञापन पर 50 करोड़ रुपए खर्च 

अजित ने कहा कि शिंदे-फडणवीस सरकार ने पिछले 8 महीनों में सरकारी विज्ञापनों पर 50 करोड़ रुपए खर्च किया है। मुंबई मनपा ने विज्ञापनों पर 17 करोड़ रुपए किए हैं। अजित ने कहा कि सरकारी विज्ञापनों पर नियमों के अनुसार केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिंदे की तस्वीर होनी चाहिए। लेकिन सरकारी विज्ञापनों में मनमुताबिक फोटो का इस्तेमाल हो रहा है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। अजित ने कहा कि एसटी महामंडल के कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल पा रहा है। लेकिन सरकार एसटी महामंडल का करोड़ों रुपए विज्ञापन पर खर्च कर रही है। 

लोकसभा विधानसभा चुनाव साथ हो सकता है 

अजित ने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ में ही महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव हो सकता है। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति को देखकर लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ होने की संभावना नजर आ रही है। 

उद्धव गुट के विधायकों को लेकर विस अध्यक्ष को मिलेंगे 

अजित ने कहा कि शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायकों के सदन में बैठने का आसन तय करने  लेकर विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे से मुलाकात की जाएगी। इस बीच अजित ने कहा कि विधान परिषद में काफी सीटें रिक्त हैं। इसलिए विधान परिषद में सभापति पद का चुनाव कराना कितना उचित होगा? इस बारे में उपसभापति उचित फैसला करेंगी।  

औरंगाबाद और उस्मानाबाद का नाम बदलने पर   संशोधन की आवश्यकता- दानवे 

विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि केंद्र सरकार ने केवल औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहर का नाम बदलने की मंजूरी दी है। इसके अनुसार राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने औरंगाबाद तहसील का नाम छत्रपति संभाजीनगर और उस्मानाबाद तहसील का नाम धाराशिव करने के संबंध में अधिसूचना जारी किया है लेकिन हम लोगों की मांग औरंगाबाद और उस्मानाबाद जिले का नाम बदलने की है। इसलिए केंद्र सरकार को नाम बदलने के फैसले को लेकर संशोधित आदेश जारी करना चाहिए। इस बीच दानवे ने कहा कि राज्य में साल 2022-23 के बजट की केवल अभी तक 47 प्रतिशत निधि खर्च हो पाई है। 
 

Created On :   26 Feb 2023 9:22 PM IST

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