अब निजी स्कूल में सरकार करेगी शिक्षकों की भर्ती, पिछले साल कैबिनेट ने दी थी मंजूरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। स्थानीय स्वराज्य संस्था सहित निजी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती अब प्रदेश सरकार करेगी। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के शिक्षा सम्राटों को बड़ा झटका लगना तय है। प्रदेश के अधिकांश निजी शिक्षा संस्थानों पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेताओं का कब्जा है। सरकार अनुदानित, आशिंक अनुदानित, अनुदान के लिए पात्र बिना अनुदानित स्कूल और गैर अनुदानित स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति खुद करेगी। अल्पसंख्यक संस्थाओं पर यह फैसला लागू नहीं होगा। प्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग की ओर इस संबंध में शासनादेश जारी किया गया है। इसके मुताबिक शिक्षकों की नियुक्ति ऑनलाइन प्रणाली ‘पवित्र’ के माध्यम से की जाएगी। राज्य में शिक्षकों की भर्ती वर्ष में दो बार जरूरत के अनुसार की जाएगी। शिक्षकों की भर्ती के लिए प्राथमिक स्कूलों के संबंध में शिक्षा निदेशक (प्राथमिक) और माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा निदेशक (माध्यमिक व उच्च माध्यमिक) नोडल अधिकारी के रूप में काम करेंगे। सरकार के अनुसार नगर निकाय और निजी शिक्षा संस्थानों के स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदकों का दिसंबर 2017 में अभियोग्यता व बुद्धिमत्ता परीक्षण किया जा चुका है। नियुक्ति प्रक्रिया के अगले चरण का काम पूरा होने के बाद शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इससे पहले पिछले साल राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी थी।
महाधिवक्ता को मिला राज्यमंत्री का दर्जा
इसके अलावा राज्य सरकार ने राज्य के महाधिवक्ता को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया है। इस संबंध में गुरुवार को विधि व न्याय विभाग की तरफ से शासनादेश जारी किया गया। शासनादेश के अनुसार राज्य कि विभिन्न अदालतों में राज्य सरकार का पक्ष रखने वाले महाधिवक्ता को राज्य मंत्री का दर्जा देने का प्रस्ताव विचाराधीन था। राज्य के महाधिवक्ता एडवोकेट आशुतोष कुंभकोणी को राज्यमंत्री क दर्जा दे दिया गया है। अब उन्हें मानधन के अलावा, टेलिफोन खर्च, कार्यालयीन कामकाज के लिए 20 लाख रुपए मूल्य तक की कार, सरकारी आवास, सरकारी समारोहों में राज्यमंत्री के स्तर के अनुसार स्थान दिया जाएगा।
Created On :   21 Jun 2018 9:49 PM IST