अजित पवार बोले - महाराष्ट्र में लागू नहीं हो पाएगा कृषि विधेयक, समर्थन में शिवसेना 

Government will not be able to implement the Agriculture Bill in Maharashtra- Pawar
अजित पवार बोले - महाराष्ट्र में लागू नहीं हो पाएगा कृषि विधेयक, समर्थन में शिवसेना 
अजित पवार बोले - महाराष्ट्र में लागू नहीं हो पाएगा कृषि विधेयक, समर्थन में शिवसेना 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। संसद में पारित कृषि सुधार विधेयकों को लेकर महाविकास आघाड़ी के घटक दलों की बंटी हुई राय के बीच उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य सरकार की भूमिका स्पष्ट की है। शुक्रवार को पुणे में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि महा विकास आघाडी सरकार का प्रयास है कि कृषि सुधार विधेयकों को महाराष्ट्र में लागू नहीं किया जाए। परंतु इन विधेयकों के कारण पैदा होने वाली नई समस्याओं और अदालत में मामला जाने पर क्या हो सकता है, इस बारे में सरकार अध्ययन कर रही है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने इस संबंध में सरकार के विधि व न्याय विभाग और एडवोकेट जनरल से भी राय मांगी है। 

अजित ने कहा कि कृषि सुधार विधेयकों को लेकर मेरी अध्यक्षता में एक बैठक भी हुई थी, जिसमें प्रदेश के विपणन मंत्री बालासाहब पाटील, जलसंसाधन मंत्री जंयत पाटील और संबंधित विभाग के सचिव मौजूद थे। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि सुधार विधेयक किसानों को अपने हित में नहीं लग रहा है। राकांपा समेत कई दलों ने इसका विरोध किया है। किसानों को लगता है कि विधेयक उनके हित में नहीं है, फिर पता नहीं क्यों केंद्र सरकार को विधेयक मंजूर कराने के लिए इतनी जल्दबाजी थी।                             

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि महाराष्ट्र में कृषि सुधार विधेयक लागू नहीं हो। थोरात ने कहा कि कांग्रेस कृषि सुधार विधयकों को लागू नहीं करने के बारे में सहयोगी दल राकांपा और शिवसेना के साथ चर्चा करेगी। मुझे विश्वास है कि तीनों दलों के बीच इस पर एक राय हो जाएगी। थोरात ने कहा कि कृषि सुधार विधयक किसान विरोधी है यह सभी को स्वीकार करना पड़ेगा।   

शिवसेना सांसद का गोलमोल जवाब

वहीं शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कृषि सुधार विधयकों को लागू करने के संबंध में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कृषि सुधार विधयकों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना को कंफ्यूज्ड पार्टी बताया था। इस पर राऊत ने कहा कि फडणवीस राष्ट्रीय मुद्दों पर शिवेसना की भूमिका का अध्ययन कर रहे हैं। संभवतः उनके मन में केंद्र में जाकर काम करने की इच्छा है। राज्यसभा में कृषि विधेयकों के मंजूरी के समय शिवसेना के वॉक आऊट के सवाल पर राऊत ने कहा कि राज्यसभा में इन विधेयकों पर वोटिंग ही नहीं हुई थी। मैं ध्वनिमत को मतदान नहीं मानता हूं। इससे पहले गुरुवार को शिवसेना नेता तथा प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कृषि सुधार विधयकों का समर्थन किया था। 

लागू नहीं हो पाएगा यह काला कानूनः शेट्टी

इस बीच स्वाभिमानी शेतकरी संगठन और किसान सभा की ओर से शुक्रवार को राज्य भर में कई जगहों पर कृषि सुधार विधयकों के खिलाफ आंदोलन किया गया। कोल्हापुर में स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष तथा पूर्व सांसद राजू शेट्टी ने कृषि सुधार विधयकों की प्रतियों को जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। शेट्टी ने कहा कि केंद्र सरकार ने भले ही कृषि सुधार विधयकों को संसद में मंजूर करा लिया हो लेकिन सरकार इन विधयकों को लागू नहीं करा सकती है। शेट्टी ने कहा कि किसानों के लिए यह काला दिन है। भविष्य में सरकार के कॉर्पोरेट कंपनियों के शीशे होंगे और हमारे हाथ में पत्थर होगा। हम अन्याय सहन नहीं करेंगे। 

लागू करना पड़ेगा कृषि विधेयकःफडणवीस

इधर,विधान सभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कृषि सुधार विधयकों को लागू न करने का फैसला किसान विरोधी है। कांग्रेस विधेयकों पर दोहरी भूमिका अपना रही है। कांग्रेस को इसका उत्तर किसान ही देंगे। मुझे लगता है कि कांग्रेस की सरकारों को विधयकों को लागू करना पड़ेगा। 


 

Created On :   25 Sep 2020 1:45 PM GMT

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