महाराष्ट्र में समूह विश्वविद्यालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी, चार कॉलेज मिलाकर बनेगी डॉ होमी भाभा यूनिवर्सिटी 

महाराष्ट्र में समूह विश्वविद्यालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी, चार कॉलेज मिलाकर बनेगी डॉ होमी भाभा यूनिवर्सिटी 
महाराष्ट्र में समूह विश्वविद्यालय को मंत्रिमंडल की मंजूरी, चार कॉलेज मिलाकर बनेगी डॉ होमी भाभा यूनिवर्सिटी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान के तहत राज्य सरकार ने क्लस्टर (समूह) विश्वविद्यालय बनाने की अनुमति दी है। इसके तहत मुंबई के चार महाविद्यालयों को एकत्र कर डॉ होमी भाभा विश्वविद्यालय बनाए जाने का फैसला गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। फैसले की जानकारी देते हुए राज्य के शिक्षामंत्री विनोद तावडे ने पत्रकारों को बताया कि इससे उच्च शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने में मदद मिलेगी। इन विश्वविद्यालयों में रोजगार परक पाठ्यक्रम पर खास जोर रहेगा। उन्होंने कहा कि समूह विश्वविद्यालय से महाविद्यालयों के पास उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक इस्तेमाल हो सकेगा। मुंबई में इस तरह का विश्वविद्यालय बनाने के लिए केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने राज्य सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके अनुसार मुंबई स्थित इंस्टीच्यूट आफ साईंस सहित सिडनहम कालेज, एलफिंस्टन कालेज और शासकिय बीएड कालेज को शामिल कर डॉ होमी भाभा विश्वविद्यालय बनाया जाएगा।

निजी विश्वविद्यालयों के लिए नियमों में संशोधन 
शिक्षामंत्री तावडे ने बताया कि निजी विश्वविद्यालय बनाने के लिए नियमों में संशोधन का फैसला लिया गया है। अब एमएमआर रिजन (मुंबई व आसपास), नागपुर व पुणे में 10 एकड़, तहसील मुख्यालय पर 15 एकड़ और ग्रामीण क्षेत्र में निजी विश्वविद्यालय बनाने के लिए 25 एकड़ जमीन कि जरूरत होगी। उन्होंने बताया कि इन विश्वविद्यालयों के लिए फीस नियंत्रण समिति भी बनाई जाएगी।   

गैर कृषि विवि के लिए 32 डीन
राज्य के कुल 11 गैर कृषि विश्वविद्यालयों के लिए 32 स्वतंत्र डीन की नियुक्ति को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। राज्य के पांच बड़े विश्वविद्यालयों के लिए प्रत्येक को 4 और बाकी 6 छोटे विश्वविद्यालयों के लिए प्रत्येक को 2-2 डीन के पद निर्मित किए जाएंगे। तावडे़ ने बताया कि महाराष्ट्र सार्वजनिक विश्वविद्यालय अधिनियम-2016 को वर्ष 2017 से महाराष्ट्र में लागू किया गया है। इस अधिनियम के अनुसार विश्वविद्यालय के प्रत्येक शाखा के लिए डीन की नियुक्ति होनी चाहिए। राज्य के मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद व कोल्हापुर जैसे पांच बड़े विश्वविद्यालयों के लिए चार-चार डीन के पद सृजित किए जाएंगे। इनमें से 10 पद नए बनाए जाएंगे बाकी 10 पदों पर विश्वविद्यालय में कार्यरत सहायक प्राध्यापकों को प्रदोन्नति दी जाएगी। 
 

Created On :   20 Dec 2018 1:44 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story