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स्कूल बसों की सुरक्षा में लापरवाही को लेकर 93 प्राचार्यों और संस्था अध्यक्षों के खिलाफ वारंट जारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्कूल बस सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने वाले 93 स्कूलों के संस्था अध्यक्षों और प्राचार्यों के नाम 25-25 हजार रुपए के जमानती वारंट जारी किए हैं। नागपुर खंडपीठ में स्कूल बसों की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। इसके पहले कोर्ट ने कुल 126 स्कूलों को नोटिस जारी कर 5000 रुपए की ‘कॉस्ट’ लगाई थी। 33 स्कूलों ने ‘कॉस्ट’ जमा कर अपना जवाब पेश किया, लेकिन 93 स्कूलों ने हाईकोर्ट के नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया। इस पर सख्त एतराज कर कोर्ट ने स्कूलों के प्राचार्यों और संस्था के अध्यक्षों के खिलाफ वारंट जारी किया है।
ये है मामला
9 जनवरी 2013 को स्कूल बस से उतरते वक्त बस की चपेट में आने से विरथ झाड़े नामक बच्चे की मौत हो गई थी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हाईकोर्ट ने स्वयं जनहित याचिका दायर की थी। पूर्व में याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यातायात आयुक्त को राज्यभर में जिला स्तर पर और शाला स्तर पर समिति गठित करने के निर्देश दिए थे। समितियों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था कि स्कूली विद्यार्थियों को लाने-ले-जाने वाले वाहनों का नियमित रख-रखाव किया जा रहा है या नहीं।
नोटिस का जवाब नहीं दिया
कोर्ट ने विद्यार्थियों की यातायात सुरक्षा के लिए बनाए नियमों को लागू करने की जिम्मेदारी भी दी थी। न्यायालयीन मित्र फिरदौस मिर्जा ने कोर्ट में आरोप लगाया था कि ये तमाम स्कूल बस सुरक्षा नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। राज्य में करीब 12 हजार स्कूल बसों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं हैं। इस पर कोर्ट ने इन स्कूलों से जवाब मांगा था। लेकिन जिन स्कूलों ने हाईकोर्ट के नोटिस का जवाब नहीं दिया। उनके प्राचार्यों और अध्यक्षों के खिलाफ वारंट जारी कर दिया गया है।
Created On :   8 Nov 2017 11:22 PM IST