स्टूडेंट्स के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है मैदान -HC

Grounds are essential for physical development of student said hc
स्टूडेंट्स के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है मैदान -HC
स्टूडेंट्स के शारीरिक विकास के लिए जरूरी है मैदान -HC

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ द्वारा स्कूलों में खेल मैदान की सुविधा न होने का मुद्दा उठाती सू-मोटो जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने कहा है कि विद्यार्थियों के शारीरिक विकास के लिए खेल मैदान जरूरी है। शहर के जिन स्कूलों के पास खेल मैदान नहीं है, शिक्षा विभाग और मनपा मिल कर ऐसे स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए खेल मैदान की पर्यायी व्यवस्था करें। 

148 स्कूलों का हुआ सर्वे
बीती सुनवाई में शिक्षा विभाग ने हाईकोर्ट को बताया था कि नागपुर के 148 स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है। इसके बाद हाईकोर्ट ने मनपा आयुक्त को आदेश दिए थे कि वे अपने सहयोगी अधिकारी-कर्मचारियों की मदद से इन 148 स्कूलों का सर्वे करें और पड़ताल करें कि वाकई इन स्कूलों ने पर्यायी खेल मैदान की व्यवस्था की है या नहीं। इसके अनुसार मनपा ने स्कूलों का सर्वे करके बुधवार को शपथ-पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिससे पता चला कि कई स्कूलों में खेल मैदान की व्यवस्था नहीं है। मनपा ने हाईकोर्ट को बताया कि मनपा के अधीन स्कूलों के विद्यार्थियों को उन्होंने मनपा के पार्क या खुले मैदानों में खेलने की अनुमति दी है। मामले के सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने इस जनहित याचिका का निपटारा कर दिया। मामले में  एड.अनिरुद्ध अनंतकृष्णन न्यायालयीन मित्र थे। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा। 

यह है मामला
बता दें कि स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए पेयजल, शौचालय, शिकायत पेटियां, अग्निशमन यंत्र, इमारत की रूपरेखा जैसे तमाम मुद्दों का उल्लेख शिक्षा का अधिकार कानून में है। वहीं प्रदेश सरकार के 26 अक्टूबर 2012 के जीआर के मुताबिक हर स्कूल में अनिवार्य रूप से खेल का मैदान होना चाहिए। अगर स्कूल के पास मैदान योग्य जमीन न भी हो तो स्कूल को किराए पर खेल का मैदान लेने की अनुमति है। पूर्व में डॉ. नईम अख्तर, मो. आरिफ और फैजान अख्तर ने हाईकाेर्ट में एक याचिका दायर की थी। इस याचिका में दावा किया गया था कि राज्य में लागू आरटीई अधिनियम के तहत स्कूलों में जो सुविधाएं और व्यवस्थाएं होनी चाहिए, वे कामठी के स्कूलों मेम नहीं हैं। कामठी नगर परिषद ने इससे सबक लेकर स्कूलों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई थीं, लेकिन हाईकोर्ट ने सिर्फ कामठी की नहीं, बल्कि पूरे नागपुर के स्कूलों की सुरक्षा व्यवस्था और खेल के मैदानों पर संज्ञान लिया था। अदालत के आदेश पर मनपा ने स्कूलों का सर्वे करके शपथ-पत्र कोर्ट में प्रस्तुत किया, जिसमें कहा गया है कि कि कई स्कूलों में खेल मैदान की व्यवस्था नहीं है। 

 

 

Created On :   27 Jun 2019 11:08 AM IST

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