सरकार की योजनाएं फेल चित्रकूट में मिली अति गंभीर कुपोषित बच्ची, हालत गंभीर

Governments schemes fail, very seriously malnourished girl found in Chitrakoot, condition critical
सरकार की योजनाएं फेल चित्रकूट में मिली अति गंभीर कुपोषित बच्ची, हालत गंभीर
कलेक्टर के निर्देश पर इलाज के लिए अस्प्ताल में कराया गया भर्ती सरकार की योजनाएं फेल चित्रकूट में मिली अति गंभीर कुपोषित बच्ची, हालत गंभीर

डिजिटल डेस्क सतना। चित्रकूट नगर परिषद के सुरांगी में 7 साल की एक आदिवासी बालिका के अति कुपोषित पाए जाने पर सनाका है। अति कुपोषित सोमवती का मामला सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद रविवार को कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी सौरभ सिंह  सुरांगी पहुंचे। बालिका को इलाज के लिए जिला अस्पताल स्थित पीकू (पीडियाट्रिक इंटेसिंव केयर यूनिट) में भर्ती कराया गया है। उपचार की जिम्मेदारी शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डा.सुनील कारखुर के साथ विशेषज्ञ चिकित्सकों को सौंपी गई है।  
हालत है गंभीर-
जिला अस्पताल प्रबंधन के मुताबिक 7 वर्ष अति कुपोषित सोमवती मवासी की हालत बेहद गंभीर है। उसका शुगर लेवल तय पैमाने से 70 गुना ज्यादा यानि 700  मापा गया है। इस उम्र के बच्चों का आदर्श वजन 20 किलो होता है, लेकिन इस बालिका का वजन महज साढ़े 7 किलो है। डीपीओ श्री सिंह के मुताबिक इससे पहले  2019 की 2 जुलाई को और फिर वर्ष 2020 की 9 नवंबर को उसे मझगवां के पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) में भर्ती कराया गया था। पूर्णतया स्वस्थ होने पर छुट्टी दी गई थी।
भोपाल से आज आएगी जांच टीम-
चित्रकूट नगर परिषद के वार्ड 13 की सुरांगी बस्ती में गंभीर किस्म की अति कुपोषित बालिका का मामला सामने आने के बाद सतना से भोपाल तक हड़कंप है। मामले की जांच के लिए  महिला एवं बाल विकास विभाग की एडीशनल डायरेक्टर राजपाल कौर दीक्षित के नेतृत्व में एक टीम 5 सितंबर को भोपाल से यहां आ रही हैं।  जांच टीम सुरांगी जाएगी और इस संबंध में सभी संबंधित अधिकारियों के साथ विमर्श करेगी।
दोषियों के खिलाफ होगी कार्यवाही-
कलेक्टर अनुराग वर्मा ने बताया कि जांच के दौरान सेवाओं में कमी पाए जाने पर संबंधित कर्मचारियों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।  उन्होंने बताया कि जिले के आदिवासी बहुल्य मझगवां, रामनगर, परसमनिया, सिंहपुर के बच्चों के सर्वेक्षण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग  को संयुक्त सर्वेक्षण के निर्देश दिए गए हैं। सात दिन के अंदर सर्वे रिपोर्ट तलब की गई है।  
परवरिश की कमी, साथ नहीं रहते माता-पिता-  
डीपीओ सौरभ सिंह ने बताया कि सोमवती का जन्म अगस्त 2015 में हुआ था। पिता और मां गोलकी का संबंध तब विच्छेद हो गया था,जब सोमवती गर्भ में थी। सुरांगी में उसका ननिहाल है। जन्म के बाद उसकी मां ने भी उसका साथ छोड़ दिया और कहीं और चली गई। सोमवती नाना रामकुश मवासी और मौसी सीमा के साथ रहती है। दोनों मजदूरी के लिए घर से बाहर रहते हैं। अभिभावकों ने उसे कभी स्कूल भी नहीं जाने दिया। उल्लेखनीय है, चित्रकूट में आंगनवाड़ी केन्द्र की स्थापना 2017 में की गई थी।

Created On :   4 Sept 2022 11:22 PM IST

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