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इस बार भी नहीं हुआ रेडीरेक्नर की दर में इजाफा, 10 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का था अंदेशा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी सहित राज्य भर के नागरिकों को इस बार बड़ी राहत मिली है। राज्य सरकार ने इस बार रेडीरेक्नर दरें नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है। पिछले साल जो दरें लागू थीं, वही इस साल भी लागू रहेंगी। रेडीरेक्नर दरें नहीं बढ़ाने के पीछे नोटबंदी, जीएसटी और रेरा कानून का प्रापर्टी क्षेत्र में गहरा असर बताया जा रहा है। नोटबंदी और जीएसटी के कारण प्रापर्टी क्षेत्र अभी भी उभर नहीं पाया है। रेरा कानून से इस क्षेत्र में और गिरावट आई है। क्षेत्र में मंदी का असर अभी भी देखा जा रहा है। इसे देखते हुए ही संभवत: इस साल रेडीरेक्नर की दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी करने से राज्य सरकार ने मना कर दिया है।
गत वर्ष यह हवाला दिया था
राज्य सरकार के नगर रचना मुद्रांक व मूल्य निर्धारण विभाग द्वारा हर साल रेडीरेक्नर की नई दरें लागू की जाती हैं। पहले रेडीरेक्नर की नई दरें 1 जनवरी से लागू की जाती थीं, लेकिन पिछले साल नए वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल से लागू करने का निर्णय लिया गया था। पिछले साल राज्य सरकार ने रेडीरेक्नर की दरों में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। इसके पीछे नोटबंदी सहित राज्य में आई बाढ़ का हवाला दिया गया था।
पिछले साल के ही दर लागू रहेंगे
नगर रचना मुद्रांक व मूल्य निर्धारण विभाग के सह जिला उप-निबंधक राजेश राऊत ने रेडीरेक्नर दर नहीं बढ़ने की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस बार प्रदेश में कहीं भी रेडीरेक्नर के रेट नहीं बढ़ाए हैं। पिछले साल के ही दर लागू रहेंगे।
पिछले साल ये थी रेडीरेक्नर की दर
नागपुर के धंतोली परिसर में रेडीरेक्नर के दर 6 हजार 200 वर्गफीट, अजनी में 6 हजार, सीताबर्डी में 9 हजार 200, रामदासपेठ में 6 हजार 900, बोरगांव में 4 हजार, सोमलवाड़ा में 6 हजार 350, मनीष नगर में 3 हजार 20, मानेवाड़ा में 3 हजार 950, बेसा में 1 हजार 200, बेलतरोड़ी में 1 हजार 50, हुडकेश्वर बुद्रुक में 830, नरसाला में 710 वर्गफीट रेडीरेक्नर दर थी।
5 से 10 प्रतिशत वृद्धि का अंदेशा था
इस बार रेडीरेक्नर दरों में 5 से 10 प्रतिशत वृद्धि होने का अंदेशा था। हालांकि पिछले दिनों मुंबई में हुई बैठक में इसका जोरदार विरोध किया गया। प्रापर्टी क्षेत्र से जुड़े जानकारों ने कहा कि रेडीरेक्नर की दरों में वृद्धि करना गलत होगा। पिछले साल नोटबंदी, जीएसटी और रेरा जैसे कारणों से प्रापर्टी क्षेत्र में मंदी का वातावरण था, इसलिए रेडीरेक्नर की दर में वृद्धि कैसे कर सकते हैं। अगर यह वृद्धि होती है, तो गलत होगा। सरकार ने भी बाद में अपने विभागों से राज्य के प्रत्येक जिलों से संपत्ति खरीदी-बिक्री की रिपोर्ट मंगाई। रिपोर्ट में पता चला कि वाकई राज्य भर में प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री पर असर पड़ा है। रेडीरेक्नर संपत्ति की खरीदी-बिक्री की दरों के आधार पर लगता है, लेकिन प्रापर्टी क्षेत्र पर ही मंदी का असर होने से खरीदी-बिक्री में कोई खास बढ़ोतरी नहीं देखी गई है, जो खरीदी-बिक्री हुई है, वह भी पुरानी दरों पर है।
Created On :   1 April 2018 3:40 PM IST