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हाईकोर्ट ने कहा- लॉ यूनिवर्सिटी को एक सप्ताह में डेढ़ करोड़ दे सरकार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने राज्य सरकार को एक सप्ताह के भीतर महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय नागपुर (लॉ यूनिवर्सिटी) को डेढ़ करोड़ की निधि जारी करने के आदेश दिए हैं। सरकार से पर्याप्त अनुदान नहीं मिलने के कारण विवि इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रहा है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन नागपुर ने विवि के विकास पर केंद्रित जनहित याचिका हाईकोर्ट में दायर की है। इसमें याचिकाकर्ता ने अर्जी जोड़ कर विवि को मार्च के अंत तक 3 करोड़ रुपए का अनुदान जारी करने के आदेश देने की प्रार्थना की थी।
एक सप्ताह में देना होगा जवाब
मामले में बुधवार को कोर्ट में हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने जानकारी दी कि उसने हाल ही में विवि को डेढ़ करोड़ की निधि जारी की है, जिसके बाद शेष राशि भी एक सप्ताह के भीतर जारी करने के आदेश हाईकोर्ट ने जारी किए। आदेश में कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश में लॉ विवि शुरू करने के बाद सरकार उसकी आर्थिक जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ सकती। इसलिए कोर्ट ने उच्च व तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव को शपथपत्र देकर यह बताने को कहा कि सरकार ने प्रदेश में संचालित तीनों नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के लिए अब तक कितनी निधि मंजूर कर कितना आवंटित किया। सरकार को एक सप्ताह में जवाब देना होगा।
यह है मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार अनुदान नहीं मिलने के कारण विश्वविद्यालय को अपने दैनिक कार्यान्वयन में परेशानी हो रही है। विविध कामों के भुगतान लटके हुए हैं और आर्थिक परेशानी हो रही है। ऐसे में उन्होंने किसी भी हालत में मार्च के अंत तक विवि के लिए कम से कम तीन करोड़ रुपए जारी करने के आदेश देने की प्रार्थना हाईकोर्ट से की थी। इसी अर्जी में एक और मुद्दा उठाया गया है। राज्य के वित्त विभाग ने मुंबई, नागपुर और आैरंगाबाद की लॉ यूनिवर्सिटी के लिए बजट में कुल 33 करोड़ का प्रावधान रखा था। इसमें बाद में 10 प्रतिशत कटौती होने के बाद 27 करोड़ रुपए बचे हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता ने तीनों विश्वविद्यालयों में 9-9 करोड़ रुपए बराबर आवंटित करने का मुद्दा उठाया है। जल्द ही इस मुद्दे पर कोर्ट में सुनवाई होगी।
विवि की आर्थिक तंगहाली का मुद्दा
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन द्वारा विवि के विकास पर केंद्रित जनहित याचिका दायर की गई थी। एक अरसे से लंबित नागपुर लॉ यूनिवर्सिटी की जल्द से जल्द शुरुआत का मुद्दा इसमें उठाया गया था। विवि शुरू होने के बाद इसके स्थाई कैंपस के लिए जमीन, यहां की पदभर्ती, विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल और अन्य कई सुविधाओं को लेकर याचिका में विषय रखे गए थे। अब याचिका में विवि की आर्थिक तंगहाली का मुद्दा उठाया गया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड. सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।
Created On :   8 March 2018 4:52 PM IST