नए कपड़े और पटाखे देख खिले नौनिहालों के चेहरे

Happiness shared before Diwali - New clothes and firecrackers were seen on the faces of the young ones
नए कपड़े और पटाखे देख खिले नौनिहालों के चेहरे
दिवाली से पूर्व बांटी खुशियां नए कपड़े और पटाखे देख खिले नौनिहालों के चेहरे

 संवाददाता| एटापल्ली. आजादी के 7 दशक बाद भी कई ऐसे गांव हैं जहां के ग्रामीणों को हर वर्ष दीपोत्सव का त्यौहार मामूली रूप से ही मनाना पड़ता है। लेकिन इस वर्ष एटापल्ली तहसील के नक्सलग्रस्त मालनगट्‌टा, इरपनपायली और रेचा गांव के नागरिकों ने दीपोत्सव का अनोखा त्यौहार मनाया। जहां  लंबे बरसे से नये कपड़ों की आस लगाए बैठे नौनिहालों को जब नए कपड़े और पटाखे दिए गये तो सभी के चेहरों में अनोखी मुस्कान खिल उठी। वर्धा की गोंडवाना अस्मिता बहुउद्देशीय संस्था के कार्यकर्ताओं ने इन गांवों में पहुंचकर ग्रामीणों के साथ दीपोत्सव का त्यौहार मनाकर उनके एक अनोखी खुशियां बांटने का प्रयास किया। बता दें कि, मालनगट्‌टा, इरपनपायली और रेचा गांव सुदूर इलाकों में बसे हुए हैं। जहां आज तक सरकार की कोई कल्याणकारी योजना पहुंच नहीं पाई। पैदल चलने के लिए भी ग्रामीणों को पगडंडी का सहारा लेेना पड़ता है। खेतों में धान की फसल उगाकर यहां के आदिवासी अपना गुजर-बसर करते आ रहे हैं। इन आदिवासियों के लिए दीपोत्सव का कोई विशेष महत्व नहीं है। ऐसे ग्रामीणों के चेहरों में खुशियां लाने के लिए वर्धा की गोंडवाना अस्मिता बहुउद्देशीय संस्था के कार्यकर्ताओं ने गांव पहुंचकर आदिवासियों के साथ दिवाली मनायी। गांव में पहुंचकर नन्हें बच्चों को नये कपड़ों का वितरण किया गया। साथ ही पटाखों समेत कंबल और अन्य जीवनावश्यक साहित्यों का वितरण इस समय किया गया। इन सामग्रियों को देख छोटे बच्चों के चेहरों में अनोखी मुस्कान देखी गयी, जो वर्षों से देखी नहीं गई थी। दिवाली पर अनोखी भेंट प्राप्त होने पर ग्रामीणों ने भी संस्था कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस समय संस्था अध्यक्ष अशोक मड़ावी, उपाध्यक्ष कपिल कोटनाके, कपिल सोनटक्के, देवराज धुर्वे, राजेंद्र मड़ावी, मंगेश शेडमाके, लुकेश गावंडे, प्रमोद उसेंडी, मोरेश्वर वट्‌टी, गजेंद्र कुरवेटी, प्रदीप सिडाम, नीतेश कंगाली, दिलीप टेकाम, रेवंत कन्नाके, देवचंद पदा, शैलेश मट्‌टामी, अशोक अादि समेत अन्य उपस्थित थे। 
 

 विद्यार्थियों को दिए गणवेश और पुस्तकें 
 

 एटापल्ली तहसील के आदिवासियों के साथ दिवाली का अनोखा उत्सव मनाने के बाद संस्था के पदाधिकारी धानोरा तहसील के आदिवासी बहुल मोहगांव पहुंचे। जहां कार्यकर्ताओं ने विद्यार्थियों को गणवेश के साथ पुस्तकों व अन्य सामग्री का वितरण किया। गांव की पारंपरिक कोया ज्ञानबोध गोटूल शाला में पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने विद्यार्थियों के साथ भी दिवाली का त्यौहार मनाया। संस्था ने शाला को स्वाधीनता सेनानी वीर बाबूराव शेडमाके और रानी दुर्गावती की प्रतिमा भी भेंट दी। बता दें कि, यह शाला ग्रामसभा के माध्यम से चलायी जा रही है। नया गणवेश देख यहां के विद्यार्थियों के चेहरों में भी मुस्कान खिल उठी थी।
 

Created On :   3 Nov 2021 12:52 PM GMT

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