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दोनों सदनों में पारित हुआ ग्राम पंचायत संशोधन विधेयक- जनता सीधे नहीं चुन सकेगी सरपंच, अन्ना ने किया विरोध

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सरपंच का चुनाव ग्राम पंचायतों सदस्यों द्वारा कराने वाले महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम में संशोधन विधेयक को विधावमंडल के दोनों सदनों से मंजूरी मिल गई है। इसके बाद मंगलवार को राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने कहा कि सोमवार को घोषित राज्य के 1575 ग्राम पंचायतों के चुनाव नई पद्धति से ही होंगे। मंगलवार को सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुश्रीफ ने दोनों सदनों में संशोधन विधेयक पेश किया, जिसे पारित कर दिया गया। मंगलवार को विधान परिषद सदन की कार्य सूची में महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम में संशोधन के लिए विधेयक पेश करने की जानकारी को शामिल नहीं किया गया था। इसके बावजूद सरकार ने विधानसभा में विधेयक मंजूर होते ही जल्दबाजी में विधान परिषद में विधेयक को पेश करा मंजूर कर लिया। बाद में विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में विधान परिषद में विपक्ष के नेता दरेकर ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए जनता द्वारा सरपंच चुने जाने के फैसले को पलट दिया है। सरकार ने जिस तरीके से जल्दबाजी में विधेयक को पेश किया। उसकी हम निंदा करते हैं। इस विधेयक पर सदन में सदस्यों को अपने विचार रखने थे। लेकिन सदन में दो दिनों से विपक्ष की आवाज दबाई जा रही है। विपक्ष के सदस्यों को कुछ बोलने नहीं दिया गया।
1574 ग्राम पंचायतों के लिए भी होगा लागू
विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में ग्राम विकास मंत्री मुश्रीफ ने कहा कि राज्य में 1 हजार 574 ग्राम पंचायतों के चुनाव 29 मार्च को कराए जाने की घोषणा सोमवार को हुई थी। जिसमें सरपंच का चुनाव जनता द्वारा किया जाना था। लेकिन विधानमंडल के दोनों सदनों में संशोधन विधेयक मंजूर होने के बाद सरंपचों का चुनाव सीधे जनता द्वारा नहीं बल्कि अब ग्राम पंचायत के सदस्यों को सरपंच चुनने का अधिकार होगा। इसके पहले इससे संबंधित अध्यादेश को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंजूरी देने से मना कर दिया था। जिसके बाद राज्य की ठाकरे सरकार ने जल्दबाजी में यह संशोधन विधेयक पारित किया है।
अन्ना हजारे ने किया विरोध
जानेमाने समाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने सरपंच का चुनाव सीधे जनता द्वारा किए जाने के फडणवीस सरकार के फैसले को पलटने की आलोचना की है। अन्ना ने ठाकरे सरकार के इस फैसले को लोकतंत्र के खिलाफ बताते हुए कहा कि सरपंच क्या मुख्यमंत्री का चुनाव भी सीधे जनता द्वारा किया जाना चाहिए।
Created On :   25 Feb 2020 6:27 PM IST