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जमनालाल बजाज संस्थान की 70 % सीटे मुंबई विवि को देने का फैसला हाईकोर्ट ने किया रद्द

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य में प्रबंधन शिक्षा के प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान मुंबई के जमनालाल बजाज इंस्टीच्यूट की 70 प्रतिशत सीटे मुंबई विश्वविद्यालय से पढाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए आरक्षित करने के निर्णय को रद्द कर दिया है। अब इस संस्थान की 85 फीसदी सीटों पर सीईटी प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने तकनीकी शिक्षा निदेशालय व सीईटी प्रकोष्ठ को चार सप्ताह के भीतर नए सिरे से पूरी प्रवेश प्रक्रिया को पूरा करने को कहा है। अदालत ने स्पष्ट किया है की किसी भी स्थिति में मैरिट से समझौता नहीं किया जा सकता है
संस्थान को स्वायत्ता न मिलने के कारण इसकी 70 प्रतिशत सीटे मुंबई विश्वविद्यालय से पढाई करनेवालेविद्यार्थियों के लिए आरक्षित कर दी गई थी। जबकि सिर्फ 15 प्रतिशत सीटे मुंबई विश्वविद्यालय के अलावा राज्य केदूसरे विश्वविद्यालय से पढाई करने वाले छात्रों के लिए रखी गई थी। इस फैसले के खिलाफ नौ विद्यार्थियों ने हाईकोर्टमें याचिका दायर की थी।
मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि जमनालाल बजाज संस्थानकी स्वायत्ता को न तो रद्द किया गया है औैर न ही उसने अपनी स्वायत्ता का समर्पण किया है।स्वायत्ता से जुड़ीवैधानिक प्रक्रिया को समय से न पूरा किए जाने के चलते उसे स्वायत्ता नहीं मिल पाई है।
इस मामले में तकनीकीशिक्षा महानिदेशालय (डीटीई) के निदेशक, राज्य का उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग तथा मुंबई विश्वविद्यालय अपनेवैधानिक दायित्वों का निवर्हन करने में पूरी तरह से विफल रहे हैं
महानिदेशालय व उच्च व तकनीकी शिक्षाविभाग की लापरवाही के चलते विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा हयदि संस्थान को स्वायत्ता नहींमिल पायी थी तो सरकार के पासजमनालाल बजाज की डीम्ड स्वायत्ता कायम रखने का अधिकार है लेकिनसरकार ने अपने इस अधिकार का इस्तेमाल नहीं किया है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।