शहर में हाल-बेहाल : पहले टॉयलेट की सफाई फिर सेनिटाइजेशन को निकलती हैं प्रेशर मशीनें

Harassment in the city: First toilet cleaning, then sanitization leads to pressure machines
शहर में हाल-बेहाल : पहले टॉयलेट की सफाई फिर सेनिटाइजेशन को निकलती हैं प्रेशर मशीनें
शहर में हाल-बेहाल : पहले टॉयलेट की सफाई फिर सेनिटाइजेशन को निकलती हैं प्रेशर मशीनें

विडंबना - केवल कोरोना पॉजिटिव व आस-पास ही छिड़काव के निर्देश सेंटर की व्यवस्थाओं को देखने के लिए सांसद राकेश सिंह, कलेक्टर भी पहुँचे। इस दौरान एसडीएम नम: शिवाय अरजरिया सहित अधिकारी मौजूद रहे।
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
शहर में सेनिटाइजेशन का हाल यह है कि जिन पॉवर स्प्रे जेट मशीनों की दम पर नगर निगम यह दावा करता है कि शहर में सेनिटाइजेशन कराया जा रहा है और अभियान के तहत पूरे शहर में यह कार्य हो रहा है। दरअसल पहले हर जोन में ऐसी एक-एक पॉवर स्प्रे जेट मशीनें थीं और मुख्यालय से अलग एक-एक मशीनें भेजी जाती थीं, जिससे पिछले साल मार्च और अप्रैल में जोरदार अभियान चलाया गया था। इस बार केवल जोन की ही मशीनों से यह कार्य हो रहा है, वह भी यही मशीनें पहले सार्वजनिक शौचालयों को धोती हैं और उसके बाद इनसे कोरोना पॉजिटिव मरीजों के घर और ज्यादा हुआ तो अगल-बगल के घरों में छिड़काव कर दिया जाता है। बाकी शहर भगवान भरोसे। 
पिछले साल निगम ने मेट्रो बसों को भी कोरोना से युद्ध में उतार दिया था और ये बसें एक साथ 20 से 25 कर्मचारियों को लेकर निकलती थीं और जिस भी वार्ड में एक साथ ये कर्मचारी पहुँचते थे वहाँ हर घर को सेनिटाइज्ड कर दिया जाता था, कीटनाशकों का छिड़काव होता था और लगे हाथ फॉगिंग का धुआँ भी कर दिया जाता था। इससे कोरोना संक्रमण तो कम हुआ ही साथ ही मच्छर भी पैदा नहीं हो पाए जबकि इस बार मच्छरों की भी भरमार है और कोरोना के मरीजों की भी। 
हर जोन में हो अतिरिक्त टीम
नगर निगम के कुल 16 जोन हैं और 4 से लेकर 6 वार्ड तक आते हैं। ऐसे में इतने बड़े क्षेत्र को सेनिटाइज्ड करना काफी कठिन कार्य है। इसके लिए निगम को कम से कम 20 से 25 कर्मचारियों की टीम हर जोन में तैनात करनी चाहिए लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। अब कुल 20 कर्मचारियों को ही मुख्यालय में रखा गया है और वे ही पूरे शहर को देख रहे हैं। ऐसे में निश्चित ही न कोरोना नियंत्रित होगा और न ही मच्छर। 
सामग्री का भी रोना- 
नगर निगम ने कंजूसी की ऐसी चादर ओढ़ ली है जिससे नागरिकों का हित छिप गया है। न तो सेनिटाइजेशन के लिए पर्याप्त सामग्री खरीदी जा रही है और न ही कर्मचारियों को ही लगाया जा रहा है। फॉगिंग मशीनों को डीजल और पेट्रोल तक नहीं दिया जा रहा है, जिससे ये मशीनें भी खड़ी हैं। पिछले दिनों सोडियम हाइपोक्लोराइट की खरीदी की गई लेकिन जब जेट प्रेशर मशीनें ही नहीं लगाई जाएँगी तो इनका छिड़काव कैसे होगा।

Created On :   27 April 2021 7:44 PM IST

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