खाद्यान्न का जीएसटी व्यापारियों से अधिक किसान एवं ग्राहकों के लिए घातक

डिजिटल डेस्क, खामगांव। जीएसटी कहां कि व्यापारी एवं इंडस्ट्रीयलिस्ट की समस्या के रूप में देखा जाता हैं, उस उद्देश से खाद्यान्न पर केंद्र शासन ने जीएसटी लगाया होकर उसका भुर्दंड व्यापारियो पर नहीं तो खेतमाल के दामों पर तथा ग्राहकों के आहार के वस्तुं पर बड़े पैमाने पर परिणाम होने वाला हैं। एक प्रकार से किसानो एवं ग्राहकों का आर्थिक नुकसान करने का केंद्र सरकार का प्रयास होने का सामने आ रहा हैं। खामगांव यहां के फार्मर्स, ट्रेडर्स तथा इंडस्ट्रियलिस्ट संगठन व्दारा इस निर्णय का विरोध किया होकर यह निर्णय रद्द करने के लिए बड़े पैमाने पर संगठन के पदाधिकारी एवं सदस्यो ने उपस्थित रहकर केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सितारामन को उपविभागीय अधिकारी के जरिए ज्ञापन भेजा हैं। ज्ञापन में नमूद हैं कि, उक्त जीएसटी लगाने कारण खाद्यान्न के दामों में बढोतरी होगी एवं किसानो के खेत माल कम दाम में खरीदी किया जाएगा। जिस कारण किसान एवं उपभोक्तो ही जादा प्रमाण में नुकसान सहन करना पडेगा, व्यापारीयो को सिर्फ अकाऊंट का मनस्ताप होगा। अपना देश यह कृषिप्रधान देश होकर कृषि उत्पादन पर टैक्स लगना यह अन्यायकारक हैं। जिस कारण इस निर्णय के चलते सरकार के विरोध में रोष निर्माण हो सकता हैं, इसलिए यह निर्णय तुरंत रद्द करें, ऐसा ज्ञापन में नमूद हैं।
यह रहे उपस्थित
ज्ञापन पर फार्मर्स, ट्रेडर्स तथा इंडस्ट्रीयलिस्ट के पदाधिकारी कैलाश फाटे, विवेक मोहता, विपिन गांधी, डा. विप्लव कवीश्वर, राजेंद्र नहार, सतीश राठी, श्रीकृष्ण टिकार, अजय खंडेलवाल, नितिन संघवी, नितिन टावरी, विनय अग्रवाल, अमित गोयनका, लक्ष्मीकांत सुरेका, तसेच सदस्य सागर चांडक, घनश्याम गांधी, शुभम पाटील, संजय भागदेवानी, संजय बगाडे, बादल पवार, श्रीकांत चोपडे, श्रीराम बेलोकार, विनोद मोरे, सागर चिंचोले, नंदकिशोर बाठे, शेख शब्बीर, विजय शिंदे, विकास शेगोकर, सागर देवकर, दिनेश तायडे, गंगाधर गोयनका, बी डी झांबड, फत्तेलाल चांडक, एम आर खुमकर, नंदकिशोर चांडक राजेश जुमले एवं सैकड़ों किसान व्यापारी उपस्थित थें।
Created On :   17 July 2022 3:39 PM IST