Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण से हुई बच्चों की मौतों पर जताई चिंता, 5 माह में 65 मौतें

बॉम्बे हाई कोर्ट ने राज्य के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण से हुई बच्चों की मौतों पर जताई चिंता, 5 माह में 65 मौतें
  • अदालत ने राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का दिया निर्देश
  • जून 2025 से अब तक 65 बच्चों की हुई मौत
  • 24 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को राज्य के मेलघाट क्षेत्र में कुपोषण से हुई बच्चों की मौतों पर चिंता जताई और कुपोषण के संकट से निपटने में राज्य सरकार की बेहद लापरवाही के लिए कड़ी आलोचना की। अदालत ने जून 2025 से अब तक 65 बच्चों की मौतों को भयावह बताया और राज्य सरकार को हलफनामा दाखिल कर जवाब देने का निर्देश दिया है। 24 नवंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और संदेश पाटिल की पीठ ने क्षेत्र में कुपोषण से बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं की लगातार हो रही मौतों को उजागर करने वाली कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा कि जून से अब तक अमरावती जिले के मेलघाट में छह महीने की उम्र तक के 65 शिशुओं की कुपोषण के कारण मौत हो चुकी है। यह भयावह है। सरकार को इसको लेकर चिंतित होना चाहिए। पीठ ने कहा कि 2006 से इस मुद्दे पर निर्देश जारी करने के बावजूद राज्य सरकार के आश्वासन जमीनी स्तर पर अमल में नहीं आए हैं। यह इस मुद्दे पर आपकी (सरकार) गंभीरता को दर्शाता है। आपका रवैया बेहद लापरवाह है।

सुनवाई को दौरान एक याचिकाकर्ता ने जून 2025 से अब तक के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि राज्य के मेलघाट क्षेत्र में शून्य से छह माह के बीच के 65 बच्चों की कुपोषण के कारण मौत हो चुकी है। राज्य सरकार की उदासीनता पर निराशा व्यक्त करते हुए पीठ ने लोक स्वास्थ्य, जनजातीय मामलों, महिला एवं बाल विकास और वित्त विभागों के प्रमुख सचिवों को 24 नवंबर को अदालत के समक्ष पेश होने का आदेश दिया है।

पीठ ने कहा कि 2006 से सरकार के आश्वासन जमीनी स्तर पर कार्रवाई करने में विफल रहे हैं। सरकार लोक स्वास्थ्य के मुद्दे को बहुत हल्के में ले रही है। पीठ ने चारों विभागों को मेलघाट में कुपोषण दूर करने के लिए उठाए गए कदमों का विवरण देते हुए सरकार को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और स्वास्थ्य सेवा में सुधार के लिए प्रोत्साहन के तौर पर आदिवासी इलाकों में तैनात डॉक्टरों को उच्च वेतन देने का सुझाव दिया।

Created On :   12 Nov 2025 9:23 PM IST

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