हाईकोर्ट ने कहा- कुछ अधिकारियों, लोगों की गलती का खामियाजा नहीं भुगतेगी जनता 

hc said people will not pay for the mistake of Some officers
हाईकोर्ट ने कहा- कुछ अधिकारियों, लोगों की गलती का खामियाजा नहीं भुगतेगी जनता 
हाईकोर्ट ने कहा- कुछ अधिकारियों, लोगों की गलती का खामियाजा नहीं भुगतेगी जनता 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शहर में बिजली नियमों के उल्लंघन से संबंधित जनहित याचिका पर बड़ा आदेश जारी किया है। तमाम सरकारी नियमों को धता बताते हुए शहर में 2 हजार से अधिक नागरिकों ने बिजली के खतरनाक तारों के नजदीक घरों का निर्माणकार्य किया है। हाईवाेल्टेज तारों के संपर्क में आने से शहर में लोगों की मृत्यु हो रही है। बीती सुनवाई के दौरान अवैध निर्माण करने वाले 2 हजार नागरिकों के नाम मनपा, नागपुर सुधार प्रन्यास, न्यायालीन मित्र ने हाईकोर्ट में प्रस्तुत किए थे। हाईकोर्ट ने समाधान के लिए एक विशेष समिति गठित की थी। बुधवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अहम आदेश जारी किए हैं।

2.50 करोड़ का खर्च बताया
सुनवाई में समिति ने हाईकोर्ट को अपना एक साल का प्रस्तावित खर्च बताया। समिति के अनुसार उसे कामकाज करने के लिए कुल 2 करोड़ 50 लाख रुपए की जरुरत पड़ेगी। इतनी बड़ी राशि का प्रस्ताव नागपुर खंडपीठ को नागवार गुजरा। कोर्ट ने समिति को यह खर्च कम करके दोबारा शपथ-पत्र दाखिल करने का आदेश दिए।

कर्मचारियों के वेतन से कटेगा हर्जाना 

हालांकि हाईकोर्ट ने समिति के खर्च का प्रस्ताव खारिज किया, मगर भविष्य में समिति का जो भी खर्च होगा, उसके इंतजाम के लिए हाईकोर्ट ने एक तरकीब निकाली है। हाईकोर्ट ने अपने निरीक्षण में कहा है कि सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से शहर में हाईवोल्टेज तारों से मृत्यु की समस्या उपजी है, और इसके लिए समिति का इतना बड़ा खर्च प्रस्तावित है। ऐसे में समिति के खर्च का भुगतान सरकार नहीं करेगी, क्योंकि सरकारी पैसा जनता का पैसा है। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि खर्च की भरपाई सभी मनपा, नासुप्र, महावितरण जैसी जिम्मेदार संस्थाओं के कर्मचारियों के मासिक वेतन से काटी जाए।

अवैध निर्माण करने वालों को झटका

हाईकोर्ट ने तय किया है कि समिति के कामकाज के लिए खर्च केवल कर्मचारियों से ही नहीं वसूला जाएगा। बल्कि जिन 2000 से अधिक नागरिकों ने अवैध निर्माण किया, उन्हें भी दंड भुगतना होगा। योगदान की राशि कितनी होगी, यह कोर्ट तय करेगा। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने इन सभी लोगों को प्रतिवादी बना कर उन्हें नोटिस जारी किया है। साथ ही 14 फरवरी को होने वाली सुनवाई मंे व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहकर उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश िदए हैं। हाईकोर्ट ने नासुप्र और मनपा को संयुक्त रूप से यह इन लोगों के नाम मराठी, हिंदी और अंग्रेजी अखबरों में छपवाने के आदेश दिए है। 

यह है मामला 

बीते दिनों सुगतनगर में दो जुड़वां भाइयों और हिंगना परिसर में पांच वर्षीय उमेश पांडे की मृत्यु जैसे हादसों ने शहर को हिलाकर रख दिया था। इसके बाद एक सर्वेक्षण में यह भी निकलकर आया कि शहर में 141 ऐसे स्थान हैं, जो खतरनाक हैं। नियमों के मुताबिक 650 वोल्ट से अधिक और 33 हजार वोल्ट से कम बिजली अगर कहीं से गुजरे, तो इमारत और बिजली के तारों की ऊंचाई में 3.7 मीटर का अंतर जरूरी है। बिजली के तारों से घर की दूरी दो मीटर दूर होना जरूरी है। मामले में न्यायालयीन मित्र एड. श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे हैं। मामले में मध्यस्थी अर्जदार मनीष जबलपुरे की ओर से एड. शशिभूषण वहाने ने पक्ष रखा। मनपा की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।

Created On :   10 Jan 2018 10:46 PM IST

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