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व्यावसायिक संस्थानों को मंजूरी देते समय नियमों का किया जाए पालन-हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि सरकारी प्राधिकरण व्यावसायिक संस्थानों (पब,होटल व रेस्टोरेंट) को मंजूरी देते समय आश्वस्त करे की मंजूरी से जुड़े सभी नियमों का पालन हो। हाईकोर्ट ने यह बात पिछले साल 29 दिसंबर को कमला मिल कंपाउंड के मोजो व वन अबव पब में लगी आग को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कही। इस हादसे में 14 लोगों की जान चली गई थी। यह याचिका पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त जूरियो रेबेरो ने दायर की है। याचिका में इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है। इसके साथ ही अदालत से अनुरोध किया गया है कि मुंबई महानगरपालिका को महानगर की सभी रेस्टोरेंट व होटलों का फायर सेफ्टी आडिट कराने का निर्देश दिया जाए।
मंगलवार को वरिष्ठ अधिवक्ता सुजाय कांटावाला ने न्यायमूर्ति आरएम बोर्डे व न्यायमूर्ति राजेश केतकर की खंडपीठ के सामने इस याचिका का उल्लेख किया। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम 15 जनवरी को इस याचिका पर सुनवाई करेगे। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि जब सरकारी अधिकारी व्यावसायिक संस्थानों को मंजूरी देते है तो उस पर उनका नियंत्रण भी होना चाहिए। ऐसे संस्थानों में इतनी जगह होनी चाहिए की आपदा की स्थिति में वहां पर दमकल की गाड़ियां आ जा सके।
लापरवाही का भी किया उल्लेख: याचिका में कहा गया है कि कमला मिल के हादसे ने पूरी तरह से मनपा अधिकारियों की लापरवाही को उजागर कर दिया। क्योंकि अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियमों को लागू करने का जिम्मा स्थानीय निकायों का है। जिसमे वह विफल रहा है। इसलिए मनपा को निर्देश दिया जाए कि जिन रेस्टोरेंट,होटल व पब को उसने लाइसेंस प्रदान किया है उनका वह फायर सेफ्टी आडिट करे और उसकी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करे। याचिका में कहा गया है कि कमला मिल कंपाउंड के हादसे के लिए कौन से सरकारी अधिकारी व निजी लोग जिम्मेदार है। इसका भी पता लगाने का निर्देश दिया जाए। इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि जांच के लिए विशेष जांच दल का भी गठन किया जाए।
Created On :   9 Jan 2018 7:13 PM IST